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गुरुवार, 18 मार्च 2021

कोविड ने बच्चों और महिलाओं के जीवन में भी की है भयानक तबाही

दक्षिण एशिया: महामारी के कारण जच्चा-बच्चा मौतों में तीव्र बढ़ोत्तरी


17 मार्च 2021//महिलाएं

आपदा कहीं भी आये उसका सबसे बुरा प्रभाव पड़ता है महिलाओं पर। इसके साथ ही  बच्चों की। आज  युग की खबरें भी कुछ इसी तरह की आ रही हैं। कोविड  तबाही की दर वाली है। संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों ने कहा है कि दक्षिण एशिया में, कोविड-19 के कारण, स्वास्थ्य सेवाओं में उत्पन्न हुए गम्भीर व्यवधान के परिणामस्वरूप, वर्ष 2020 के दौरान, जच्चा-बच्चा की अतिरिक्त दो लाख 39 हज़ार मौतें हुई हैं। यह आंकड़ा सचमुच चिंतित करने वाला है। संयुक्त राष्ट्र समाचार की टीम के सदस्य इसकी विस्तृत तस्वीर सामने लाये हैं और यह तस्वीर बेहद दुखद है। बहुत कुछ सोचने को मजबूर करती है। 

UNICEF/Omid Fazel: अफ़ग़ानिस्तान के हेरात प्रान्त में, आन्तरिक विस्थापितों के लिये बनाए गए एक शिविर में, सामुदायिक शिक्षा केन्द्र में कुछ बच्चे

यह तस्वीर डराने वाली है। पूरे समाज को जागना होगा और सक्रिय भूमिका।  संयुक्त राष्ट्र बाल कोष–यूनीसेफ़, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) ने द्वारा बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस व्यवधान के परिणामस्वरूप, गम्भीर व तात्कालिक कुपोषण का इलाज पाने वालों, व बचपन में टीकाकरण किये जाने वाले बच्चों की संख्या में भी काफ़ी कमी हुई है।  इस तरह न जाने कितने बच्चे और कितने परिवार आवश्यक सेवा और सुविधा से वंचित रह रहे हैं। 

UNICEF-WHO-UNFPA report: दक्षिण एशिया में, बच्चों और माताओं पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव की एक झलक


पूरे विश्व के जागरूक लोग इस समस्या को ले कर अपनी चिंता व्यक्त कर रहे हैं। दक्षिण एशिया के लिये यूनीसेफ़ के क्षेत्रीय निदेशक ज्यॉर्ज लरयी-ऐडजेई के अनुसार इन महत्वपूर्ण व आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान उत्पन्न होने के कारण, निर्धनतम व बहुत कमज़ोर हालात का सामना कर रहे परिवारों के स्वास्थ्य व पोषण पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है। इस वक्तव्य से अनुमान लगाया जा सकता है कि इस विनाशकारी प्रभाव के दुष्परिणाम निकट भविष्य में भी दिखाई देंगें और साथ ही देर तक इनकी आहत करने वाली आहट सुनाई देती रहेगी। 

क्षेत्रीय निदेशक ज्यॉर्ज लरयी-ऐडजेई ने ज़ोर देकर कहा, “इन स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह बहाल किया जाना बेहद आवश्यक है ताकि उन बच्चों व माताओं को इनका लाभ मिल सके, जिन्हें इनकी बेहद ज़रूरत है।"

"साथ ही, वो सब कुछ किया जाना सुनिश्चित करना होगा जिसके ज़रिये, लोग इन सेवाओं का इस्तेमाल करने में सुरक्षित महसूस करें।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस महामारी के कारण, दक्षिण एशिया क्षेत्र में भी बेरोज़गारी, निर्धनता और खाद्य असुरक्षा में बढ़ोत्तरी हुई है, जिसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में भी गिरावट आई है। 

स्कूल वापसी की सम्भावना कम

महामारी की विकरालता का प्रभाव शिक्षा पर भी पड़ा है। इस रिपोर्ट में अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका के हालात का जायज़ा लिया गया है। पाया गया है कि महामारी और उससे निपटने के लिये लागू किये गए उपायों के कारण, इन देशों में लगभग 42 करोड़ बच्चे स्कूलों से बाहर रह गए। करोड़ों बच्चों की शिक्षा से दूरी  निर्माण करेगी इसका अनुमान भी लगाया जा सकता है। 

इस संबंध में सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसी सम्भावना है कि लगभग 45 लाख लड़कियाँ, अब कभी भी स्कूली शिक्षा में वापिस नहीं लौट पाएंगी। इसके अलावा, ये लडकियाँ, यौन व प्रजनन स्वास्थ्य और सूचना प्रदान करने वाली सेवाओं तक पहुँच नहीं होने के कारण, जोखिम के दायरे में हैं। इस जोखिम का परिणाम  भुगतना पड़ सकता है। कोविड का कहर 

एशिया-प्रशान्त के लिये, यूएन जनसंख्या कोष के क्षेत्रीय निदेशक ब्यॉर्न एण्डर्सन का कहना है, “दक्षिण एशिया में सांस्कृतिक व सामाजिक परिदृश्य को देखते हुए, इन सेवाओं में व्यवधान आने से, विषमताएँ और ज़्यादा गहरी हो रही हैं और इसके परिणामस्वरूप, जच्चा-बच्चा की मृत्यु दर में और भी बढ़ोत्तरी होने की सम्भावना है।”

मंगलवार, 30 जून 2020

कोविड-19: ख़त्म होने के नज़दीक भी नहीं है यह महामारी

29 जून 2020//स्वास्थ्य//30th June 2020, 6:25 AM
 कोरोनावायरस को लेकर WHO की एक और गंभीर चेतावनी 
विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 का पहला मामला चीन के वूहान शहर में सामने आने के क़रीब छह महीने बाद यह संकट अभी ख़त्म होने से दूर है और उस पर क़ाबू पाने के लिये और ज़्यादा प्रयास करने होंगे। विश्व भर में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या एक करोड़ से ज़्यादा हो जाने के दुखद पड़ाव पर यूएन स्वास्थ्य एजेंसी (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने यह चेतावनी दी है।  साथ ही उन्होंने लोगों की जीवनरक्षा के लिए वैश्विक संकल्प को फिर से मज़बूत किए जाने की पुकार लगाई है। 
UN Photo/Evan Schneider न्यूयॉर्क के क्वीन्स इलाक़े में एक संदिग्ध संक्रमित को अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है
कोविड-19 के कारण अब तक पाँच लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमण के मामले भारत, अमेरिका, ब्राज़ील और अन्य देशों में तेज़ी से बढ़ रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक घेबरेयेसेस ने कहा कि वायरस के फैलाव से जिस तरह व्यवधान पैदा हुआ है, छह महीने पहले उसके बारे में कल्पना करना भी मुश्किल था। 

“हम अपनी ज़िन्दगी पर फिर लौटना चाहते हैं. लेकिन कड़वी सच्चाई ये है कि यह अभी ख़त्म होने के नज़दीक भी नहीं है।”

“वैसे को अनेक देशों ने कुछ प्रगति दर्ज की है लेकिन वैश्विक स्तर पर महामारी तेज़ी से फैल रही है. हम सभी इसमें एक साथ हैं और हम सभी लम्बे समय के लिए एक साथ हैं।”
‘नव सामान्य’
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 31 दिसम्बर 2019 से अब तक की गई कार्रवाई और अहम पड़ावों की अपनी टाइमलाइन में अपडेट किए हैं। 

साल 2019 के आख़िरी दिन ही चीन के वूहान शहर में अज्ञात कारणों से न्यूमोनिया के कई मामले सामने आने के बाद यूएन स्वास्थ्य एजेंसी को पहली बार इस बीमारी के बारे में मालूम हुआ था। 

इसके बाद से यूएन एजेंसी ने जवाबी कार्रवाई के तहत स्वास्थ्यकर्मियों को ऑनलाइन ट्रेनिंग मुहैया कराई है, टैस्ट किटें और निजी बचाव सामग्री व उपकरण ज़रूरतमन्द देशों के लिए रवाना किये गए हैं और वायरस को हराने व प्रभावी उपचार की तलाश करने के लिए एकजुटता ट्रायल शुरू किया है। 

यूएन एजेंसी के महानिदेशक घेबरेयेसस ने बताया कि स्वास्थ्य संगठन विज्ञान, एकजुटता और समाधान के साथ देशों को अपनी सेवाएँ प्रदान करना जारी रखेगा।
“आने वाले महीनों में देशों के लिए सबसे अहम सवाल यही होगा कि इस वायरस के साथ किस तरह से जिया जाए. यही नई सामान्य स्थिति है।”
जीवनरक्षा के पाँच तरीक़े
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाने के लिए देशों को पाँच प्राथमिकताएँ तय करने के लिए कहा है।
*अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए लोगों को सशक्त बनाना (सुरक्षा के लिए शारीरिक दूरी बरते जाने सहित अन्य स्वास्थ्य उपायों का पालन करना, मास्क पहनना, भरोसेमन्द स्रोत से सूचना प्राप्त करना)
*वायरस के फैलाव पर क़ाबू पाने के प्रयास जारी रखना और संक्रमित लोगों के सम्पर्क में आने वाले लोगों के बारे में जानकारी हासिल करके उन्हें एकान्तवास में रखने की व्यवस्था करना,
*जल्द से जल्द संक्रमण के मामलों का पता लगाना, संक्रमित लोगों को चिकित्सा देखभाल मुहैया कराना और स्वास्थ्य जोखिम वाले समूहों, जैसे कि वृद्धजन और नर्सिंग होम में रह रहे लोगों की स्वास्थ्य रक्षा के लिए प्रयास करना,
*रीसर्च की गति को बढ़ाया जाना क्योंकि अभी इस वायरस के बारे में बहुत कुछ सीखा जाना बाक़ी है,
*संक्रमण के फैलाव पर क़ाबू पाने, ज़िन्दगियाँ बचाने और सामाजिक व आर्थिक असर को कम करने के लिए व्यापक रणनीति में राष्ट्रीय एकता और वैश्विक एकजुटता को सुनिश्चित करना।
विश्वव्यापी महामारी के फैलाव के अगले चरण के लिए रीसर्च प्राथमिकताओं का आकलन करने और प्रगति का मूल्याँकन करने के इरादे से विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस सप्ताह एक बैठक बुलाई है।
साथ ही यूएन एजेंसी अगले हफ़्ते एक टीम चीन के लिए रवाना करेगी जहाँ वायरस के पशुजनित स्रोत के मुद्दे पर एक बैठक होनी है।
कोविड-19: ख़त्म होने के नज़दीक भी नहीं है यह महामारी

शुक्रवार, 15 मई 2020

अमर शहीद एसीपी कोहली को डा. रमेश मंसूरां की विशेष श्रद्धांजलि

Friday 15th May 2020 at 14:29
 काव्यपूर्ण शब्दों में श्रद्धा सुमन अर्पित किये और कहा:जीत जायेंगे हम 
लुधियाना: 15 मई 2020: (कार्तिका सिंह//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी)::
कोरोना के साथ जंग जारी है। आंकड़े बढ़ रहे हैं लेकिन इसके साथ ही इसे नियंत्रण में लाने के प्रयास भी तेज़ हो रहे हैं। जिस रफ्तार से यह जंग तेज़ हो रही उसी रफ्तार से बहुत शिद्दत के साथ याद आ रहे हैं एसीपी अनिल कोहली। देश में सक्रिय पुलिस फ़ोर्स में से इस जंग के पहले शहीद। कहीं आम जनता इसकी चपेट में न आ जाये इसकी चिंता में आधी आधी रात को जाग जाने वाले एसीपी अनिल कोहली। कहीं कोई भूखा न सो जाये इस चिंता में खुद राशन लाद कर और  खुद रिक्शानुमा भारीभरकम ठेला पैडलों से ड्राईव कर के गरीबों के घरों तक पहुंचने वाले एसीपी अनिल कोहली। समाज के छोटे से छोटे व्यक्ति का दर्द महसूस करने वाले वह लोकप्रिय पुलिस अफसर एसीपी अनिल कोहली आज हमारे दरम्यान नहीं है लेकिन उन की यादें हमारे साथ रहेंगी। उन यादों को संजोने और संभालने का बहुत ही अच्छा प्रयास किया है उनके गहरे मित्र डा. रमेश मेहता (मंसूरां वालों) ने। आज भी उन्हें याद करते ही डाक्टर रमेश की आँखों में आंसू आ जाते हैं।  
कोरोना संकट में पंजाब पुलिस बलों का मनोबल बढ़ाने  के लिए डॉ. रमेश द्वारा लिखित एसीपी अनिल कोहली को समर्पित श्रद्धांजलि गीत बहुत ही मार्मिक है। इस गीत की हर पंक्ति कोरोना की जंग के उस शहीद की यादों का सिलसिला आड़ दिलाती है। बोलों के साथ साथ अतीत की तस्वीरों से यह सब और भी सजीव हो गया है। 
शहीद अनिल कोहली एसीपी लुधियाना को समर्पित श्रद्धांजलि गीत, पंजाब पुलिस, फ्रंट लाइन योद्धाओं के मनोबल को बढ़ाने के लिए मिशन पुनर्जोत के तहत सामाजिक सेवाओं की निरंतरता में यह गाना आज दुनिया भर में रिलीज हुआ। सब कुछ बहुत ही सादगी 
यह गीत डॉ.  रमेश एमडी, नेत्र विशेषज्ञ, डायरेक्टर, डॉ. रमेश सुपर स्पेशियलिटी आई और लेजर लुधियाना द्वारा प्रस्तुत और लिखा गया है। सब कुछ बहुत ही सादगी से हुआ। न कोई वीआईपी बुलाया गए न ही कोई तड़क भड़क दिखाई गई। सोशल डिस्टेंस का कायम रखते हुए यह सारी रस्म बहुत ही सादगी से अदा हुई। 
लुधियाना के लोग, पुलिस बलों के जवान और राष्ट्र के लोग ईमानदार, समर्पित, व्यावहारिक, प्रतिबद्ध और बहादुर पुलिस अधिकारी अनिल कोहली के महान बलिदान के ऋणी रहेंगे। हर दिल में एक विशेष जगह बानी रहेगी उस महान शहीद के लिए। 
इस गीत में कोरोना बीमारी की देखभाल के लिए उनके योगदान और उनके सबक को बहुत ही आसान से शब्दों में जनता के सामने रखा गया। डाक्टर रमेश ने अपने बेहद प्रिय मित्र एसीपी कोहली को इस गीत के ज़रिये याद रखने का यह प्रयास बहुत ही श्रद्धा से किया। उनके दिल की आवाज़ है इस गेट में। 
डा. रमेश ने इस अवसर पर कहा कि वह समाज के लिए स्वास्थ्य शिक्षा के अलावा पिछले 29 वर्षों से नेत्रदान के महान कार्य के लिए काम कर रहे हैं। पंजाब पुलिस इस खूबसूरत दुनिया को फिर से देखने के लिए  ज़रूरतमंद लोगों की मदद के लिए मिशन पुनर्जोत  के साथ नेत्रदान आंदोलन के लिए सराहनीय काम कर रही है। कोरोना युद्ध के लिए खुद की अग्रिम पंक्ति के योद्धा के रूप में मैंने भारत के महान बेटे अनिल कोहली के सम्मान में एक छोटी सी श्रद्धांजलि लिखने के लिए यह पहल की। डाक्टर रमेश ने बहुत ही भावुक होते हुए शहीद एसीपी कोहली की स्मृति में जब सिर झुकाया तो कैमरे में उन पलों को बहुत ही खूबसूरती से कैद किया। 
यह श्रद्धांजलि गीत यूट्यूब पर उपलब्ध है। इसे देखा जा सकता है। इस मकसद के लिए आप यहां क्लिक भी कर सकते हैं। 
इसके साथ ही डा. रमेश ने एक वायदा भी किया है। यह वायदा उनके परिवार के साथ भी है। उन्होंने कहा कि मिशन पुनर्जोत हमेशा अनिल कोहली जी के परिवार के साथ रहेगा और आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बना रहेगा। आपको यह प्रयास कैसा लगा अवश्य बताएं। --कार्तिका सिंह 

शुक्रवार, 1 मई 2020

स्टार इमेजिंग एंड पैथ लैब को कोविड-19 परीक्षण करने की मंजूरी

Thursday: 30th April 2020 at 23:44
कोविड-19 परीक्षण करने के लिए मंजूरी दी आईसीएमआर ने 
नई दिल्ली: 2 मई 2020: (एम. मुमताज़//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी)::
दिल्ली एनसीआर की एक प्रमुख डायग्नोस्टिक सेवा प्रदाता कंपनी, स्टार इमेजिंग एंड पैथ लैब ने कोरोना वायरस के लिए परीक्षण करने शुरू कर दिये हैं। मीडिया से बात करते हुए प्रबंधन ने इस खबर की पुष्टि की। छह राज्यों में 12 निजी डायग्नोस्टिक लैब चेन्स को कोरोना वायरस के नमूनों का परीक्षण करने के लिए सरकार से मंजूरी मिल गयी है।
स्टार इमेजिंग एंड पैथ लैब में अब डॉक्टर के पर्चे और सरकारी पहचान पत्र के आधार पर कोविड-19 के संदिग्ध रोगियों का परीक्षण किया जा रहा है। फिलहाल, इसे घरों से मरीजों के नमूने एकत्र करने और ड्राइव-थ्रू की अनुमति मिली हुई है।
कोरोना वायरस के टैस्ट का शुल्क रु. 4,500 है और यह रिपोर्ट दो दिनों में उपलब्ध करा दी जाती है। स्टार इमेजिंग एंड पैथ लैब के डायरेक्टर समीर भाटी ने बताया, "भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा तिलक नगर, दिल्ली स्थित हमारी मुख्य प्रयोगशाला को कोविड-19 हेतु परीक्षण की अनुमति दी गयी है। फिलहाल, हम भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, परीक्षण शुरू करने के लिए तैयार हैं।"
उन्होंने कहा, "हम इस बात से बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं कि आईसीएमआर ने तिलक नगर, दिल्ली स्थित स्टार इमेजिंग एंड पैथ लैब को ऐसे समय में कोविड-19 टैस्ट के लिए चुना है, जब इन परीक्षणों की बहुत अधिक जरूरत है और देश की एक बड़ी आबादी कोरोना वायरस बीमारी (कोविड-19) से खतरा महसूस कर रही है। लैब में बड़े स्तर पर परीक्षण करने के लिए पर्याप्त क्षमता है। देश में इस बीमारी के प्रसार को रोकने और इसकी जांच के लिए व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए प्रबंधन आगे की योजना बना रहा है। इन दिनों बिना लक्षणों वाले मामले बढ़ रहे हैं,  ऐसे में समय रहते उचित परीक्षण बहुत महत्वपूर्ण हो गया है, खासकर गर्भवती महिलाओं के मामलों में। ऐसे में, सरकार द्वारा निजी प्रयोगशालाओं को मंजूरी देने से देश को कोविड-19 संकट से निपटने में मदद मिलेगी। ”
अंत में उन्होंने कहा कि जैसा कि हमारे चेयरमैन, डॉ. आर ए गुप्ता और श्री पवन गुप्ता मैनेजिंग डायरेक्टर। का आदर्श वाक्य है - "दूसरों से वैसा वर्ताव करो, जैसा तुम उनसे चाहते हो"। इस सिद्धांत का पालन करते हुए हम पूरी क्षमता और शक्ति के साथ अपने संसाधनों के साथ राष्ट्र की सेवा के लिए तैयार हैं। 

गुरुवार, 30 अप्रैल 2020

Corona से जंग: नामधारी संगत ने किया SSP अमृतसर का सम्मान

पुलिस वाले जान की बाज़ी लगा कर कर रहे हैं कोरोना जंग में जनसेवा 
अमृतसर//लुधियाना: 30 अप्रैल 2020:(पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी ब्यूरो)::  
कोरोना वायरस का खौफ हर तरफ छाया हुआ है। कोरोना पीड़ितों की संख्या हर रोज़ बढ़ती जा रही है।कोरोना वायरस के इस इतने बड़े आतंक के बावजूद पुलिस के जवान निरंतर लोगों की सेवा में लगे हैं। गहन संकट की इस घड़ी में आम लोगों को बचाने के लिए सक्रिय हो कर काम करने वालों में पुलिस विभाग के जवान और उच्च अधिकारी भी शामिल हैं। अपनी जान का खतरा उठा कर दुसरे लोगों की जान बचने वाले लोग ज़िंदा शहीदों से काम भी नहीं होते। नामधारी संगत ने पुलिस विभाग के जवानों का सम्मान करने के लिए एक छोटा सा प्रयास किया। इस प्रयास के अंतर्गत एस एस पी सुखचैन सिंह गिल का सम्मान किआ गया। नामधारी संगत ने खतरा उठा कर लोगों के काम आ रहे पुलिस जवानों की प्रशंसा की। पुलिस के कुछ अन्य जवानों का भी सम्मान किया गया। इसके साथ ही इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट अध्यक्ष दिनेश बस्सी को भी सम्मानित किया गया। 
इस सम्मान के अंतर्गत स्वतंत्रता संग्राम का शुभारम्भ करने वाले सतिगुरु राम सिंह जी की तस्वीर श्री गिल, श्री बस्सी और अन्य लोगों को दी गयी। 
नामधारी संगत के सक्रिय नेता अध्यक्ष-गुरचरण सिंह, साहिब सिंह, लाल सिंह और अन्य लोगों ने बताया कि कोरोना के कहर का सामना इतनी बहादुरी से करने वाले पुलिस जवानों का मनोबल बनाए रखना पूरे समाज का नैतिक कर्तव्य बनता है। आम लोग घरों में रह कर सुरक्षित रहें इस लिए यह जवान खुद बाहर निकल कर डयूटी दे रहे हैं। इन नामधारी नेताओं ने बताया कि ऐसे जांबाज़ पुलिस अधिकारीयों का सम्मान सतिगुरु ठाकुर दलीप सिंह जी के आदेशों पर किया जा रहा है। 
नामधारी संगत ने याद दिलाया कि अदि पुलिस वाले न होते तो समाज का क्या हाल हो गया होता। पुलिस वालों ने ही लोगों को उनके घरों में रोक रखा  है। अदि ऐसा न हुआ तो इसका अनुमान लगाना भी मुश्किल है की कोरोना ने अब तक कितनी जानें ले ली होतीं।  
गौरतलब है कि गर्मियों में पुलिस के जवानों को शकंजवी, ठंडा जल, निम्बू पानी इत्यादि और सर्दियों में चाय अर्थात देसी चाय पर आधारित चाटा पिलाने का सिलसिला नामधारी संगत ने बहुत पहले से शुरू कर रखा है। इसकी शुरुआत नामधारी संगत ने ठाकुर दलीप सिंह के कहने पर ही कई बरस पहले शुरू की थी।यह सिलसिला देश के सभी राज्यों में लगातार जारी है। आज हुए सम्मान आयोजन के समय नामधारी निर्मल सिंह, नामधारी दर्शन सिंह, नामधारी सतपाल सिंह, नामधारी निरंजन सिंह, नामधारी बूटा सिंह, नामधारी सुरजीत सिंह और नामधारी गुरुचरण सिंह चन्न भी मौजूद रहे। 

शुक्रवार, 10 अप्रैल 2020

पंजाब ने 1 मई तक कर्फ्यू बढ़ाया

संकट में से निकलने को नीतियां बनाने के लिए बनेगी विशेष टास्क फोर्स 
*कैबिनेट की तरफ से कोविड काल के बाद अर्थव्यवस्था के पुर्नोद्धार के लिए नक्शा बनाने के लिए उच्च ताकती कमेटी बनाने का फैसला
*अस्पतालों के बुनियादी ढांचे के तत्काल नवीनीकरन पर काम करने के लिए एक और टास्क फोर्स बनाई
चंडीगढ़: 10 अप्रैल 2020: (पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी)::
कोविड -19 के कम्युनिटी में फैलाव के खतर्र्रोंं के चलते पंजाब सरकार ने शुक्रवार को राज्य में पहली मई, 2020 तक कफ्र्यू बढ़ाने का फ़ैसला लिया।

यह फ़ैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता अधीन हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग में लिया गया जिससे इस महामारी के कम्युनिटी फैलाव को रोका जा सके और गेहूँ की कटाई /खरीद के सीजन के चलते मंडियों में भीड़ होने से बचाव किया जा सके।

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार कैप्टन अमरिन्दर सिंह इस फ़ैसले से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शनिवार होने वाली मुख्यमंत्रियों की वीडियो काँफ्रंसिंग में भी अवगत करवाएंगे।

अगामी सप्ताहों में महामारी के फैलने के गंभीर अंदेशों का हवाला देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि कफ्र्यू बंदिशें बहुत ज़रूरी थी जिससे मैडीकल ढांचे पर उसकी क्षमता से अधिक बोझ न पड़ सके। उन्होंने कहा कि मैडीकल भाईचारे में यह एक आम विचार है कि लॉकडाऊन ही इस बीमारी के फैलाव को रोकने से बचाव कर सकता है। उन्होंने आशा अभिव्यक्त की कि इस बीमारी को रोकने वाली कोई दवा /इलाज मिल सके।

मुख्यमंत्री के प्रस्ताव पर मंत्रीमंडल ने फ़ैसला किया कि कफ्र्यू /लॉकडाऊन से धीरे धीरे बाहर लाने के लिए नीति बनाने के लिए बहु-मंतवी टास्क फोर्स बनाई जाये। टास्क फोर्स 10 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। टास्क फोर्स में 15 मैंबर होंगे जो व्यापार, कारोबार, उद्योग, कृषि, सिवल सोसायटी और स्वास्थ्य क्षेत्रों की नुमायंदगी करेंगे। मुख्यमंत्री को टास्क फोर्स की रचना संबंधी फ़ैसला लेने के लिए अधिकारित किया।

मंत्रीमंडल ने उच्च ताकती कमेटी की स्थापना करने का भी फ़ैसला किया जो राज्य को कोविड काल के बाद खतरे के घटने और आम जन जीवन बहाल होने पर पर राज्य की अर्थव्यवस्था के पुर्नोद्धार का नक्शा बनाने में सुझाव देगी। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वह योजना आयोग के पूर्व डिप्टी चेयरमैन मोंटेक सिंह आहलूवालीया को इस कमेटी का प्रमुख बनने की विनती करेंगे।

मंत्रीमंडल ने यह भी प्रस्ताव पास किया कि केंद्र सरकार से अपील की जाये कि पंजाब में 500 करोड़ रुपए के अनुमानित निवेश के साथ वायरोलॉजी का एडवांस सैंटर स्थापित किया जाये और राज्य सरकार की तरफ से इस प्रोजैक्ट के लिए मुफ़्त में ज़मीन मुहैया करवाई जायेगी।

मौजूदा संकट से निपटने के लिए राज्य में स्वास्थ्य ढांचे के तत्काल नवीनीकरन के लिए मंत्रीमंडल ने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव के नेतृत्व में एक और टास्क फोर्स स्थापित करने का फ़ैसला लिया। पर्यटन एवं सांस्कृतिक विभाग के प्रमुख सचिव और पंजाब हेल्थ सिस्टम कोर्पोरेशन के एम.डी. इस टास्क फोर्स के मैंबर होंगे। यह फोर्स स्वास्थ्य ढांचे के जल्द नवीनीकरन का काम समयबद्ध तरीके से करेगी। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को इस सम्बन्धी विस्तृत प्रस्ताव पेश करने के लिए कहा।

सोमवार, 30 मार्च 2020

खालिदा बेगम ने कायम की मिसाल

हज को रखे पांच लाख रू. दिए कोरोना निरोधक फंड में सेवा भारती को 
श्री नगर//सोशल मीडिया: 30 मार्च 2020: (पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी)::
ये खालिदा बेगम हैं। उम्र है 87 साल।  हज पे जाने का सपना बहुत पुराना था। हज पर जाने के इस नेक मकसद के लिए 5 लाख रुपये की बचत भी कर रखी थी। बाकी सब इंतजाम भी पूरे कर लिए थे। इतने में ही कोरोना को महामारी सामने आई तो हज पर जाने का इरादा बदल लिया। हज के लिए जमा किया सारे का सारा पांच लाख रुपया तुरंत कोरोना की रोकथाम के लिए डोनेट कर दिया। 
सुरेंदर राजपूत ने ट्विटर पर इन तस्वीरों को शेयर करते हुए जब लिखा कि ख़ालिदा जी आपको और आपके जज़्बे को सलाम तो इस तस्वीर को आगे शेयर करने वालों की संख्या तेज़ी से बढ़ी। 
इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र में स्थित आरएसएस के मीडिया विंग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि वास्तव में खालिदा बेगम जम्मू-कश्मीर में सेवा भारती की ओर से लॉकडाउन के दौरान किए जा रहे जन-कल्याण के कामों से काफी प्रभावित हुई हैं। इस काम को देख कर ही उनके मन में इस एतिहासिक दान का ख्याल आया। इन सेवा कार्यों में और तेज़ी लाने के लिए पांच लाख रुपये इस संगठन को देने का फैसला लिया। इन सूत्रों के मुताबिक खालिदा चाहती हैं कि उनकी दान दी गई रकम सेवा भारती के माध्यम से जम्मू और कश्मीर के गरीबों और जरूरमंदों की मदद में इस्तेमाल की जाए। उल्लेखनीय है कि मोहल्ला दलपत्तियां की निवासी एवं उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान की माता खालिदा बेगम की तरफ से यह रकम अखिल भारतीय सेवा भारती को दान करने का फैसला सोशल नीदिया पर भी बेहद लोकप्रिय हुआ है। रविवार को उन्होंने पांच लाख रुपये का चेक पदाधिकारियों को सौंपा। इस फैसले का सुस्वागतम करते हुए लोग लगातार इसकी प्रशंसा कर रहे हैं। गौरतलब है कि सेवा भर्ती लम्बे समय से सेवा कार्यों में जुटा हुआ है लेकिन कभी भी इसका ढिंढोरा नहीं पीटता।  

बुधवार, 18 मार्च 2020

कोरोना वायरस के चलते ESA ने उठाये विशेष कदम

17th March 2020 at 8:11 PM
तेज़ी और सतर्कता का खूबसूरत समन्वय नजर आया इस डियूटी में 
यूरोप: 17 मार्च 2020: (ई एस ए//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी)::
कोरोना की चुनौती का सामना करने का वक्त आया तो ESA अर्थात यूरोपियन स्पेस एजंसी ने अपनी भूमिका बहुत ही सावधानी और ज़िम्मेदारी से निभाई। इस सम्बन्ध में ESA ने बहुत से महत्वपूर्ण कदम उठाये तांकि कोरोना के आतंक और कहर का सामना प्रभावशाली ढंग से किया जा सके। सतर्कता और तेज़ी का खूबसूरत समन्वय नजर आया ESA के इन कदमों में। बेहद नाज़ुक सी स्थिति में इतना संतुलन रख्पना आसान नहीं था लेकिन इस संस्था ने एक बार फिर कमाल कर दिखाया। भविष्य में लिखे जाने वाले इतिहास में इन कार्यों और कदमों को निश्चय ही सुनहरी अक्षरों में लिखा जायेगा। 
हमारे मेज़बान देशों में कोरोनावायरस की  गंभीर होती स्थिति और नए निर्देशों के साथ यूरोपियन स्पेस एजंसी  ने अपने देख-रेख के कर्तव्य और सामाजिक ज़िम्मेदारी के क्रिटिकल कार्यों को और ज़्यादा मज़बूत करते हुए अपनी कार्यविधि के सुचारु संचालन को सुनिश्चित किया है। इससे समाजिक ज़िम्मेदारी की भावना को भी और बल मिला है। 
गौरतलब है कि पहले पहल जब कोरोना का नाम सामने आया तो सभी को प्रशासनिक सलाह दी गयी कि घरों में रह कर काम करो। लगा था सब कुछ जल्दी ही ठीक हो जायेगा। लेकिन मामला गड़बड़ाता नज़र आया। पाबंदियां बढ़ा दी गयीं। फ्रासं/स्पेन और नीदरलैंड में स्कूल, कालेज, दुकानें इत्यादि सब बंद करने के आदेश सामने आये। ESA ने इन सभी निर्देशों को तुरंत अपने सभी प्रतिष्ठानों पर लागू किया। 
यूरोपियन स्पेस एजंसी के डायरेक्टर जनरल Jan Wörner ने कहा हमारे लिए अपने कर्मचारियों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है। बहुत ही कम संख्या में केवल उन्हीं कर्मचारियों को काम पर  गया जिनके बिना इस एजंसी के कई नाज़ुक काम चल ही नहीं सकते थे। इस संबंध में 17 और 18 मार्च को होने वाली काउन्सिल मीटिंग भी रद्द कर दी गयी लेकिन इसके बावजूद एग्ज़ेक्युटिव कमेटी की आवश्यक स्वीकृतियों की आज्ञा देने के लिए सबसे बढ़िया रास्तों और तरीकों पर विचार विमर्श जारी रहा। 
इसी बीच लांच होने वाले बहुत से अभियानों को रोकना भी पड़ा। इस पर तेज़ी से काम जारी है कि स्वास्थ्य के नज़रिये से हालात अनुकूल बनते ही इन अभियानों को जल्द ही लांच किया जा सके। 
(तस्वीर European Space Agency से साभार)