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रविवार, 11 फ़रवरी 2024

सर्दियों की सर्द रात को लुधियाना में रही गीत संगीत की गर्माहट

Sunday 11th February 2024 at 3:16 PM

5000 से अधिक संगीत प्रेमी और प्रशंसक पहुंचे हीरो होम लुधियाना में 


लुधियाना
: 11 फरवरी 2024: (शीबा सिंह//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी)::

सर्दियों की सर्द रात को रोशन करते हुए लुधियाना में बी प्राक और हीरो रियल्टी ने सिधवां कैनाल रोड पर हीरो होम्स लुधियाना में एक भव्य संगीत कार्यक्रम का आयोजन कर लुधियाना में गर्माहट ला दी। प्रसिद्ध गायक बी प्राक ने हीरो रियल्टी के दूसरे चरण के लॉन्च से पहले देश भर से 5000 से अधिक संगीत प्रेमियों और प्रशंसकों की मेज़बानी की। कुल मिला कर यह सारा आयोजन बहुत ही यादगारी रहा।

रविवार, 5 जनवरी 2020

बचपन से ले कर अब बुढ़ापे तक क्यों है मुझे इस गीत से लगाव?

मेरा जन्म 1958 का और यह फिल्म रिलीज़ हुई थी सन 1964 में 
तेरी आँख के आंसू पी जाऊं-ऐसी मेरी तक़दीर कहां ! यह गीत मुझे बचपन से ही पसंद था। जब भी रेडियो पर यह गीत आता मैं सब काम छोड़ कर इसे सुनता।मेरा जन्म मार्च 1958 का है और यह फिल्म आई थी सन 1964 में। अर्थात मैं उस समय महज़ छह वर्ष की उम्र का था।
गीत अक्सर ही फिल्म रिलीज़ होने से बहुत पहले गूंजने लगते थे सो यह गीत भी बहुत पहले आ गया था। न तो मुझे इसके शब्दों का पूरा पता था और न ही इसके अर्थ मालुम होते थे। फिल्म का भी कुछ पता न था लेकिन इस एक पंक्ति का अर्थ मालूम था कि कोई किसी के आंसू पीने की बात कह रहा है। इस फिल्म ने उन दिनों 11 मिलियन भारतीय रूपये कमाए थे। उस समय में यह बहुत बड़ी रकम थी। उन दिनों मुझे उस कमाई का भी कुछ पता न चला। चल जाता तो शायद मैं भी उसी तरह की कमाई की बात सोचता। पता भी चला तो बस आंसूयों का। मुझे उस उम्र में भी बहुत से आंसू बहाने पड़े थे शायद उन आंसूयों ने ही यह समझ दे दी कि इस गीत के मुखड़े को समझ सकूं। आंसूओं का एक रिश्ता सा बन गया था इस गीत के साथ।
इस गीत के गीतकार रजिंदर कृष्ण दुग्गल गीत में छुपे दर्द के अहसास के कारण अपने अपने से लगने लगे। इसके साथ ही संगीतकार मदनमोहन साहिब के साथ भी एक दिल का रिश्ता स्थापित हुआ। मुझे अफ़सोस रहेगा कि इन दोनों से मैं अब तक नहीं मिल पाया। माला सिन्हा और तलत महमूद साहिब से भी भेंट नहीं हो सकी। निर्देशक थे विनोद कुमार और संगीत दिया था मदन मोहन साहिब ने।  मदन मोहन साहिब का 14 जुलाई 1975 को निधन हो गया और गीतकार रजिंदर कृष्ण 23 सितंबर 1987 को सिर्फ 68 वर्ष की उम्र में चल बसे। इन दोनों से कभी न मिल पाने के सदमे ने मुझे समझाया कि आर्थिक मजबूरियां कितना कुछ छीन लेती हैं। गीतकार जनाब राजेंद्र कृष्ण और इस सदा बहार गीत को आवाज़ देने वाले जनाब तलत महमूद साहिब के संयोजन ने इस गीत को भी अमर कर दिया। भारत भूषण, माला सिन्हा, शशि कला, पृथ्वी राज कपूर, ॐ प्रकाश, सुंदर अरुणा ईरानी, रणधीर, मीनू मुमताज़ और फरीदा जलाल जैसे मंजे हुए कलाकारों ने इस फिल्म में जान फूंक दी थी। उनकी आवाज़ में महसूस होता कंपन एक अजीब सा अहसास कराता है। गीत के शब्दों का दर्द उस कंपन के कारण शायद ज़्यादा महसूस होता है। यह कंपन ही उनकी आवाज़ को विलक्षण बनाता है। 
यहाँ पूरा गीत भी दिया जा रहा है। जब गीत की पहली पंक्ति कानों में पड़ती है या शब्दों में दिखाई देती है तो वह पहली पंक्ति ज़िंदगी की मजबूरियों को बहुत ही सादगी से प्रस्तुत करती है;सामने है। वह पहली पंक्ति कहती है:
तेरा ग़मख़्वार हूँ लेकिन मैं तुझ तक आ नहीं सकता----और दूसरी पंक्ति इसी शिद्द्त को आगे बढ़ाती है--मैं अपने नाम तेरी बेकसी लिखवा नहीं सकता---कितना अजीब सा अहसास है--कितनी सूक्ष्म सी पकड़ है। जब लोग ज़मीन जायदादों को अपने  नाम करवाने के इलावा और कुछ नहीं सोचते और इस मकसद के लिए कत्लोगार्त तक कर डालते हैं उस माहौल में भी कोई किसी की बेकसी अपने नाम लिखवाने की चाह में है। एक बार इस गीत की इस पंक्ति को मैंने अपने वाटसप पर लिख लिया। इसे देख कर एक महिला मित्र ने सवाल किया--किस के आंसू पीना चाहते हो? सवाल सुन कर बहुत अजीब भी लगा पर झट से कह दिया मैडम आपके आंसू? वह बोली सच? मैंने कहा हां  बिलकुल सच। मैं उसके कितने आंसू पी पाया और कितने नहीं यह एक अलग कहानी है। इसकी चर्चा कभी फिर सही। फ़िलहाल आप पढ़िए//देखिये और सुनिए देखिये इस गीत को जो आज भी मुझे से जुड़ा हुआ है। 
तेरा ग़मख़्वार हूँ लेकिन मैं तुझ तक आ नहीं सकता
मैं अपने नाम तेरी बेकसी लिखवा नहीं सकता

तेरी आँख के आँसू पी जाऊं ऐसी मेरी तक़दीर कहाँ 
तेरे ग़म में तुझको बहलाऊं ऐसी मेरी तक़दीर कहाँ

ऐ काश जो मिल कर रोते, कुछ दर्द तो हलके होते
बेकार न जाते आँसू, कुछ दाग़ जिगर के धोते
फिर रंज न होता इतना, है तनहाई में जितना
अब जाने ये रस्ता ग़म का, है और भी लम्बा कितना
हालात की उलझन सुलझाऊँ ऐसी मेरी तक़दीर कहाँ
तेरी आँख के आँसू पी जाऊँ-----
आपको यह ब्लॉग कैसा लगा? यह गीत और इसका संगीत कैसा लगा? इस गीत के साथ मेरे इस लगाव की बात कैसी लगी?  क्या आपको भी कभी किसी गीत के साथ ऐसा ही लगाव हुआ? हुआ तो अवश्य बताना। इंतज़ार रहेगी ही। अगली पोस्ट में मैं बता सकूंगा किसी ऐसे ही गीत के बारे में जिस को लेकर मुझे परिवार और बिरादरी में बहुत से सवाल भी हुए। इस गीत की चर्चा भी जल्दी ही। ---रेक्टर कथूरिया (पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी)

सोमवार, 16 दिसंबर 2013

ਸੁਰਿੰਦਰ ਕੌਰ ਅਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕੌਰ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਤਿੰਨ ਭੈਣਾਂ ਸਨ

ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਗੀਤ ਸੰਗੀਤ ਦੀ ਦੁਨੀਆ ਵਿੱਚ ਨਾਮ ਸਿਰਫ ਸੁਰਿੰਦਰ ਕੌਰ ਅਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕੌਰ ਦਾ ਹੀ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ਪਰ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਇੱਕ ਤੀਸਰੀ ਭੈਣ ਨਰਿੰਦਰ ਕੌਰ ਵੀ ਸੀ। ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਓਹ ਤਿੰਨ ਭੈਣਾਂ ਸਨ। ਇਹ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੱਤੀ ਸਵੀਡਨ ਤੋਂ ਆਏ ਸੰਗੀਤਕਾਰ ਹਰਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਆਪਣੀ ਪੰਜਾਬ ਫੇਰੀ  ਦੌਰਾਨ।  

वृन्दावन बोले मोर, गोकुल में सोर भयो भारी

लुधियाना में 15 दिसंबर 2013 को जब भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकल रही थी उस समय पूरा माहौल भक्तिमय बन गया था। सड़क के दोनों तरफ भक्ति रस बरस रहा था। लुधियाना के लोग एक बार फिर सड़कों पर आँखें बिछाए बैठे थे। इंतज़ार थी तो बस उन्हें अपने भगवान की। भगवान जगननाथ की।  किसी ने  रथ के इंतज़ार में अपना आंचल फैलाया हुआ था और किसी ने सड़क पर ही घुटने टेक रखे थे तांकि भगवान  कबूल कर लें। यह तस्वीर रथ गुज़रने के दो-तीन  बाद  झाँसी रोड पर ली गयी। आँखों में आंसू और दिल में उम्मीद---यही था  उस दिन का नज़ारा। भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के मार्ग पर जगह जगह उत्स्व का माहौल था। भक्ति संगीत की सुरों से सारा पर्यावरण  कृष्णमय था। सब लोग मस्त थे। भीड़ में भी अकेले थे केवल  भगवान के साथ। सड़क किनारे बने मंच बुला रहे थे भक्ति रस में डूबने के लिए। भगवान जगन्नाथ के रंग में मग्न कलाकार आमंत्रण दे रहे थे इस भक्ति रस के अमृत का पान करने के लिए।इस अवसर एक मंच यह भी था जहाँ यह गीत चल रहा था और लोग मग्न हो कर सुन रहे थे। ---रेकटर कथूरिया (पंजाब स्क्रीन)

बुधवार, 6 नवंबर 2013

छठ पूजा:शारदा सिन्हा का भजन

छठ पूजा के अवसर पर शारदा सिन्हा का लोकप्रिय और सुरीला भजन 
Uploaded on Aug 22, 2010

छठ पूजा

कभी केवल बिहार में थी आजकल पूरे देश में है 
छठ पूजा का सिलसिला केवल बिहार में ही लोकप्रिय था लेकिन धीरे धीरे यह यूपी और अन्य  हुआ देश  के अन्य भागों तक भी फ़ैल गया। आजकल तो पंजाब में भी छठपूजा बहुत जोशो खरोश और उत्साह से होती है। सुबह सुबह कि जेन वाली इस पूजा से भक्त तीन दिवसीय उपवास को तोड़ता है। इस लम्बे उपवास से भक्त का तन तो  निर्मल होता ही है मन और दिमाग भी शांत हो कर अत्यधिक प्रभावशाली हो जाता है।

छठ पूजा:शारदा सिन्हा का भजन 

सोमवार, 4 नवंबर 2013

विश्वकर्मा जी से नक्शा पास करा दे कोठी का

जाने माने गायक लखबीर सिंह लक्खा की शानदार और जानदार आवाज़ में 


श्री विश्वकर्मा जी की पूजा

बाबा  विश्वकर्मा जी की पूजा का एक अंदाज़ यह भी देखिये
श्री विश्वकर्मा जी की पूजा 

श्री विश्वकर्मा जी का स्तुति गीत

मेरे बाबा का जगत में बड़ा नाम है 

Uploaded on Mar 14, 2011
Mere Baba Ka Jagat Me Bada Naam Hai...
Shree Vishwakarma song from Jay Shree Vishwakarma album by Om Pita Music - Right Music VCD
Jay Shree Vishwakarma Prabhu Ki....
Shree Vishwakarma Vansh Suthar Charitable Trust, Mumbai Team

http://www.vishwakarmavanshsuthar.com

गुरुवार, 24 अक्टूबर 2013

Legendary Singer Manna Dey passed away

I&B Minister Shri Manish Tewari condoles death of legendary Singer Manna Dey

Published on Oct 23, 2013                                      ਮੰਨਾ ਡੇ ਹੁਣ ਸਾਡੇ ਦਰਮਿਆਨ ਨਹੀਂ ਰਹੇ
Legendary Singer Manna Dey passed away in Bangalore today. The 94-year-old singer was undergoing treatment for severe lung infection.

The Dadasaheb Phalke Award winner singer had given several hits songs during his several decades long career which include 'Poochho na kaise maine rain bitayee', 'Ae mere pyare watan, ae mere bichhade chaman' and 'Laga chunari main daag', to name a few.

Clippings Of Yaman based film Songs

Based On Raag Yaman - Kala Ankur - Yaman Yamini


SONGS : Jiya le gayo - Anpadh [1962] - Lata - Madan Mohan - Raja Mehdi Ali Khan.
Mere hamsafar - Refugee [2000] Alka Yagyanik & Sonu Nigam - Anu Mallick - Javed Akhtar
Mausam hai ashiqana - Pakizah [1971] lata - Gulam Mohammad - Kamal Aarohi.

Biti na bitai raina - Parichaya [1972] Lata & Bhupendra - R.D.Burman - Gulzar.
Is mod se jate hain -Aandhi [1975] Lata & Kishore - R.D.Burman - Gulzar.
Tum gagan ke chandrama ho - Sati Savitri [1964] Lata Manna De - Lakshi Kant Pyare lal - Bharat Vyas.
Zara See ahat hoti hai - Haqeeqat [1964] Lata - Madan Mohan - Kaifi Azami.
Jab deep jale aana - Chit chore [1976] Yesu Dass & Hem Lata - Ravindra Jain.
Ahsaan tera hoga - Junglee [1961] Lata - Shankar Jai Kishan - Hasrat Jaipuri.
Kala Ankur program Yaman Yamini at Jawahar Rangmanch Ajmer

Raag Yaman on Harmonium


Uploaded on Dec 11, 2010


Harmonium Student Concert Dec2010

Abida Parveen-- Raag Yaman Kalyan



Published on May 20, 2012
ABIDA PARVEEN PERFORMING LIVE IN DUBAI

Dr. Mamta Joshi Singing Raag Yaman Kalyan

Classical Bandish in Canada Concert...

The Colours of Yaman--11 Ustad Rashid Khan

Raag Yaman - Sargam Geet


Published on Aug 20, 2011


SaReGaMa Academy - Rachana Rao

Jab Deep Jale Aana (Based on RaagYaman)


Uploaded on May 1, 2011


Played on Sitar by Charudatta Naigaonkar

Raga Yaman based Hindustani Bhajan

Sonia Singing classical

Published on April 28, 2013


Bollywood dance. Kathak Classical Indian Dance can be learned after some practice. It is easy. Rock and roll, Folk, hip hop salsa, girls dancing, boys dancing in perfect sync for their age. Please enjoy and spread the culture, spread the word.
Here in upstate south carolina,
Publish PostUSA

Bhjan in Raag Yaman _ Urvashi Shah


Uploaded on Aug 27, 2009


Bhajan in Raag Yaman by Indian Classical Vocalist Urvashi Shah