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रविवार, 16 अगस्त 2020

कोरोना की सहम भरी खामोशियों को तोडा एफ आई बी ने

गैर सरकारी तौर पर केवल हमने तिरंगा लहराया--डा. भारत 
लुधियाना: 16 अगस्त 2020: (पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी)::
इस बार कोरोना का कहर और ऊपर से लॉक डाउन। हर तरफ एक सहम भरी चुप्पी। हर गली मोहल्ले में खामोशियों का पहरा। ऐसे में आया स्वतंत्रता दिवस पहले की तरह जोशीला नहीं था। बंदिशों के चलते बड़े आयोजन करने सम्भव भी नहीं थे। कदम कदम पर सख्ती भी थी। अगर  कोई ऐसा कदम उठाने की कोशिश भी करता तो पुलिस बड़ी सख्ती से उसे रोक देती। इस के बावजूद FIB अर्थात फस्ट इन्फर्मेशन ब्यूरो के प्रमुख डाक्टर भारत और उनकी टीम निराश नहीं हुई। हाँ पहले की तरह रौनक मेला सम्भव नहीं था लेकिन फिर भी आयोजन तो हुआ। कोरोना के बावजूद इस आयोजन का सिलसिला लगातार जारी रहा। झंडा फहराने की रस्म के अवसर पर स्थानीय पार्षद जयप्रकाश विशेष तौर पर पहुंचे। 
बेलन ब्रिगेड की प्रमुख सुश्री अनीता शर्मा ने इस बार भी इस कार्यक्रम में पहुँच कर नशे के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की।  सशक्तिकरण की बात भी ज़ोर दे कर कही। उन्होंने ज़ोर दे कर कहा कि महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिले तो पूरे समाज को इसका फायदा होगा। 
भारतीय जनता पार्टी के महिला मोर्चा की राज्य सचिव मैडम सुधा खन्ना ने भी इस आयोजन की सफलता में अपना योगदान दिया। उन्होंने व्यस्तताओं के बावजूद कार्यक्रम की हर गतिविधि में भाग लिया। उन्होंने आश्वासन भी दिया की समाजिक उत्थान के लिए मैं हर पल तैयार हूं। 
इंडियन पीपलज़ थिएटर एसोसिएशन की  तरफ से प्रदीप शर्मा इप्टा भी पहुंचे। इन कार्यक्रमों के शानदार इतिहास में हर बार डाक्टर भारत के सक्रिय साथी रहे 85 वर्षीय उम्र लेकिन युवायों जैसे जोशीले ओंकार सिंह पूरी भी पूरी तरह सरगर्म रहे। 
एफ आई बी के ही सोनू शर्मा और राजू सहित अन्य लोग भी शुरू से लेकर आखिर तक कार्यक्रम में हाज़िर रहे।लडडू बांटे गए और झंडा फहराया गया। 
तिरंगे के साथ इश्क करने वालों ने कोरोना के सहम से भरी खामोशियों को तोड़ते हुए देश प्रेम से भरे जानदार गीत हर दिल तक सुनवाए। इसकी आवाज़ गली मोहल्ले के हर घर तक पहुंच रही थी। 
डाक्टर भारत ने इस सारे आयोजन के इतिहास की भी चर्चा की और संकल्प भी उठाया कि हम लगातार इस सिलसिले को जारी रखेंगे। साथ ही नशे की  रोकथाम पर भी विस्तृत चर्चा हुई। दक्रतर भारत ने कहा कि इस बार लुधियाना में केवल एक तो राजकीय आयोजन  गया और दूसरा हमने झंडा लहराया। कोरोना की दहशत भी हमें रोक नहीं सकी। हमने इस बार काफी सादगी से काम लिया और नियमों की पालना करते हुए स्वतंत्रता दिवस मनाया। 
पार्षद जयप्रकाश ने कहा कि नशे के कारोबार कोई कोई भी खबर किसी के पास भी हो तो वह उन तक पहुंचाए। हम उसका नाम पता गुप्त रखेंगे। नशे को जड़ से उखाड़ना हमारी सरकार  निशाना है।
इसी चर्चा को आगे बढ़ाते हुए मैडम अनीता शर्मा ने कहा की सभजी सरकारें सिर्फ बातें ही करती हैं नशे को जड़ से उखाड़ने के लिए वास्तव में कुछ नहीं करतीं। अब भी सरकार सख्ती करे तो बहुत से घरों को बचाया जा सकता है।    
          --कार्तिका सिंह 

शनिवार, 21 दिसंबर 2013

Charistmas in Chaura Bazaar Ludhiana


20-12-2013 पर प्रकाशित
हर साल की तरह इस बार भी लुधियाना के चौड़ा बाज़ार में लोकप्रिय समाज सेवी गुरिंदर सूद ने अपने व्यापारिक संस्थान Legesy शोरूम और होटल आकर्षित के परिसर में क्रिसमस का केक बहुत ही स्नेह, श्रद्धा और सम्मान से काटा। इस शुभ अवसर पर जहाँ उनके ख़ास ख़ास मित्र अपने परिवारों सहित मौजूद थे वहीँ पर वे गरीब बच्चे भी को ख़ास मेहमान थे जिन्हें लोग देखते ही दुत्कार देते हैं। गुरिंदर सूद और उनके स्टाफ ने उन्हें प्रेम भी दिया और अपनत्व का अहसास भी। बच्चों को केक के साथ महंगी किस्म की टाफियां भी बांटी गयीं। बच्चे खुदबखुद कह बार बार दिन आये। बार बार दिल गए-जियो हज़ारों साल---! हर बार की तरह इस बार भी कैलवरी चर्च के प्रमुख फादर दरबारा सिंह की टीम ने येशू का गुणगान किया। -रेकटर कथूरिया (पंजाब स्क्रीन)

Children enjoyed Christmas cake


20-12-2013 पर प्रकाशित
बच्चों को यहाँ टाफी हर समय मिलती है---आधी रात को छोड़ कर---- पर आज उन्हें यहाँ केक भी मिल रहा था और गर्म गर्म काफी भी---क्रिसमस से कुछ दिन पूर्व 20 दिसंबर 2013 को बच्चों ने इस त्यौहार का खूब लुत्फ़ उठाया---नाचा-- गाया और कुछ पल के लिए मिली मस्ती में वे अपना हर गम भूल गए। न कोई, मालिक था न कोई नौकर---कुछ समय के लिए सब बराबर हो गए थे---बरबस ही याद आ रहा था वह गीत आज गा लो मुस्करा लो--महफिलें सजा लो----! खुशियों की यह बरसात हुई थी लुधियाना के चौड़ा बाज़ार में स्थित Legesy शोरूम में और हर वर्ष की तरह इसका आयोजन किया था इस संस्थान के संचालक गुरिंदर सूद ने। सम्मानित बज़ुर्ग मंजीत रये भारद्धाज, उनके बेटे निर्दोष भारद्धाज, कामरेड रमेश रत्न, राजेश गांधी, जानेमाने समाज सेवी अरुण कत्याल, रवि राज सोई और बहुत से अन्य लोग---जब फादर दरबारा सिंह की टीम ने वहाँ मसीही भजन गाया तो वहाँ मौजूद सिद्धू साहिब ने भी अपने चिमटे का रंग दिखाया।पूछा पुलिस में होकर यह संगीत साज़ कहाँ से सीखा तो बोले प्रभातफेरी में जाता हूँ। इस तरह यहाँ सभी धर्मों के लोग बहुत ही प्रेम से जुड़े थे---साम्प्रदायिक सदभावना की गंगा बह रही थी और साथ ही सवाल भी कर रही थी अगर यहाँ सब मिलजुल कर प्रेम से सारा त्यौहार मना सकते हैं तो सरे देश में ऐसा क्यूँ नहीं हो सकता?सरे विश्व में ऐसा क्यूँ नहीं हो सकता? --रेकटर कथूरिया (पंजाब स्क्रीन)

Gurinder Sood distributed sweets on Christmas eve (+प्लेलिस्ट)

यह सिलसिला जनाब गुरिंदर सूद ने बरसों पहले शुरू किया था

21-12-2013 पर प्रकाशित
टाफियों से भरी एक थाली झट से सामने आ जाती है
बच्चों को यहाँ टाफी हर समय मिलती है---आधी रात को छोड़ कर---- यह सिलसिला जनाब गुरिंदर सूद ने बरसों पहले शुरू किया था और आज तक जारी है---- इस कम्प्लेक्स में दाखिल होते ही टाफियों से भरी एक थाली झट से सामने आ जाती है---जलपान की शुरूआत बाद में होती होती है---पर आज बच्चों को यहाँ केक भी मिल रहा था और गर्म गर्म काफी भी---क्रिसमस से कुछ दिन पूर्व 20 दिसंबर 2013 को बच्चों ने इस त्यौहार का खूब लुत्फ़ उठाया---नाचा-- गाया और कुछ पल के लिए मिली मस्ती में वे अपना हर गम भूल गए। न कोई, मालिक था न कोई नौकर---कुछ समय के लिए सब बराबर हो गए थे---बरबस ही याद आ रहा था वह गीत आज गा लो मुस्करा लो--महफिलें सजा लो----! खुशियों की यह बरसात हुई थी लुधियाना के चौड़ा बाज़ार में स्थित Legesy शोरूम में और हर वर्ष की तरह इसका आयोजन किया था इस संस्थान के संचालक गुरिंदर सूद ने। सम्मानित बज़ुर्ग मंजीत रये भारद्धाज, उनके बेटे निर्दोष भारद्धाज, कामरेड रमेश रत्न, राजेश गांधी, जानेमाने समाज सेवी अरुण कत्याल, रवि राज सोई और बहुत से अन्य लोग---जब फादर दरबारा सिंह की टीम ने वहाँ मसीही भजन गाया तो वहाँ मौजूद सिद्धू साहिब ने भी अपने चिमटे का रंग दिखाया।पूछा पुलिस में होकर यह संगीत साज़ कहाँ से सीखा तो बोले प्रभातफेरी में जाता हूँ। इस तरह यहाँ सभी धर्मों के लोग बहुत ही प्रेम से जुड़े थे---साम्प्रदायिक सदभावना की गंगा बह रही थी और साथ ही सवाल भी कर रही थी अगर यहाँ सब मिलजुल कर प्रेम से सारा त्यौहार मना सकते हैं तो सरे देश में ऐसा क्यूँ नहीं हो सकता?सरे विश्व में ऐसा क्यूँ नहीं हो सकता? --रेकटर कथूरिया (पंजाब स्क्रीन)