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गुरुवार, 29 अगस्त 2024

ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश, लुधियाना ने किया जेल का दौरा

 29th August 2024 at 5:04 PM From DPRO  कार्यालय जिला जनसंपर्क अधिकारी लुधियाना

सेंट्रल जेल, बोर्स्टल जेल और ज़नाना जेल का लिया जायज़ा    

लुधियाना: 29 अगस्त  2024:(DPRO//मीडिया लिंक//कोमल शर्मा//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी डेस्क):: 
जेल में जाने के बाद बड़ों बड़ों की ज़िन्दगी में तब्दीली आने लगती है। इसके साथ ही सोच में बदलाहट आ जाती है। खुद की समीक्षा भी खुद ही होने लगती है और एटीएम अवलोकन की संभावनाएं भी बनने लगती हैं। लेकिन हर मामले में हर कैदी की कथा व्यथा अलग ही होती है। इनकी मुश्किलें और उम्मीदें भी अलग होती हैं। इन कठिनाईयों  जायज़ा लेने के लिए उच्च अधिकारीयों की एक टीम ने सेंट्रल जेल, बोर्स्टल जेल और ज़नाना जेल का दौरा किया। 

ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, ज़िला कानूनी सेवा प्राधिकरण, लुधियाना हरप्रीत कौर रंधावा ने सेंट्रल जेल, बोर्स्टल जेल और जनाना जेल, लुधियाना का विशेष दौरा किया।

इस अवसर पर उनके साथ सचिव, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, लुधियाना हरविंदर सिंह और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लुधियाना राधिका पुरी भी उपस्थित थे।

हरप्रीत कौर रंधावा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, लुधियाना ने जेल के कैदियों के सामने आने वाली कठिनाइयों की समीक्षा की और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

उन्होंने जेल की बैरकों और रसोई की भी जांच की और साफ-सफाई का भी आकलन किया गया। इसके अलावा, उन्होंने जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, लुधियाना द्वारा कैदियों/बंदियों को प्रदान की जाने वाली मुफ्त कानूनी सहायता योजना के बारे में भी जानकारी दी और माननीय उच्च न्यायालय और माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अपील की विधि के बारे में जागरूक किया और सीमा अवधि की भी जानकारी दी। 

उन्होंने जेल अधीक्षक को निर्देश दिए कि जो भी व्यक्ति सरकारी खर्चे पर अपना केस चलाना चाहते हैं, उनके फार्म भरकर दो दिन के अंदर जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी, लुधियाना के कार्यालय में भेजना सुनिश्चित करें ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।

उन्होंने स्पष्ट किया कि जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, लुधियाना द्वारा उकट जेल में कानूनी सहायता क्लिनिक चलाए जा रहे हैं, जहां पैरा लीगल स्वयं सेवकों को नियुक्त किया गया है। इन क्लीनिकों से कैदी अपने मामले के बारे में कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

अब देखना है कि जेल की मुश्किलें कितने अपराधियों के ह्रदय में परिवर्तन करके उन्हें बदल पाती हैं। कितनों की सोच को किसी और तरफ लगा कर समज के लिए कुछ अच्छा करवा सकती हैं। 

शनिवार, 7 नवंबर 2020

Command Call

 Range training event at Fort Drum, N.Y 


Marine Corps Ashlee Ford repeats a command during a range training event at Fort Drum, N.Y., Nov. 6, 2020.

सोमवार, 17 अगस्त 2020

स्वतंत्रता दिवस पर हुआ ट्राई सिटी चंडीगढ़ में महिला काव्य मंच का आयोजन

 पुरुष हो कर भी नारी कलमकारों को एकजुट करने में लगे हैं नरेश नाज़ 
चंडीगढ़: 16 अगस्त 2020: (पुष्पिंदर कौर//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी)
स्वतंत्रता दिवस के सुअवसर पर यह सारा आयोजन यूं तो पंजाबी में था लेकिन हिंदी भाषी कविता का भी गर्मजोशी से स्वागत हुआ। नामी ग्रामी सक्रिय शायरा ऐमी ह्रदय अर्थात अमरजीत कौर हिरदे के प्रयासों और नरेश नाज़ साहिब के आशीर्वाद से ही यह सब सम्भव हो सका। आरम्भ किया ऐमी हृदय ने अपनी इन पंक्तियों से जिनमें उन सपनों का ज़िक्र है जिन सपनों में उसकी चाहत का हिन्दोस्तान है---
ख्वाबां दा तू दे दे मेरा हिंदुस्तान,
भाईचारक जागीर बनाना चाहनी आं।
तिन रंग मेरे मन विच जिहड़े दमक रहे ,
आज़ादी तस्वीर बनाना चाहनी आं।
"महिला काव्य मंच मोहाली" इकाई के अध्यक्ष अमरजीत कौर हृदय जी के इस शेयर ने सभी कवित्रीयों के ममतामई  मन के ख्वाबों  के भावों के समुद्र को एक घड़े में समेट दिया। यह सारा आयोजन सम्भव हो सका नरेश नाज़ के कारण क्यूंकि वह देश  के साथ साथ दुनिया भर की कवियत्रिओं को भर एक मंच पर लाने के प्रयासों में लगे हैं।
वास्तव में महिला काव्य मंच संस्था के  संस्थापक श्री नरेश नाज़ जी हैं। महिला काव्य मंच की स्थापना, जिस उद्देश्य को लेकर की गई है, वह नारी भाव कवि मन द्वारा बुने गए ख्वाबों के हिंदुस्तान के साथ अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में अग्रसर हुआ है।अपने कवि मन के भावों, एहसासों, जज्बातों और  उदगारों  को 'मन से मंच तक' लेकर आने के उद्देश्य से ही महिलाओं को यह मंच प्रदान किया है। जिसके अंतर्गत पूरे देश भर की कवित्रीयों को अपने कवि मन से उठे भावों को प्रकट करने के लिए इकाईयां बनाकर इस तरह के कवित्री सम्मेलन आयोजित किए जाते रहे हैं और किये जाते रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती शारदा मित्तल जी ने की जो महिला काव्य मंच की चंडीगढ़ ट्राई सिटी की अध्यक्ष हैं।   
उन्होंने अपने अध्यक्षीय  भाषण में भारत के गौरवमई इतिहास और सभ्यता के बारे में बताते हुए कहा कि शहीदों ने अपना बलिदान देकर इस धरती की रक्षा की है और हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए अपने सभ्याचार और संस्कारों को संभालना पड़ेगा। तभी ख्वाबों के हिंदुस्तान की बुनियाद रखी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि कवियों ने भारत की सांस्कृतिक विरासत के सकारात्मक पहलुओं पर प्रकाश डाला है। अपना आशीर्वाद देते हुए, उन्होंने उपस्थित कवियों को इस तरीके से रचना जारी रखने और भारत की प्रगति और विकास के माध्यम से प्रेरित किया।
महिला काव्य मंच की मोहाली इकाई अध्यक्ष अमरजीत कौर हृदय ने अपनी योग्य प्रबंधन के साथ 15 अगस्त 2020  को 'मेरे ख्वाबों का हिंदुस्तान' शीर्षक मिसरे के लिए  विषय पर महिला काव्य सम्मेलन करवाया गया। इस कवियत्री सम्मेलन का सफल आयोजन किया।  मोहाली इकाई की तरफ से  इसमें सभी कवित्रीयों ने सचमुच ही अपने ख्वाबों के हिंदुस्तान को अपनी लेखनी के द्वारा चित्रित कर दिया। देश को स्वर्ग व परी देश जैसा, जिसमें कोई व्यक्ति भूखा, बिना घर के , नीच, पीड़ित, दलित, कशमित, दीन-हीन, ग़रीब बेरोजगार, नशेबाज शराबी कोई नहीं।  जिस उद्देश्य से शहीदों ने अपना खून बहा कर आजादी को लिया था। अध्यक्ष अमरजीत कौर हृदय जी ने अपनी ग़ज़ल में शेयरों के द्वारा एक ऐसे हिंदुस्तान की तस्वीर बनाई जिसमें धर्म नस्ल और जातिवाद भेदभाव से ऊपर उठ कर सब की  प्रगति व भाई-चारे की एकता को हमेशा रखने पर जोर दिया। उन्होंने कवित्रीयों और मानयोग मेहमानों का धन्यवाद किया। 
चडीगढ़ ट्राई सिटी की उपाध्यक्ष सुश्री राशि श्री वास्तव भी मंच पर मौजूद रही उन्होंनेे  सैनिकों के बलिदान पर कविता प्रस्तुत की: 
 देश की आन पर आए तो, पीछे नहीं हम हटते हैं,
 शेरों की ललकार है ,अब यह मुंह की खाएंगे ,
हारें गे वह हर बाजी जब जिद पर हम आ जाएंगे।
 सुनीता गर्ग   अध्यक्ष,  ट्राई सिटी पंचकुला ,गरिमा,   उपाध्यक्ष,  ट्राई सिटी पंचकुला, संगीता कुंद्रा अध्यक्ष,  ट्राई सिटी,  सुदेश नूर  जी मंच पर मौजूद रही । इस कवि सम्मेलन का मंच संचालन डॉ रुपिंदर कौर जी ने सभी कवित्रीयों की कविताओं की समीक्षा करते हुए किया। 
कारोना काल के अंतर्गत प्रचलन हो रहे कवि सम्मेलन की तरह इस प्रोग्राम को "मोहब्बत रेडियो और उनके फेसबुक पेज पर लाइव हो कर 30 के करीब कवित्रीयों को अपनी कविता प्रसारित करने  का सफल प्रयास करवाया गया। "गगन रेडियो की तरफ से भी  सहयोग मिले। इसीलिए उन का तहेदिल से धन्यवाद। आने वाली मासिक मीटिंग में कवित्रीयों को रेडियो की तरफ से प्रशंसा पत्र भी भेंट किए जाएंगे। यह इस नए प्रयोग की भी इस संस्था की तरफ से एक और उपलब्धि है।
इस कवियत्री दरबार में ट्राइसिटी की देश विदेश के अलग-अलग शहरों में बसी 30 के आस-पास कवित्रीयों ने भाग लिया। मंच की परंपरा के अनुसार प्रोग्राम का आरंभ नीरू मित्तल के सरस्वती वंदना के गायन से किया गया।  
दविंदर ढिल्लो ने टप्पे गा के  हिंदुस्तान की मिट्टी को याद किया:      
तंद चरखे ते पाँवा,
 मिट्टी ए हिंद दिए तेैनूं,
चुम मत्थे नैव लावां।
रेणु अब्बी 'रेणू'  ने अपने ख्वाबों के हिंदुस्तान को इस तरह पेश किया
मेरे ख्वाबों का हिंदुस्तान हम सबसे  , 
बड़ी मुश्किल से मिली आज़ादी , 
रखना इसे हिफाज़त  से।
डेज़ी बेदी जुनेजा ने अपनी कविता के माध्यम से मातृभूमि के लिए अपना प्यार व्यक्त किया:
कोटि कोटि नमन मेरी मातृभूमि को
तीन रंगों में तिरंगा इसकी पहचान है
सबसे अच्छा, सिर्फ मेरा भारत
शैलजा पांडेय कुंद्रा ने अपने शब्दों में देश की स्वतंत्रता के लिए किए गए बलिदानों का वर्णन किया:
कुछ ने मृत्युदंड की बात कबूल की है
इसलिए मुझे हवा में स्वतंत्रता मिली
इस कवि सम्मेलन में नीना सैनी, सुनीत मदान, संगीता राय,  मंजू बिस्ला, संगीता कुंद्रा, मीनू सुखमणि, हरप्रीत कौर प्रीत, अनीता गरेजा, नीरजा शर्मा ,सोनिमा सतिया ,सीता श्याम, शीला गहलावत सीरत, गीता उपधयाय, रेणुका चुग मिढ्ढा, शैलजा पांडे, मोनिका कटारिया, , आभा मुकेश साहनी, संगीता गर्ग, सुधा जैन सुधीप, डेज़ी  मनोरमा श्रीवास्तव और प्रभजोत ने भी हिस्सा लिया। 

मंगलवार, 7 जनवरी 2020

एक कहानी जो आपको नए रंग में रंग देगी

 रिश्तों में छुपी रूहानियत और पावन इश्क का अहसास 
इस कोलाज में जो डिनर की तस्वीर दिख रही है वह धन्यवाद सहित ली गई है आर जे Danish Sait की फेसबुक वाल से 
अतीत की दुनिया: 7 जनवरी 2020: (पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी)::
आल इण्डिया रेडियो की उर्दू सर्विस कभी बेहद मकबूल थी। इस सर्विस ने दोस्तों का एक नया नेटवर्क बनाया था। समाज को  बहुत ही शानदार भूमिका निभाई।  टीवी की लोकप्रियता तक भी उर्दू सर्विस छाई रही। इसी में एक प्रग्राम होता था रात को साढ़े बजे (10:30)  से लेकर सवा ग्यारह (11:15) बजे तक। दिल और दिमाग में आज तक जगह बना कर मौजूद उस प्रोग्राम का नाम था-तामील-इ-इरशाद।  हम लोग छोटा सा रेडिओ अपनी अपनी रजाई में छुपाकर पुराने गीत सुना करते। इस प्रोग्राम को पेश करने वालों की टीम भी बहुत शानदार थी।  दिलों में उतरती बातों के ज़रिये इन सभी से एक अलग सा रिश्ता भी था। एक बार रेडिओ स्टेशन के परिसर में जनाब शमीम कुरैशी साहिब से मुलाकात हुई। हम सभी उनके फैन थे। बहुत अच्छा चुनाव होता था उनके गीतों का। एक गीत को दुसरे गीत के साथ  लिंकिंग के शब्द भी कमल के हुआ करते थे। एक दिन शाम की चाय पीते उनसे पूछा आप ने कभी सच में भी इश्क किया है? झट से मुस्करा कर बोले हाँ किया है-अपनी मां से किया सबसे पहला इश्क। उसी अहसास से पता चला कि इश्क कितना रूहानी और पावन होता है। आज एक कहानी को  थो शम्मी साहिब याद आ गये। यह कहानी किसी मित्र ने बहुत पहले भेजी थी लेकिन सम्पादन के लिए पेंडिंग पड़ी सामग्री में से आज सामने आई। देखिये-पढ़िए और बताइये इसे पढ़ कर मन में क्या आया! --रेक्टर कथूरिया
एक दिन अचानक मेरी पत्नी मुझसे बोली - "सुनो, अगर मैं तुम्हे किसी और के साथ डिनर और फ़िल्म के लिए बाहर जाने को कहूँ तो तुम क्या कहोगे"।
मैं बोला-" मैं कहूँगा कि अब तुम मुझे प्यार नहीं करती"।
उसने कहा-"मैं तुमसे प्यार करती हूँ, लेकिन मुझे पता है कि यह औरत भी आपसे बहुत प्यार करती है और आप के साथ कुछ समय बिताना उनके लिए सपने जैसा होगा"।

वह अन्य औरत कोई और नहीं मेरी माँ थी। जो मुझ से अलग अकेली रहती थी। अपनी व्यस्तता के कारण मैं उन से मिलने कभी कभी ही जा पाता था।

मैंने माँ को फ़ोन कर उन्हें अपने साथ रात के खानेे और एक फिल्म के लिए बाहर चलने के लिए कहा।

"तुम ठीक तो हो,ना। तुम दोनों के बीच कोई परेशानी तो नहीं" माँ ने पूछा

मेरी माँ थोडा शक्की मिजाज़ की औरत थी। उनके लिए मेरा इस किस्म का फ़ोन मेरी किसी परेशानी का संकेत था।
" नहीं कोई परेशानी नहीं। बस मैंने सोचा था कि आप के साथ बाहर जाना एक सुखद अहसास होगा" मैंने जवाब दिया और कहा 'बस हम दोनों ही चलेंगे"।

उन्होंने इस बारे में एक पल के लिए सोचा और फिर कहा, 'ठीक है।'

शुक्रवार की शाम को जब मैं उनके घर पर पहुंचा तो मैंने देखा है वह भी दरवाजे पर इंतजार कर रही थी। वो एक सुन्दर पोशाक पहने हुए थी और उनका चहेरा एक अलग सी ख़ुशी में चमक रहा था।

कार में माँ ने कहा " 'मैंने अपनी friends को बताया कि मैं अपने बेटे के साथ बाहर खाना खाने के लिए जा रही हूँ। वे काफी प्रभावित थी"।

हम लोग माँ की पसंद वाले एक रेस्तरां पहुचे जो बहुत सुरुचिपूर्ण तो नहीं मगर अच्छा और आरामदायक था। हम बैठ गए, और मैं मेनू देखने लगा। मेनू पढ़ते हुए मैंने आँख उठा कर देखा तो पाया कि वो मुझे ही देख रहीं थी और एक उदास सी मुस्कान उनके होठों पर थी।

'जब तुम छोटे थे तो ये मेनू मैं तुम्हारे लिए पढ़ती थी' उन्होंने कहा।

'माँ इस समय मैं इसे आपके लिए पढना चाहता हूँ,' मैंने जवाब दिया।

खाने के दौरान, हम में एक दुसरे के जीवन में घटी हाल की घटनाओं पर चर्चा होंने लगी। हम ने आपस में इतनी ज्यादा बात की, कि पिक्चर का समय कब निकल गया हमें पता ही नही चला।

बाद में वापस घर लौटते समय माँ ने कहा कि अगर अगली बार मैं उन्हें बिल का पेमेंट करने दूँ, तो वो मेरे साथ दोबारा डिनर के लिए आना चाहेंगी।
मैंने कहा "माँ जब आप चाहो और बिल पेमेंट कौन करता है इस से क्या फ़र्क़ पड़ता है।
माँ ने कहा कि फ़र्क़ पड़ता है और अगली बार बिल वो ही पे करेंगी।

"घर पहुँचने पर पत्नी ने पूछा" - कैसा रहा।
"बहुत बढ़िया, जैसा सोचा था उससे कही ज्यादा बढ़िया" - मैंने जवाब दिया।

इस घटना के कुछ दिन बाद, मेरी माँ का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। यह इतना अचानक हुआ कि मैं उनके लिए कुछ नहीं कर पाया ।

माँ की मौत के कुछ समय बाद, मुझे एक लिफाफा मिला जिसमे उसी रेस्तरां की एडवांस पेमेंट की रसीद के साथ माँ का एक ख़त था जिसमे माँ ने लिखा था " मेरे बेटे मुझे पता नहीं कि मैं तुम्हारे साथ दोबारा डिनर पर जा पाऊँगी या नहीं इसलिए मैंने दो लोगो के खाने के अनुमानित बिल का एडवांस पेमेंट कर दिया है। अगर मैं नहीं जा पाऊँ तो तुम अपनी पत्नी के साथ भोजन करने जरूर जाना।
उस रात तुमने कहा था ना कि क्या फ़र्क़ पड़ता है। मुझ जैसी अकेली रहने वाली बूढी औरत को फ़र्क़ पड़ता है, तुम नहीं जानते उस रात तुम्हारे साथ बीता हर पल मेरे जीवन के सबसे बेहतरीन समय में एक था।
भगवान् तुम्हे सदा खुश रखे।
I love you".
तुम्हारी माँ

उस पल मुझे अपनों को समय देने और उनके प्यार को महसूस करने का महत्त्व मालूम हुआ।

गुरुवार, 20 नवंबर 2014

BJP महिला मोर्चा: साक्षी जुल्का ने दी अपने तीखे तेवरों में चेतावनी

महिला पर अभद्र टिप्पणी के विरोध में जलाया बाजवा का पुतला
लुधियाना: 19 नवंबर 2014: (रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन):
कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने जब भाजपा में शामिल हुई एक कांग्रेसी वर्कर पर अभद्र टिप्पणी की तो इसका विरोध काम से काम कांग्रेस में तो  था क्यूंकि यह मामला सियासी न हो कर महिला सम्मान और विचारों की स्वतंत्रता का था। किसी भी दल की विचारधारा अच्छी लगने पर उसमें शामिल होना महिला का अधिकार है।

इस अभद्र टिप्पणी पर कांग्रेस पार्टी और इसके नेता तो कुछ नहीं बोले लेकिन भाजपा से सबंधित महिला  कड़ा नोटिस लिया। केवल नोटिस ही नहीं लिया बल्कि कांग्रेस के पंजाब प्रमुख प्रताप सिंह बाजवा के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन भी किया। इस प्रदर्शन  उनका पुतला भी फूंका गया। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं की संख्या बेशक कम थी पर जितनी महिलाएं थीं वे वहां दिल से मौजूद थीं। यह कम संख्या इस बात का सबूत कि भाजपा ने सत्ता में होने के बावजूद भाड़े पर भीड़ एकत्र नहीं की।
इस अवसर पर इस प्रदर्शन की अगवानी कर रही साक्षी जुल्का ने अपने तीखे तेवरों में चेतावनी दी कि महिला सम्मान पर किसी भी तरफ से आंच नहीं आने दी जाएगी।
BJP  महिला मोर्चा: साक्षी जुल्का ने दी अपने तीखे तेवरों में चेतावनी 

शुक्रवार, 1 अगस्त 2014

उस दिन बहुत गुस्से में थी हरजिंदर कौर

संगीता भंडारी ने उठाया 40 घंटे तक धरने पर बैठी हरजिंदर को Video 
DC और DCP ने दिया हरजिंदर को हर सम्भव सहयोग का आश्वासन
लुधियाना: 30 जुलाई 2014: (रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन):
ससुराल पर अन्याय का आरोप लगाकर इन्साफ पाने के लिए लगातार 40 घंटे तक धरने पर बैठने वाली हरजिंदर को  धरने से उठने के लिए मनाने में सफलता मिली भारतीय जनता पार्टी  की जिला सचिव संगीता भंडारी को। इस से पूर्व बेलन ब्रिगेड की अनीता शर्मा, इंकलाबी केंद्र के जसवंत जीरख, आम आदमी पार्टी की  तरफ से के एल शर्मा और जानी मानी लेखिका गुरचरण कौर कौचर ने भी इस मकसद के लिए अनथक प्रयास किये। बुधवार 30 जुलाई की सुबह जब संगीता भंडारी ने धरने पर बैठी हरजिंदर कौर का हाथ थाम तो हरजिंदर भावुक हो गई। गुस्से के मारे उसका चेहरा भी तमतमा रहा था और आँखों में रुक रुक कर आंसू भी आ रहे थे जिन्हे रोकने का वह नाकाम प्रयास भी कर रही थी।  सुश्री संगीता भंडारी ने डिप्टी कमिश्नर रजत से विशेष समय लिया और  हरजिंदर को उसने जा कर मिलवाया। डीसी साहिब ने इस बात का गंभीरता से नोटिस लिया कि उन्हें इसने की समय रहते सूचना क्यों नहीं दी गई। गौरतलब है कि ईद की छुट्टी आ जाने से कहीं न कहीं कम्युनिकेशन गैप रहने से ही सारी गलतफहमी पैदा हुई। डिप्टी कमिश्नर ने सारी बात बहुत ही ध्यान से सुनी और हरजिंदर के भावुक मन पे आये ज़ख्मों पर हमदर्दी की मरहम लगाते हुए उसे हर सम्भव सहयोग का आश्वासन भी दिया।
गौरतलब है कि उसने ससुराल पक्ष पर कई आरोप लगाये। विवाह के बाद मारपीट और दहेज की मांग जैसे मामले सामने आने पर  हरजिंदर करीब तीन माह से इन्साफ के लिए भटक रही है। सोमवार 28 जुलाई को किसी गलतफहमी के चलते उसका प्रशासन से गतिरोध पैदा हो गया और वह रात को भी डीसी आफिस के सामने बैठी रही।  अगले दिन ईद की छुट्टी थी इसलिए 29 जुलाई को भी उसकी मुलाक़ात डीसी साहिब से नहीं हो सकी। इसी बीच बेलन ब्रिगेड की अनीता शर्मा सहित कई लोगों  ने धरने से उठकर उसे अपने घर चलने को भी कहा लेकिन वह उसी जगह पर अड़ी रही। आखिर यह बात भाजपा की सचिव संगीता भण्डारी तक भी पहुंची और इसका पता चलते ही उन्होंने सारे मामले का पता लगाया। मोदी सरकार के होते हुए किसी महिला को 40-40 घंटों तक धरना देना पड़े यह बात उन्हें बहुत बुरी लगी।  वह तुरंत डीसी आफिस पहुंची और हरजिंदर के गुस्से को शांत किया। यही नहीं डीसी साहिब से तुरंत वक़्त लेकर हरजिंदर को उनसे मिलवाया। इधर भाजपा की सचिव थी जो सारे मामले को सुलझाने में लगी थी दूसरी तरफ अकाली नेता गुरिंद्रपाल सिंह पप्पू हरजिंदर के ससुराल पक्ष की प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद थे और उनका पक्ष ले रहे थे। ससुराल पक्ष ने खुद को सही ठहराते हुए कहा कि उनकी बहु उन्हें  बदनाम कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हरजिंदर का विवाह करवाने का मकसद वास्तव में आस्ट्रेलिया की पीआर हासिल करना था। सही कौन है यह तो वक़्त ही बताएगा और फैसला भी कानून ने ही करना है पर एक बात फिर सामने आई कि  अकाली नेता जन-मुद्दों पर भी भाजपा नेताओं के के सामने आने से हिचकचाते नहीं।
गत दिनों गड़वासू छात्रों की स्ट्राइक में भी अखिल भारतीय विद्धार्थी परिषद ने भी छात्र-छात्राओं का समर्थन कर दिया जबकि अकाली नेता यही कहते रहे--हड़तालों/धरनों/रैलियों का सरकार पर कोई असर नहीं होता। 

गुरुवार, 6 मार्च 2014

ਤਿੰਨ ਮਹਿਲਾਵਾਂ ਨੇ ਬਣਾਈ ਸਮਾਜ ਨੂੰ ਜਾਗਰੂਕ ਕਰਨ ਲਈ ਮਾਰਚ ਕਰਨ ਦੀ ਯੋਜਨਾ

ਆਈਡੀਆ ਦਿੱਤਾ ਅਮਰੀਕਾ ਤੋਂ ਆਈ ਹਰਪ੍ਰੀਤ ਕੌਰ ਨੇ 
ਲੁਧਿਆਣਾ: 6 ਮਾਰਚ 2014: (ਰੈਕਟਰ ਕਥੂਰੀਆ//ਕੈਮਰਾ-ਅਮਰਦੀਪ//ਪੰਜਾਬ ਸਕਰੀਨ): ਇਸ ਵਾਰ ਫੇਰ ਅਠ ਮਾਰਚ ਨੂੰ ਕੌਮਾਂਤਰੀ ਮਹਿਲਾ ਦਿਵਸ ਜੋਸ਼ੋ ਖਰੋਸ਼ ਨਾਲ ਮਨਾਇਆ ਜਾ ਹੈ। ਜਲਸੇ, ਜਲੂਸ, ਰੈਲੀਆਂ ਅਤੇ ਸੈਮੀਨਾਰ ਸਭਕੁਝ ਪਹਿਲਾਂ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ  ਹੋਵੇਗਾ। ਜੇ ਕੁਝ ਵੱਖਰਾ  ਹੋਣ ਲੱਗਿਆ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਹੈ ਕੁਝ ਮਹਿਲਾ ਸੰਗਠਨਾਂ ਵੱਲੋਂ ਸ਼ਹਿਰ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਣ ਵਾਲਾ ਮਾਰਚ।  ਇਸ ਮਾਰਚ ਦੀ  ਬਣਾਈ ਹੈ ਤਿੰਨ ਮਹਿਲਾਵਾਂ ਨੇ। ਅਮਰੀਕਾ ਤੋਂ ਆਈ ਸਿੱਖ ਫ਼ਿਲਮਕਾਰ ਮੁਟਿਆਰ ਹਰਪ੍ਰੀਤ ਕੌਰ, ਕਾਨੂੰਨ, ਮਨੋਵਿਗਿਆਨ ਅਤੇ ਫਿਲਾਸਫੀ ਦੇ ਖੇਤਰ ਦੀ ਮਾਹਰ ਅਮਨਜੋਤ ਸਿੰਘ ਕੰਗ ਅਤੇ ਦੇਸ਼ ਚੋਂ ਭ੍ਰਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਮਿਟਾਉਣ ਲਈ ਚੱਲੀ ਮੁਹਿੰਮ ਦੀ ਇੱਕ ਅਹਿਮ ਸਿਪਾਹੀ ਸਵਿਤਾ ਕਾਲੜਾ। ਪੰਜਾਬ ਸਕਰੀਨ ਨੇ ਇਹਨਾਂ ਤਿੰਨਾਂ ਨਾਲ ਗੱਲਬਾਤ ਕੀਤੀ। ਇਸਦਾ ਪੂਰਾ ਵੇਰਵਾ ਪੰਜਾਬ ਸਕਰੀਨ ਪੰਜਾਬੀ, ਪੰਜਾਬ ਸਕਰੀਨ ਹਿੰਦੀ ਅਤੇ ਪੰਜਾਬ ਸਕਰੀਨ ਅੰਗ੍ਰੇਜ਼ੀ ਵਿੱਚ ਵੱਖਰੇ ਤੌਰ ਤੇ ਵੀ ਜਲਦੀ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇਗਾ ਪਰ ਫਿਲਹਾਲ ਤੁਸੀਂ ਸੁਣ /ਦੇਖ ਸਕਦੇ ਹੋ ਉਹਨਾਂ ਨਾਲ ਹੋਈ ਮੁਲਾਕਾਤ ਦੇ ਕੁਝ ਅੰਸ਼।  ਅਮਰੀਕਾ  ਤੋਂ ਆਈ ਫ਼ਿਲਮਕਾਰ ਮੁਟਿਆਰ ਹਰਪ੍ਰੀਤ ਕੌਰ ਨੇ ਇਸ ਬਾਰੇ ਕੁਝ ਇਓਂ ਦੱਸਿਆ:
ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਆਪਣੇ ਸਾਰੇ ਸੁੱਖ ਆਰਾਮ ਅਤੇ ਮੌਜ ਮਸਤੀ ਦੇ ਦਿਨਾਂ ਨੂੰ ਛੱਡ ਕੇ ਇਸ ਟੀਮ ਨਾਲ ਸਰਗਰਮ ਹੋ ਕੇ ਚੱਲ ਰਹੀ ਹੈ ਅਮਨਜੋਤ ਸਿੰਘ ਕੰਗ। ਉਸ ਨਾਲ ਗੱਲ ਕਰਦਿਆਂ ਤੀਬਰਤਾ ਨਾਲ ਅਹਿਸਾਸ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਅੱਜ ਦੇ ਇਸ ਆਧੁਨਿਕ ਅਤੇ ਵਿਕਸਿਤ ਆਖੇ ਜਾਂਦੇ ਦੌਰ ਵਿੱਚ ਵੀ ਕੁੜੀਆਂ/ਔਰਤਾਂ/ਬੱਚੀਆਂ  ਕਿਨੀਆਂ ਅਸੁਰੱਖਿਅਤ  ਹਨ।  ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਕੁੜੀ ਘਰੋਂ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਘਰ ਬੈਠੇ ਉਸਦੇ ਮਾਤਾ ਪਿਤਾ ਦੀ ਕੀ ਹਾਲਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ। ਇਸ ਸਥਿਤੀ ਬਾਰੇ ਚੇਤਨਾ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ਕੀਤੇ ਜਾ ਰਹੇ ਉਪਰਾਲੇ ਬਾਰੇ ਉਹ ਸੰਖੇਪ ਵਿੱਚ ਕੁਝ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਿਆਨ ਕਰਦੀ ਹੈ। 
ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਨਾਸੂਰ ਵਾਂਗ ਵਧੇ ਭ੍ਰਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਨੂੰ ਜੜ੍ਹੋਂ  ਪੁੱਟਣ ਲਈ ਤੁਰੇ ਇੱਕ ਸਰਗਰਮ ਕਾਫ਼ਿਲੇ ਦੀ ਸਰਗਰਮ ਸਿਪਾਹੀ ਸਵਿਤਾ ਕਾਲੜਾ ਵੀ ਔਰਤਾਂ ਦੀ ਇਸ ਹਾਲਤ ਤੋਂ ਚਿੰਤਿਤ ਵੀ ਹੈ ਅਤੇ ਗੁੱਸੇ ਵਿੱਚ ਵੀ। ਉਸਨੇ ਆਪਣੇ ਇਸ ਗੁੱਸੇ ਦੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਵਰਤਿਆ ਹੈ ਸਮਾਜ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਨਵੀਂ ਚੇਤਨਾ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ। ਮੀਡੀਆ ਨਾਲ ਗੱਲ ਕਰਦਿਆਂ ਉਹ ਦੱਸਦੀ ਹੈ ਕਿ ਅਠ ਮਾਰਚ ਨੂੰ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਜਰੂਰ ਕਰਾਂਗੇ।  ਸਵਿਤਾ ਕਾਲੜਾ ਨੇ ਵੀ ਲੋਕਾਂ ਖਾਸ ਕਰਕੇ ਮਹਿਲਾਵਾਂ ਨੂੰ ਸੱਦਾ ਦਿੱਤਾ ਹੈ ਕਿ ਓਹ ਇਸ ਵਿੱਚ ਵਧ ਚੜ੍ਹ ਕੇ ਸ਼ਾਮਿਲ ਹੋਣ।ਸੁਣੋ ਦੇਖੋ ਸਵਿਤਾ ਕਾਲੜਾ ਦੇ ਵਿਚਾਰ:
ਹੁਣ ਦੇਖਣਾ ਹੈ ਕਿ ਸਮਾਜ ਦੇ ਲੋਕ ਇਸ ਉੱਦਮ ਨੂੰ ਕਿੰਨਾ ਕੁ ਹੁੰਗਾਰਾ ਦੇਂਦੇ ਹਨ ? ਕਬੀਲੇ ਜ਼ਿਕਰ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਮਾਰਚ ਠੀਕ 12 ਵਜੇ ਦੁਪਹਿਰ ਨੂੰ ਖਾਲਸਾ ਕਾਲਜ ਫ਼ਰ ਵੂਮੈਨ ਸਿਵਲ ਲਾਈਨਜ਼ ਤੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਕੇ ਗੌਰਮਿੰਟ ਗਰਲਜ਼ ਕਾਲਜ ਤੱਕ ਜਾਏਗਾ। 
ਜੇ ਤੁਸੀਂ ਵੀ ਇਸ ਮਾਰਚ ਦੇ ਮਕਸਦ ਨਾਲ ਸਹਿਮਤ ਹੋ---ਕੁੜੀਆਂ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਤੋਂ ਚਿੰਤਿਤ ਹੋ ਤਾਂ ਇਸ ਮਾਰਚ ਵਿੱਚ ਜਰੂਰ ਪੁੱਜਣਾ ਕਿਓਂਕਿ ਇੱਕ ਤੇ ਇੱਕ ਗਿਆਰਾਂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ। 

जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वे कहाँ हैं


  

सोमवार, 3 मार्च 2014

जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वे कहाँ हैं

वह गीत जिस के साथ शुरू हुआ सत्ता और साहिर का टकराव 

बहुत से पुराने लोग बताया करते थे जब जनाब साहिर लुधियानवी ने मंच पर इस गीत को प्रस्तुत किया तो वहाँ उस समय के प्रधानमंत्री पंडित नेहरू भी मौजूद थे। उन्होंने इस गीत की कड़वी हकीकत को खुद पर आघात समझा और साहिर से नाराज़ हो गए। जब यह गीत फ़िल्म प्यासा में शामिल किया गया तो इस की मुख्य पंक्ति स्नखाने-तक़दीसे मशरिक कहाँ है को बदल कर कुछ आसान कर दिया गया----जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वे कहाँ हैं---आज भी इस गीत का सच अंतर्मन को हिला देता है---और सवाल उठने लगता है हम किस भारत को महान कहे जा रहे हैं---अगर महानता के इस दावे में आज़ादी के इतने बरसों के बाद भी वह सब शामिल है जो इस गीत में है तो मुझे इस महानता की बात कहते हुए शर्म आती है---!
                                                                -रेकटर कथूरिया //पंजाब स्क्रीन//098882 72025)
05-09-2011 को अपलोड किया गया
First time saw this movie on Doordarshan tv in 1977 and same day theives tried to break in our house. How can I forget these two things in my life. Introduction of Guru Dutt to my filmi knowledge was very new and surpiring to me. And this masterpiece took top spot on my best movies chart.

शनिवार, 28 दिसंबर 2013

ਤੇਜ਼ਾਬ ਕਹਿਰ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੋਈ ਨੌਜਵਾਨ ਕੁੜੀ ਹਰਪ੍ਰੀਤ ਕੌਰ ਦੀ ਮੌਤ

ਮਹਿਲਾ ਸੰਗਠਨਾਂ ਨੇ ਕੀਤੀ ਦੋਸ਼ੀਆਂ ਨੂੰ ਫਾਂਸੀ ਦੇਣ ਦੀ ਮੰਗ 

ਲੁਧਿਆਣਾ: 27 ਦਸੰਬਰ 2013: (ਰੈਕਟਰ ਕਥੂਰੀਆ//ਪੰਜਾਬ ਸਕਰੀਨ):
ਵਰਕਿੰਗ ਵੂਮੈਨ ਫੌਰਮ ਅਤੇ ਪੰਜਾਬ ਇਸਤਰੀ ਸਭਾ ਵੱਲੋਂ ਤੇਜ਼ਾਬ ਕਹਿਰ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੋਈ ਨੌਜਵਾਨ ਕੁੜੀ ਹਰਪ੍ਰੀਤ ਕੌਰ ਦੀ ਮੌਤ ਤੇ ਡੂੰਘੇ ਦੁੱਖ ਦਾ ਪ੍ਰਗਟਾਵਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ। ਮੌਤ ਦੀ ਖਬਰ ਆਉਂਦਿਆਂ ਹੀ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਹੋਰਨਾਂ ਭਾਗਾਂ ਵਾਂਗ ਲੁਧਿਆਣਾ ਵਿੱਚ ਵੀ ਸੋਗ ਦੀ ਲਹਿਰ ਦੌੜ ਗਈ। ਖੱਬੇ ਪੱਖੀ ਔਰਤਾਂ ਦੇ  ਸੰਗਠਨ ਪੰਜਾਬ ਇਸਤਰੀ ਸਭਾ ਅਤੇ ਵਰਕਿੰਗ ਵੂਮੈਨ ਫੌਰਮ ਨੇ ਇਸ ਸਬੰਧ ਵਿੱਚ ਮਿਸਾਲੀ ਪਹਿਲ ਕਦਮੀ ਕਰਦਿਆਂ ਮਿੰਨੀ ਸਕੱਤਰੇਤ ਵਿਖੇ ਦੇਸੀ ਦਫਤਰ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਆਪਣੇ ਰੋਸ ਦਾ ਪ੍ਰਗਟਾਵਾ ਕੀਤਾ। ਇਹਨਾਂ ਔਰਤਾਂ ਨੇ ਘੱਟ ਗਿਣਤੀ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ ਆਪਣੇ ਰੋਹ ਦਾ ਪ੍ਰਗਟਾਵਾ ਪੂਰੇ ਜੋਸ਼ ਨਾਲ ਕੀਤਾ। ਹਰਪ੍ਰੀਤ ਕੌਰ ਤੇ ਹੋਏ ਤੇਜ਼ਾਬ ਹਮਲੇ ਦੇ ਦੋਸ਼ੀਆਂ ਨੂੰ ਫਾਂਸੀ ਦੇਣ ਦੀ ਮੰਗ ਕਰਦਿਆਂ ਇਹਨਾਂ ਔਰਤਾਂ ਨੇ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਇਨਸਾਫ਼ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰਾਂ ਦੀ ਮੰਗ ਵੀ ਕੀਤੀ। ਇਸ ਮਕਸਦ ਲਈ ਇਹਨਾਂ ਔਰਤਾਂ ਨੇ ਮਾਰਚ ਦੇ ਨਾਲ ਨਾਲ ਮੋਮਬੱਤੀਆਂ ਜਲਾ ਕੇ ਹਰਪ੍ਰੀਤ ਕੌਰ ਨੂੰ ਸ਼ਰਧਾ ਦੇ ਫੁੱਲ ਵੀ ਅਰਪਿਤ ਕੀਤੇ। ਫੌਰਮ ਦੀ ਕਨਵੀਨਰ ਡਾ. ਨਰਜੀਤ ਕੌਰ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਅਸੀਂ ਔਰਤਾਂ ਨਰਮ ਦਿਲ ਅਤੇ ਮਮਤਾ ਨਾਲ ਭਰੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਹੀ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਾਂ ਪਰ ਮੌਜੂਦਾ ਹਾਲਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਅਜਿਹੇ ਅਪਰਾਧੀਆਂ ਦੇ ਖਿਲਾਫ਼ ਕਿਸੇ ਵੀ ਕਿਸਮ ਦਾ ਰਹੀਮ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ। ਉਹਨਾਂ ਚਿੰਤਤ ਸੁਰ ਵਿੱਚ ਕਿਹਾ ਕਿ ਕਿਓਂਕਿ ਇਹ ਸਭ ਕੁਝ ਸੋਚੀ ਸਮਝੀ ਸਾਜਿਸ਼ ਅਧੀਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਇਸਦੀ ਗੰਭੀਰਤਾ ਵੀ ਹੋਰ ਵੀ ਵਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ।
ਪੰਜਾਬ ਇਸਤਰੀ ਸਭਾ ਦੀ ਪ੍ਰਧਾਨ ਗੁਰਚਰਨ ਕੌਰ ਕੋਚਰ ਨੇ ਲਗਾਤਾਰ ਫੈਲ ਰਹੀ ਲਾ ਕਾਨੂੰਨੀ ਅਤੇ ਬਦਅਮਨੀ ਉੱਤੇ ਚਿੰਤਾ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਦਿਆਂ ਕਿਹਾ ਸਰਕਾਰ ਨੂੰ ਔਰਤਾਂ ਉੱਪਰ ਵਧ ਰਹੇ ਅਪਰਾਧਾਂ ਨੂੰ ਠਲ੍ਹ ਪਾਉਣ ਲੌ ਉਚੇਚੇ ਕਦਮ ਪੁੱਟਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ। ਇਸਦੇ ਨਾਲ ਹੀ ਉਹਨਾਂ ਪੁਰਸ਼ਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਇਸਤਰੀਆਂ ਪ੍ਰਤੀ ਆਪਣਾ ਜਗੀਰੂ ਰਵਈਆ  ਬਦਲਣ ਲਈ ਕਿਹਾ।
ਇਸਦੇ ਨਾਲ ਹੀ ਉਹਨਾਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ 10-11 ਜਨਵਰੀ 2014 ਨੂੰ ਦਿੱਲੀ ਵਿੱਚ ਹੋ ਰਹੀ ਆਲ ਇੰਡੀਆ ਵਰਕਿੰਗ ਵੂਮੈਨ ਦੀ ਕੌਮੀ ਕਨਵੈਨਸ਼ਨ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਡੈਲੀਗੇਸ਼ਨ ਵੀ ਭੇਜਿਆ ਜਾਏਗਾ। ਕਾਬਿਲੇ ਜ਼ਿਕਰ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਕਨਵੈਨਸ਼ਨ ਔਰਤਾਂ ਪ੍ਰਤੀ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਵਧ ਰਹੇ ਸੈਕਸ ਅਪਰਾਧਾਂ ਅਤੇ ਕੰਮਕਾਜ ਵਾਲੀ ਥਾਂ ਤੇ ਔਰਤਾਂ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਵਰਗੇ ਕਈ ਨਗ੍ਭੀਰ ਮਸਲਿਆਂ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ।
ਇਸ ਕਨਵੈਨਸ਼ਨ ਤੋਂ ਵਾਪਿਸ ਆਉਣ ਤੇ 18 ਜਨਵਰੀ 2014 ਨੂੰ ਲੁਧਿਆਣਾ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਵਿਸ਼ਾਲ ਕਨਵੈਨਸ਼ਨ ਕੀਤੀ ਜਾਏਗੀ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਕੇਂਦਰੀ ਵਿਸ਼ਾ ਹੋਵੇਗਾ ਵਿਕਾਸ ਵਿੱਚ ਇਸਤਰੀਆਂ ਦਾ ਯੋਗਦਾਨ--ਚੁਣੌਤੀਆਂ ਅਤੇ ਸੰਭਾਵਨਾਵਾਂ। ਇਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕੁਝ ਹੋਰ ਕਦਮ ਵੀ ਪੁੱਟੇ ਜਾਣਗੇ। 
ਤੇਜ਼ਾਬ ਕਹਿਰ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੋਈ ਨੌਜਵਾਨ ਕੁੜੀ ਹਰਪ੍ਰੀਤ ਕੌਰ ਦੀ ਮੌਤ 

शुक्रवार, 1 नवंबर 2013

Diwali Greetings by Dr. Parveen Kaur Chawla

She was the only nominee from the region Punjab
Published on Oct 30, 2013
Dr.Mrs.Parveen Kaur Chawla M.Sc. PhD H.Sci. Hm.Sc is the Principal of Master Tara Singh Memorial College for Women Ludhiana. is also presently the Member of Senate (Panjab University, Chandigarh) She was 'Nominated by the 5th TEC/UGC Consortium Agreement for the year 2012-2013 for a period of one weak' for a professional Visit to the University of Mauritius, Mauritius from 6th Oct to 13th Oct, 2013. She was the only nominee from the region of Punjab. She was invited to interact with the students of the University on certain current topics of Nutrition. She spoke out her mind on the following topics:-
• Importance of Balanced diet in Adolescent girls and occurrence of Nutritional Deficiency disease due to excessive use of Junk Food.
• Importance of dietary pattern and physical activity of the growth pattern and health related fitness in Children.
• Management of Obesity
• Role of Fiber in Diet. Her main stress was on the excessive use of Junk Food by adolescents which has a very adverse effect on the nutritional status of our teenagers and youth. She told that the students raised many queries which she answered to her best. 
You may read the full story at Punjab Screen India (http://punjabscreenindia.blogspot.in/...)

सोमवार, 2 सितंबर 2013

'Ahimsa Messenger

Programme' aims at Empowerment of Women --पूरी खबर पढने के लिए यहाँ क्लिक करें 

Published on Aug 31, 2013
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा सरकार ने महिलाओं को सुरक्षा और समानता प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए हैं । अहिंसा मैसेंजर कार्यक्रम का उद्धाटन करते हुए कहा कि इससे महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर लगेगी रोक और महिलाओं का होगा सशक्तिकरण ।         खबर यहाँ भी है--क्लिक तो करें 

शुक्रवार, 8 मार्च 2013

President Obama signed a bill

Watch this: Reauthorizing the Violence Against Women Act
Friday, March 8, 2013
Yesterday, President Obama signed a bill that both strengthened and reauthorized the Violence Against Women Act.
The new law will provide resources for thousands of victims of domestic violence, sexual assault, and stalking -- and better equip law enforcement officials to stop violence before it starts. After a great deal of effort and backing from folks like you, it passed with bipartisan support in both the House of Representatives and the Senate.
It builds on a law that Vice President Biden first wrote 18 years ago -- which has helped to decrease the rates of domestic violence across the country. It includes provisions aimed at reducing dating violence among teams and strengthening protections for lesbian gay, bisexual, and transgender victims. It also seeks to bring justice to Native American communities -- where rates of domestic violence are among the highest in the country.
Watch President Obama and Vice President Biden speak on the reauthorization of the Violence Against Women Act
PS -- Today at 3:45 p.m. ET, Senior Advisor Valerie Jarrett will take your questions on Twitter about the Violence Against Women Act. Join the conversation.