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बुधवार, 26 नवंबर 2014
सोमवार, 23 दिसंबर 2013
Ankhiyan tumhi ko (Krishna) - Ananda Marga Prabhath Samgeeth
29-07-2011 को अपलोड किया गया
ÁNKHIYÁ TUMHI KO CÁHATI HAEN, 2
PÁNE KO PYÁSII HAEN,
ÁNKHIYÁ TUMHI KO CÁHATI HAEN,
VRNDÁVANA KE VANA VANA MEAN,
VRAJA VÁSII KE MAN MAN MEAN,
YAMUNÁ KE KÁLE NIIR MEN,
EK MOHAN HI RAMATÁ HAE,
ÁNKHIYÁ TUMHI KO CÁHATI HAEAN, 2
DHENU CALE TUMHÁRI KHOJA MEAN,
VEŃU BOLE TUMHÁRI ÁSHA MEAN,
KOYEL ROYE KHONE KI LÁJA MEN,
BINÁ CÁNDA ANDHERÁ HAE,
ÁNKHIYÁ TUMHI KO CÁHATI HAEN, 2
O Lord, my eyes always want and search you.
They are thirsty to get You.
In the forests of Vrnda'van,
within the minds of Vraj-dwellers,
in the dark water of Yamuna',
only one enchanting Mohan resides.
The cows wander to search you,
the flute calls expecting you;
the cuckoo cries shamefully,
there is darkness without moon.
Meaning: Vrindavan, the heavenly abode of Lord Krishna is a domain of divinity. Vrindavan is considered the jewel of the Brijbhumi as the Lord Krishna left an indelible impression of childhood days there. The city of the lord reverberates with religious fervour. The sacred river Yamuna highlights its charm, flowing with the philosophy of life as preached by the Lord himself.
HINDI SONG OF SHRI SHRI ANANDA MURTHIJI
His 4733th Song written on 01/02/1990 about Krishna
Parampita Baba Ki Jai
PÁNE KO PYÁSII HAEN,
ÁNKHIYÁ TUMHI KO CÁHATI HAEN,
VRNDÁVANA KE VANA VANA MEAN,
VRAJA VÁSII KE MAN MAN MEAN,
YAMUNÁ KE KÁLE NIIR MEN,
EK MOHAN HI RAMATÁ HAE,
ÁNKHIYÁ TUMHI KO CÁHATI HAEAN, 2
DHENU CALE TUMHÁRI KHOJA MEAN,
VEŃU BOLE TUMHÁRI ÁSHA MEAN,
KOYEL ROYE KHONE KI LÁJA MEN,
BINÁ CÁNDA ANDHERÁ HAE,
ÁNKHIYÁ TUMHI KO CÁHATI HAEN, 2
O Lord, my eyes always want and search you.
They are thirsty to get You.
In the forests of Vrnda'van,
within the minds of Vraj-dwellers,
in the dark water of Yamuna',
only one enchanting Mohan resides.
The cows wander to search you,
the flute calls expecting you;
the cuckoo cries shamefully,
there is darkness without moon.
Meaning: Vrindavan, the heavenly abode of Lord Krishna is a domain of divinity. Vrindavan is considered the jewel of the Brijbhumi as the Lord Krishna left an indelible impression of childhood days there. The city of the lord reverberates with religious fervour. The sacred river Yamuna highlights its charm, flowing with the philosophy of life as preached by the Lord himself.
HINDI SONG OF SHRI SHRI ANANDA MURTHIJI
His 4733th Song written on 01/02/1990 about Krishna
Parampita Baba Ki Jai
गुरुवार, 14 नवंबर 2013
आनंदमार्ग स्कूल में कामरेड रणधीर सिंह का सम्मान
ਆਨੰਦ ਮਾਰਗ ਸਕੂਲ ਵਿੱਚ ਕਾਮਰੇਡ ਰਣਧੀਰ ਸਿੰਘ ਦਾ ਸਨਮਾਣ
दिल्ली से आई अवधूतिका आनंद नारायणी ने आनंद मार्ग के मिशन और फलसफे पर संक्षिप्त रहते हुए भी काफी कुछ बताया। जिसे सुन कर मेहमान स्तम्ब रह गए। गौरतलब है कि आनंद मार्ग की स्थापना श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने 1955 में की थी। बहुत से विरोधों और कठिनाईओं के बावजूद लगातार आगे बढ़ता हुआ आनंद मार्ग आज विश्व भर में चूका है।
कामरेड रणधीर सिंह ने कि वह इस संगठन के बारे में कुछ ज़यादा तो नहीं जानते लेकिन इनके प्रयासों के बारे में थोड़ा बहुत सुनते रहते हैं। कामरेड ने आनंद मार्ग की ओर से बहुत ही वाजिब फीस पर उच्च शिक्षा देने और मेडिकल कैम्पों के आयोजन की तारीफ़ की।
स्कूल के बच्चों ने रंगारंग और संगीतमय आइटमों से समय बाँधा। एंकरिंग का काम गगनदीप सिंह नामक एक बाल छात्र ने बहुत ही कुशलता से किया। जय श्री, अदिति, अमन, देव, आनन्दा, मोहित, सुमीत, विमल, स्नेह, वरमिवा, नेहा और बहुत से बच्चों ने अलग अलग आइटमें करके देश और दुनिया की हालत किया। जातिपाति का विरोध, पर्यावरण और शिक्षा का संदेश देते हुए कार्यक्रम ठीक दो बजे शुरू होकर शाम बजे तक चला। अंत में स्कूल की प्रिंसीपल आचार्य रत्नज्योति ने सभी का धन्यवाद किया।
लुधियाना में आकर्षण का केंद्र बना रहा बांगला डांस गीत
आनंदमार्ग स्कूल में कामरेड रणधीर सिंह का सम्मान
आनंद मार्ग स्कूल में बाल दिवस के मौके पर हुआ वार्षिक समारोह
बच्चों के आइटमों ने बड़ों को भी याद दिलायीं आज की बुनियादी समस्याएं
दिल्ली से आई अवधूतिका आनंद नारायणी ने आनंद मार्ग के मिशन और फलसफे पर संक्षिप्त रहते हुए भी काफी कुछ बताया। जिसे बार मेहमान स्तम्ब रह गए।गौरतलब है कि आनंद मार्ग की स्थापना श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने १९५५ में की थी। बहुत से विरोधों और कठिनाईओं के बावजूद लगातार आगे बढ़ता हुआ आनंद मार्ग आज विश्व भर में चूका है।
स्कूल के बच्चों ने रंगारंग और संगीतमय आइटमों से समय बाँधा। एंकरिंग का काम से गगनदीप सिंह ने बहुत ही कुशलता से किया। जय श्री, अदिति, अमन, देव, आनन्दा, मोहित, सुमीत, विमल, स्नेह, वरमिवा, नेहा और बहुत से बच्चों ने अलग अलग आइटमें करके देश और दुनिया की हालत किया। जातिपाति का विरोध, पर्यावरण और शिक्षा का संदेश देते हुए कार्यक्रम ठीक दो बजे शुरू होकर शाम बजे तक चला। अंत में स्कूल की प्रिंसीपल आचार्य रत्नज्योति ने सभी का धन्यवाद किया।
आनंदमार्ग स्कूल में कामरेड रणधीर सिंह का सम्मान
लुधियाना में आकर्षण का केंद्र बना रहा बांगला डांस गीत
शुक्रवार, 8 नवंबर 2013
बाबा नाम केवलम और भक्ति के चमत्कार की एक सत्य कथा
इस फ़िल्मी कहानी के वास्तविक पात्रों से भी आप मिल सकते हैं
Published on Apr 21, 2013
This short film is not a documentary but not less than it...this is based on the true incidents....and prove the power of keertan. The police officer mentioned in the story is still alive....he may be contacted with the help of Anand Marga activists....
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रविवार, 3 नवंबर 2013
आनंद मार्ग स्कूल ने भी दिया ग्रीन दीवाली का संदेश
आश्रम में बनाई मिठाई से कराया गया बच्चों का मुँह मीठा
आरपीएफ के यशवंत सिंह ने दिलाई बच्चों को सौगंध
लुधियाना : 2 नवम्बर 2013: दीपावली से एक दिन पूर्व 2 नवंबर शनिवार को छोटी दीवाली के अवसर पर लुधियाना की न्यू कुंदनपुरी में स्थित आनंद मार्ग आश्रम में भी एक सादगी भरा कार्यक्रम आयोजित करके ग्रीन दीवाली का संदेश दिया गया। इस शुभ अवसर पर आरपीएफ के एक उच्च अधिकारी यशवंत सिंह मुख्य मेहमान के तौर पर शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम का उद्धघाटन करने के बाद श्री श्री आनंद मूर्ती जी की तस्वीर के सामने बहुत ही श्रद्धा व् सम्मान के साथ माथा भी टेका और आरती भी उतारी।
उन्होंने बच्चों को रेलवे और रेलवे में आरपीएफ कि भूमिका के बारे में भी संक्षिप्त जानकारी दी और दीपावली को प्रदूषण रहित मनाने कि आवश्यकता के बारे में भी विस्तार से समझाया। इसके बाद उन्होंने बच्चों को सत्य और आदर्श पर हमेशां अडिग रहने की सौगंध भी दिलाई। स्कूल के बच्चो और स्टाफ ने भी उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। रंगोली और अन्य सजावट को देख कर सभी मेहमान दंग रह गए। अमृतसर से ए हुए एक अन्य आचार्य हरगोविंदनंद भी इस यादगारी अवसर पर मौजूद रहे।
अंत में स्कूल के प्रिंसिपल और आश्रम के इंचार्ज आचार्य गोविंदानंद ने मीडिया के साथ भी बात की और दीपावली के संबंध में आनंद मार्ग के दृष्टिकोण की जानकारी दी। आये हुए खास मीडिया मेहमानों को पुस्तकों कि सौगात भी दी गयी। --रेकटर कथूरिया
शुक्रवार, 24 मई 2013
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