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शुक्रवार, 1 मई 2020

स्टार इमेजिंग एंड पैथ लैब को कोविड-19 परीक्षण करने की मंजूरी

Thursday: 30th April 2020 at 23:44
कोविड-19 परीक्षण करने के लिए मंजूरी दी आईसीएमआर ने 
नई दिल्ली: 2 मई 2020: (एम. मुमताज़//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी)::
दिल्ली एनसीआर की एक प्रमुख डायग्नोस्टिक सेवा प्रदाता कंपनी, स्टार इमेजिंग एंड पैथ लैब ने कोरोना वायरस के लिए परीक्षण करने शुरू कर दिये हैं। मीडिया से बात करते हुए प्रबंधन ने इस खबर की पुष्टि की। छह राज्यों में 12 निजी डायग्नोस्टिक लैब चेन्स को कोरोना वायरस के नमूनों का परीक्षण करने के लिए सरकार से मंजूरी मिल गयी है।
स्टार इमेजिंग एंड पैथ लैब में अब डॉक्टर के पर्चे और सरकारी पहचान पत्र के आधार पर कोविड-19 के संदिग्ध रोगियों का परीक्षण किया जा रहा है। फिलहाल, इसे घरों से मरीजों के नमूने एकत्र करने और ड्राइव-थ्रू की अनुमति मिली हुई है।
कोरोना वायरस के टैस्ट का शुल्क रु. 4,500 है और यह रिपोर्ट दो दिनों में उपलब्ध करा दी जाती है। स्टार इमेजिंग एंड पैथ लैब के डायरेक्टर समीर भाटी ने बताया, "भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा तिलक नगर, दिल्ली स्थित हमारी मुख्य प्रयोगशाला को कोविड-19 हेतु परीक्षण की अनुमति दी गयी है। फिलहाल, हम भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, परीक्षण शुरू करने के लिए तैयार हैं।"
उन्होंने कहा, "हम इस बात से बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं कि आईसीएमआर ने तिलक नगर, दिल्ली स्थित स्टार इमेजिंग एंड पैथ लैब को ऐसे समय में कोविड-19 टैस्ट के लिए चुना है, जब इन परीक्षणों की बहुत अधिक जरूरत है और देश की एक बड़ी आबादी कोरोना वायरस बीमारी (कोविड-19) से खतरा महसूस कर रही है। लैब में बड़े स्तर पर परीक्षण करने के लिए पर्याप्त क्षमता है। देश में इस बीमारी के प्रसार को रोकने और इसकी जांच के लिए व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए प्रबंधन आगे की योजना बना रहा है। इन दिनों बिना लक्षणों वाले मामले बढ़ रहे हैं,  ऐसे में समय रहते उचित परीक्षण बहुत महत्वपूर्ण हो गया है, खासकर गर्भवती महिलाओं के मामलों में। ऐसे में, सरकार द्वारा निजी प्रयोगशालाओं को मंजूरी देने से देश को कोविड-19 संकट से निपटने में मदद मिलेगी। ”
अंत में उन्होंने कहा कि जैसा कि हमारे चेयरमैन, डॉ. आर ए गुप्ता और श्री पवन गुप्ता मैनेजिंग डायरेक्टर। का आदर्श वाक्य है - "दूसरों से वैसा वर्ताव करो, जैसा तुम उनसे चाहते हो"। इस सिद्धांत का पालन करते हुए हम पूरी क्षमता और शक्ति के साथ अपने संसाधनों के साथ राष्ट्र की सेवा के लिए तैयार हैं। 

शनिवार, 25 अप्रैल 2020

घुटन से बचा सकता है मास्क पर इस हर्बल स्प्रे का छिड़काव

प्रविष्टि तिथि: 25 APR 2020 3:42PM by PIB Delhi
किसी इन्हैलर की तरह काम करता है यह हर्बल डीकन्जेस्टैंट स्प्रे 
नई दिल्ली: 25 अप्रैल 2020: (पीआईबी//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी)::
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क के उपयोग पर जोर दिया जा रहा है। पुलिस, डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को लंबे समय मास्क लगाना पड़ रहा है, जिससे उन्हें कई बार सांस लेने में घुटन महसूस होती है। भारतीय वैज्ञानिकों ने एक हर्बल डीकन्जेस्टैंट स्प्रे विकसित किया है, जो इस समस्या से निजात दिलाने में मददगार हो सकता है।
यह हर्बल डीकन्जेस्टैंट स्प्रेकिसीइन्हैलर की तरह काम करता है, जिसे नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनबीआरआई) के शोधकर्ताओं द्वारा तैयार किया गया है।लखनऊ स्थित एनबीआरआई काउंसिल ऑफ साइंटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च की एक प्रयोगशाला है, जिसे मुख्य रूप से वनस्पतियों पर किए जाने वाले उसके अनुसंधान कार्यों के लिए जाना जाता है। एनबीआरआई के इस हर्बल स्प्रे के शुरुआती नतीजे बेहद शानदार मिले हैं। देर तक मास्क पहनने वाले लोगों को इससे काफी राहत मिल रही है।
एनबीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक डॉ शरद श्रीवास्तव ने इंडिया साइंस वायर को बताया कि “इस हर्बल डीकन्जेस्टैंट स्प्रे को औषधीय और सगंध पौधों से तैयार किया गया है और इसका उपयोग पूरी तरह से सुरक्षित है।जिन पादप तत्वों का उपयोग इस स्प्रे में किया गया है, उनके नाम का खुलासा बौद्धिक संपदा संबंधी कारणों से अभी नहीं किया जा सकता। इसेसिर्फ एक बार मास्क पर स्प्रे करना होता है। स्प्रे करने के बाद मास्क का उपयोग करने पर नासिका और श्वसन तंत्र खुल जाता है और फिर सांस लेने में परेशानी नहीं होती।”
इस स्प्रे को आयुष मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के आधार पर तैयार किया गया है। संस्थान की योजना इस इन्हैलर की तकनीक को व्यावसायिक उत्पादन के लिए हस्तांतरित करने की है, ताकि बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन किया जा सके और इसे जरूरतमंदों तक पहुँचाया जा सके।
For More Details : Dr. RK Sud, CSIR-IHBT, Palampur, Himachal Pradesh
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KGS/(DST/(इंडिया साइंस वायर))

बुधवार, 18 मार्च 2020

कोरोना वायरस के चलते ESA ने उठाये विशेष कदम

17th March 2020 at 8:11 PM
तेज़ी और सतर्कता का खूबसूरत समन्वय नजर आया इस डियूटी में 
यूरोप: 17 मार्च 2020: (ई एस ए//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी)::
कोरोना की चुनौती का सामना करने का वक्त आया तो ESA अर्थात यूरोपियन स्पेस एजंसी ने अपनी भूमिका बहुत ही सावधानी और ज़िम्मेदारी से निभाई। इस सम्बन्ध में ESA ने बहुत से महत्वपूर्ण कदम उठाये तांकि कोरोना के आतंक और कहर का सामना प्रभावशाली ढंग से किया जा सके। सतर्कता और तेज़ी का खूबसूरत समन्वय नजर आया ESA के इन कदमों में। बेहद नाज़ुक सी स्थिति में इतना संतुलन रख्पना आसान नहीं था लेकिन इस संस्था ने एक बार फिर कमाल कर दिखाया। भविष्य में लिखे जाने वाले इतिहास में इन कार्यों और कदमों को निश्चय ही सुनहरी अक्षरों में लिखा जायेगा। 
हमारे मेज़बान देशों में कोरोनावायरस की  गंभीर होती स्थिति और नए निर्देशों के साथ यूरोपियन स्पेस एजंसी  ने अपने देख-रेख के कर्तव्य और सामाजिक ज़िम्मेदारी के क्रिटिकल कार्यों को और ज़्यादा मज़बूत करते हुए अपनी कार्यविधि के सुचारु संचालन को सुनिश्चित किया है। इससे समाजिक ज़िम्मेदारी की भावना को भी और बल मिला है। 
गौरतलब है कि पहले पहल जब कोरोना का नाम सामने आया तो सभी को प्रशासनिक सलाह दी गयी कि घरों में रह कर काम करो। लगा था सब कुछ जल्दी ही ठीक हो जायेगा। लेकिन मामला गड़बड़ाता नज़र आया। पाबंदियां बढ़ा दी गयीं। फ्रासं/स्पेन और नीदरलैंड में स्कूल, कालेज, दुकानें इत्यादि सब बंद करने के आदेश सामने आये। ESA ने इन सभी निर्देशों को तुरंत अपने सभी प्रतिष्ठानों पर लागू किया। 
यूरोपियन स्पेस एजंसी के डायरेक्टर जनरल Jan Wörner ने कहा हमारे लिए अपने कर्मचारियों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है। बहुत ही कम संख्या में केवल उन्हीं कर्मचारियों को काम पर  गया जिनके बिना इस एजंसी के कई नाज़ुक काम चल ही नहीं सकते थे। इस संबंध में 17 और 18 मार्च को होने वाली काउन्सिल मीटिंग भी रद्द कर दी गयी लेकिन इसके बावजूद एग्ज़ेक्युटिव कमेटी की आवश्यक स्वीकृतियों की आज्ञा देने के लिए सबसे बढ़िया रास्तों और तरीकों पर विचार विमर्श जारी रहा। 
इसी बीच लांच होने वाले बहुत से अभियानों को रोकना भी पड़ा। इस पर तेज़ी से काम जारी है कि स्वास्थ्य के नज़रिये से हालात अनुकूल बनते ही इन अभियानों को जल्द ही लांच किया जा सके। 
(तस्वीर European Space Agency से साभार)

गुरुवार, 7 नवंबर 2013

Today is C V Raman's Birthday

Prof. C. V. Raman received the Nobel Prize for physics in 1930
Published on Sep 9, 2012
Google Doodle
Sir C. V. Raman discovered an effect in spectroscopy which is known as Raman effect. This epoch making discovery has revolutionized spectroscopic research. Within two years of discovery, Prof. C. V. Raman received the Nobel Prize for physics in 1930. This shows how rapidly this discovery is approved by the physics community. With the advent of laser Raman effect proliferated as an analytical tool in molecular structure. Raman discovered this effect as a passionate researcher out side an administrative job, but later relinquished the job in pursuit of research. This presentation gives a glimpse of his life and work. His passion for research will be a source of inspiration to all pursuing research in any field of science. He appreciates integrity and honesty, punctual in his work, great teacher.
This is a humble tribute to the Great Saga of Indian Science. In India, February 28 is celebrated as 'National Science Day' in honor of the great discovery. (Courtesy YouTube)