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बुधवार, 23 जून 2021

मामला भारत श्रम शक्ति भागीदारी में लैंगिक अंतर का

प्रविष्टि तिथि: 23 JUN 2021 5:05 PM by PIB Delhi

लैंगिक अंतर को कम करने का सामूहिक प्रयास जारी--श्रम मंत्री

संतोष गंगवार की जी-20 श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक में घोषणा 

ईडब्ल्यूजी प्राथमिकताओं पर मंत्रिस्तरीय पर किया विशेष संबोधन  


लुधियाना
: 23 जून 2021: (पीआईबी//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी)::

केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री श्री संतोष गंगवार ने कहा है कि भारत श्रम शक्ति भागीदारी में लैंगिक अंतर कम करने के लिए सामूहिक प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश शिक्षा, प्रशिक्षण, कुशलता, उद्यमिता विकास और समान कार्य के लिए समान वेतन सुनिश्चित कर रहा है। श्री गंगवार आज यहां जी-20 श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक में घोषणा और कार्य समूह प्राथमिकताओं पर मंत्रिस्तरीय संबोधन कर रहे थे। श्री गंगवार ने कहा कि मजदूरी पर नई संहिता, 2019 से मजदूरी, भर्ती और रोजगार की शर्तों में लिंग आधारित भेदभाव कम होगा। सभी प्रतिष्ठानों में सभी प्रकार के कार्य के लिए महिलाएं हकदार हैं। नियोक्ताओं को उनकी सुरक्षा और काम के घंटों के प्रावधान सुनिश्चित करने होंगे। महिलाएं अब रात के समय भी काम कर सकती हैं। 

श्री गंगवार ने बताया कि सवैतनिक मातृत्व अवकाश की अवधि 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दी गई है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में महिला उद्यमियों को छोटे उद्यम शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता दी गई है। इस योजना के तहत 9 हजार बिलियन रुपये के जमानत मुक्त ऋण वितरित किए गए हैं। इस योजना में लगभग 70 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं। 

श्रम और रोजगार मंत्री ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा संबंधी नई संहिता में अब स्वरोजगार और कार्य बल के अन्य सभी वर्गों को भी सामाजिक सुरक्षा कवरेज के दायरे में शामिल किया जा सकता है। असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए 2019 में शुरू की गई स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना में 60 वर्ष की आयु के बाद न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन का प्रावधान है।

श्रम मंत्री ने संयुक्त मंत्रिस्तरीय घोषणा को अपनाने का समर्थन करते हुए इस बात पर जोर दिया कि सदस्य देशों द्वारा इस तरह की पहल पूरी युवा पीढ़ी के समग्र विकास और क्षमता निर्माण के लिए काफी मददगार साबित होगी, जो तेजी से विकसित हो रही है और अब महामारी के कारण अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई है।

रोजगार कार्य समूह ने महिलाओं के रोजगार, सामाजिक सुरक्षा और दूरदराज के कामकाज सहित प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। बैठक का विषय श्रम बाजारों और समाजों की समावेशी, टिकाऊ और लचीली वसूली को प्रोत्साहन रहा।

वर्ष 2014 में जी-20 के नेताओं ने ब्रिसबेन में श्रम शक्ति भागीदारी दरों में पुरुषों और महिलाओं के बीच के अंतर को 2025 तक 25 प्रतिशत कम करने का संकल्प किया था। यह संकल्प श्रम बाजार में 100 मिलियन महिलाओं को लाने, वैश्विक और समावेशी विकास को बढ़ाने तथा गरीबी और असमानता को कम करने के उद्देश्य के साथ व्यक्त किया गया था। हाल के वर्षों में लगभग सभी जी-20 देशों ने समान अवसरों, श्रम बाजार में महिलाओं की भागीदारी और लैंगिक वेतन अंतर को कम करने के मामले में प्रगति की है। वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव के कारण लैंगिक असमानताओं को कम करने की प्रक्रिया धीमी हो गई है। जी-20 देशों द्वारा लागू किए गए उपायों से रोजगार और कोविड-19 के सामाजिक प्रभाव को कम करने में मदद मिली। फिर भी कई देशों के साक्ष्य महिलाओं पर असंगत प्रभाव दिखाते हैं। श्रम बाजारों और समाजों में लैंगिक असमानता बढ़ने के जोखिम को स्वीकार करते हुए रियाद शिखर सम्मेलन में जी-20 नेताओं ने महिलाओं के रोजगार की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ ब्रिस्बेन लक्ष्य को हासिल करने के लिए रोडमैप तैयार करने का आह्वान किया था।

इस आह्वान के उत्तर में ब्रिस्बेन लक्ष्य की ओर और उससे आगे के जी-20 रोडमैप को हमारे श्रम बाजारों के साथ-साथ सामान्य रूप से समाजों में महिलाओं और पुरुषों के लिए समान अवसर और परिणाम प्राप्त करने के लिए विकसित किया गया है। यह रोडमैप महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, रोजगार और लैंगिक समानता की गुणवत्ता (ऑस्ट्रेलिया, 2014) और श्रम शक्ति भागीदारी में लैंगिक अंतर कम करने की जी-20 नीति सिफारिशों तथा महिलाओं की रोजगार गुणवत्ता में सुधार करके वेतन (जर्मनी 2017) के लिए जी-20 नीति प्राथमिकताओं पर आधारित है।

श्रम बाजार में महिलाओं की भागीदारी और उनके रोजगार की गुणवत्ता में सुधार में अनेक कारक बाधक बने हुए हैं। इन बाधाओं पर काबू पाना न केवल ब्रिस्बेन लक्ष्य और सदस्य देशों की पिछली प्रतिबद्धताओं को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि श्रम बाजार और समाजों में पूर्ण लैंगिक समानता पर भी लक्ष्य साधना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि नीतिगत उपायों को व्यवहारवादी अंतर्दृष्टि द्वारा, आंकड़ों और साक्ष्यों के आधार पर सूचित किया जाए और राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुसार अनुकूल बनाया जाए। इस पृष्ठभूमि में ब्रिस्बेन लक्ष्य की ओर और उससे आगे का रोडमैप महिलाओं के रोजगार की मात्रा और गुणवत्ता बढ़ाने, समान अवसर सुनिश्चित करने तथा श्रम बाजार में बेहतर परिणाम प्राप्त करने, सभी क्षेत्रों और व्यवसायों में महिलाओं और पुरुषों के समान वितरण को प्रोत्साहित करने, लैंगिक वेतन अंतर से निपटने, महिलाओं तथा पुरुषों के बीच भुगतान और अवैतनिक काम के अधिक संतुलित वितरण को प्रोत्साहित करने और श्रम बाजार में भेदभाव और लैंगिक रुढ़िबद्धता के समाधान के रूप में तय किया गया है।

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सोमवार, 17 अगस्त 2020

जनजातीय स्वास्थ्य और पोषण पोर्टल–‘स्‍वास्‍थ्‍य’ का शुभारंभ

प्रविष्टि तिथि: 17 August 2020 at 4:25 PM by PIB Delhi
 राष्ट्रीय प्रवासी और राष्ट्रीय जनजातीय फैलोशिप पोर्टल भी साथ होगा 
नई दिल्ली: 17 अगस्त 2020: (पीआइबी//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी)::
आदिवासी और जनजातीय वर्गों के लिए जो जो कदम सरकार उठाती है उनका सही विवरण आम जनता तक नहीं पहुंच पाता। परिणाम यह होता है कि इन वर्गों और इन क्षेत्रों के अम्बन्ध में एक धुंध सी पसरने लगती है। इस धुंध में सच क्या है और झूठ क्या है इसका कुछ पता ही नहीं लगता। आज इन वर्गों पर विशेष पोर्टल लांच होने से इस धुंध को हटाने में काफी सहायता मिलेगी। इस पोर्टल के लांच होने का पूरा विवरण दिया है पत्र सूचना कार्यालय ने। 
इसी पोर्टल से साभार ली गई तस्वीर
पीआईबी ने बताया कि जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा आज कई पहलों की घोषणा की हैं जिनमें जनजातीय स्वास्थ्य एवं पोषण पोर्टल ‘स्‍वास्‍थ्‍य’ और स्वास्थ्य तथा पोषण पर ई-न्यूजलेटर ‘आलेख’, राष्‍ट्रीय प्रवासी पोर्टल और राष्‍ट्रीय जनजातीय फैलोशिप पोर्टल शामिल हैं। इस अवसर पर केन्‍द्रीय जनजा‍तीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा, जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह सरुता, कैबिनेट सचिवालय में सचिव (समन्वय), श्री वी.पी. जॉय और जनजातीय कार्य मंत्रालय में सचिव श्री दीपक खांडेकर उपस्थित थे। जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव श्री नवलजीत कपूर ने मंत्रालय के डैशबोर्ड के कार्य निष्‍पादन के बारे में प्रस्‍तुति दी, जिसमें 11 योजनाओं के परिणाम संकेतक तथा मंत्रालय की पहल का प्रदर्शन किया गया। 
इस पोर्टल पर जनजातीय जीवन को दर्शाती जीवंत तस्वीरें इसे बहुत ही आकर्षक बनाती हैं। जनजातीय वर्गों के स्वास्थ्य और लाईफस्टाईल की एक झलक मिलती है इस सामग्री में। 
श्री अर्जुन मुंडा ने आदिवासी स्वास्थ्य और पोषण पर ‘स्वास्‍थ्‍य’ नामक ई-पोर्टल का उद्घाटन किया, जो अपने किस्‍म का पहला ऐसा ई-पोर्टल है जो एक ही मंच पर भारत की जनजातीय आबादी के स्वास्‍थ्‍य और पोषण संबंधी जानकारी उपलब्ध कराता है। ‘स्‍वास्‍थ्‍य’ साक्षों, विशेषज्ञता और अनुभवों के आदान-प्रदान की सुविधा के लिए भारत के विभिन्‍न हिस्‍सों से एकत्र की गई नवाचारी प्रक्रियाओं, शोध रिपोर्टों, मामला अध्‍ययनों, श्रेष्‍ठ प्रक्रियाओं को साझा करेगा। जनजातीय कार्य मंत्रालय ने स्‍वास्‍थ्‍य और पोषण के लिए ज्ञान प्रबंधन हेतु उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्र के रूप में पीरामल स्वास्थ्य को मान्‍यता दी है। यह केन्‍द्र लगातार मंत्रालय से जुड़ा रहेगा और भारत की जनजातीय आबादी के स्‍वास्‍थ्‍य और पोषण से संबंधित साक्ष्‍य आधारित नीति और निर्णय लेने के लिए इनपुट उपलब्‍ध कराएगा। यह पोर्टल http://swasthya.tribal.gov.in एनआईसी क्लाउड पर होस्ट किया गया है। कुल मिला कर यह बहुत सहजता से चलने वाला आसान सा पोर्टल है जिसका संचालन बहुत ही सुगम और सहज है।
इसी पोर्टल से साभार ली गई एक अन्य तस्वीर
श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता हमारे प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। हालांकि समय के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य मानकों में काफी सुधार हुआ है लेकिन जनजातीय और गैर-जनजातीय आबादी के बीच अंतर बना हुआ है। हम इस अंतर को पाटने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुझे खुशी है कि स्‍वास्‍थ्‍य पोर्टल बहुत अच्‍छा काम करेगा। इस पोर्टल की शुरुआत देश की जनजातीय आबादी की सेवा करने के बड़े लक्ष्‍य की दिशा में पहला कदम है। सभी हितधारकों के सहयोग से मुझे मज़बूत होने और हमारे प्रधानमंत्री के विजन को पूरा करने की दिशा में बेहतर सेवा करने की उम्‍मीद है।  
उन्होंने गोइंग ऑनलाइन एज लीडर्स (जीओएएल) के माध्‍यम से फेसबुक के साथ भागीदारी में मंत्रालय की पहल के बारे में भी जानकारी दी। इस जीओएएल के माध्‍यम से मंत्रालय का उद्देश्‍य देश के 5000 जनजातीय युवाओं को सलाह देना और उन्‍हें अपने समुदाय के लिए ग्राम स्‍तर के डिजिटल युवा नेता बनाने में सक्षम करना है। उन्‍होंने कहा कि हम इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं। मुझे पूरी उम्‍मीद है कि यह पहल अपने उद्देश्‍यों को प्राप्‍त करेगी और जनजातीय युवाओं को अपने प्रभाव क्षेत्र में अग्रणी संसाधन बनाने के लिए सशक्‍त बनाएगी। इसके अलावा, उन्‍हें नेतृत्‍व कौशल प्राप्‍त करने अपने समाज में समस्‍याओं की पहचान करने, उनका समाधान करने और समाज की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के लिए अपने ज्ञान का उपयोग करने में भी समर्थ बनाएगी। जीओएएल कार्यक्रम को सभी हितधारकों का भारी समर्थन मिला है। इस कार्यक्रम के तहत 5 सितम्‍बर, 2020 को शिक्षक दिवस के अवसर पर मोबाइल वितरण और कार्यक्रम लॉन्‍च करने की भी घोषणा की गई।  
दिलचस्प बात है की जनजातीय जीवन की रिपोर्टिंग करते इस पोर्टल में जनजातीय महिलायों पर विशेष ध्यान दिया गया है। इन लडकियों और औरतों की तस्वीरें एक ऐसी झक दिखाती हैं कि इस जनजीवन को देखने की उत्सुकता सी भी पैदा होती है।
डीबीटी पोर्टल पर टिप्पणी करते हुए, श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि जनजातीय कार्य मंत्रालय ने अभी हाल में डीबीटी मिशन के मार्गदर्शन के अधीन आईटी सक्षम छात्रवृत्ति योजना के माध्‍यम से जनजातीय लोगों के सशक्तिकरण के लिए 66वें स्कोच स्‍वर्ण पुरस्‍कार प्रदान किए हैं। यह भी जानकारी दी गई कि केपीएमजी द्वारा सामाजिक समग्रता पर केन्द्रित केन्‍द्र प्रायोजित योजनाओं के राष्‍ट्रीय आकलन ने जनजातीय कार्य मंत्रालय के प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण पोर्टल को मान्‍यता दी है। इस पोर्टल को ई-गवर्नेंस में श्रेष्‍ठ प्रक्रिया अनुसूचित जनजाति के छात्रों को सेवा की आपूर्ति में पारदर्शिता, जवाबदेही और मौलिक सुधार के लिए अग्रणी माना गया है। फैलोशिप और प्रवासी छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन के शुरू होने के बारे में उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रीय फैलोशिप और प्रवासी छात्रवृत्ति पोर्टल अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए बेहतर पारदर्शिता और आसान जानकारी उपलब्‍ध कराएगा। उन्‍होंने   प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित डिजिटल इंडिया के सपनों को साकार करने की दिशा में उनके मंत्रालय द्वारा किए जा रहे असाधारण प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी।
जनजातीय कार्य मंत्रालय के डैशबोर्ड के कार्य निष्‍पादन के बारे में उन्‍होंने कहा कि यह डैशबोर्ड अनुसूचित जनजातियों को सशक्‍त बनाने की दिशा में काम करने के लिए डिजिटल इंडिया का एक हिस्‍सा है जो सिस्‍टम में दक्षता और पारदर्शिता लाएगा। जनजातीय कार्य मंत्रालय और नीति आयोग द्वारा निर्धारित तंत्र के अनुसार एसटीसी घटक के तहत जनजातियों के कल्‍याण के लिए अपने बजट की आवंटित राशि को खर्च करने के लिए अपेक्षित 37 अन्‍य मंत्रालयों के कार्य प्रदर्शन को भी डैशबोर्ड पर विभिन्‍न पैरामीटर पर देखा जा सकता है। डैशबोर्ड को राष्‍ट्रीय सूचना केन्‍द्र के तहत सेंटर ऑफ एक्‍सीलेंस ऑफ डेटा एनेलिटिक्‍स (सीईडीए) संगठन द्वारा सार्वजनिक नाम http://dashboard.tribal.gov.in से विकसित किया गया है।  
श्रीमती रेणुका सिंह सरुता ने एक त्रैमासिक ई-न्‍यूज लेटर आलेख जारी किया। जनजातीय कार्य मंत्रालय की जनजातीय समुदायों के स्‍वास्‍थ्‍य और भलाई में सुधार के लिए प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए उन्‍होंने कहा कि मैं उन व्‍यक्तियों और संगठन के प्रति बड़ी आभारी हूं जो कोविड के दौरान अनुसूचित जनजाति के लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं उपलब्‍ध कराने में विशेष रूप से समुदाय की बेहतरी के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। मुझे उम्‍मीद है कि यह न्‍यूज लेटर हमारे सभी हितधारकों के काम का प्रदर्शन करने और उन्‍हें एक-दूसरे की सफलता और असफलताओं से सीखने के लिए प्रोत्‍साहित करेगा। मुझे खुशी है कि जीओएएल कार्यक्रम के माध्‍यम से जनजातीय कार्य मंत्रालय और फेसबुक संयुक्‍त रूप से जनजातीय युवाओं विशेष रूप से लड़कियों तक पहुंच रहे हैं और डिजिटल मंच के माध्‍यम से उनमें उद्यमशीलता कौशल विकसित कर रहे हैं। मुझे पूरा विश्‍वास है कि यह उन्‍हें सामाजिक और आर्थिक रूप से चैंपियन बनने हेतु सशक्‍त करेगा।
कैबिनेट सचिवालय में सचिव (समन्वय) श्री वी.पी. जॉय ने शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय प्रवासी और राष्ट्रीय फैलोशिप पोर्टल का शुभारंभ किया। उन्होंने डीबीटी के माध्यम से सभी छात्रवृत्ति योजनाओं के संबंध में उत्कृष्ट डेटाबेस बनाने और डैशबोर्ड के माध्‍यम से पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की।
लॉग इन और डैशबोर्ड सिस्टम से इस पोर्टल से जुड़ने वाले लोगों को एक अपनत्व का अहसास भी होगा। उन्हें यह नहीं लगेगे कि यह कोई सरकारी पोर्टल है बल्कि यूं महसूस होगा कि यह हमारा ही पोर्टल है। हमारा अपना पोर्टल। 
  इस अवसर पर पीरामल फाउंडेशन के सीईओ श्री परेश परासनिस, पब्लिक हेल्‍थ नवाचार, पीरामल स्‍वास्‍थ्‍य के उपाध्‍यक्ष श्री शैलेन्‍द्र हेगड़े और फेसबुक से श्री रजत अरोड़ा उपस्थित थे। डिजिटल तकनीक की दुनिया में यह एक ऐसा कदम जो जन जन को जोड़ने में सहायक साबित होगा। 

शुक्रवार, 10 अप्रैल 2020

पंजाब ने 1 मई तक कर्फ्यू बढ़ाया

संकट में से निकलने को नीतियां बनाने के लिए बनेगी विशेष टास्क फोर्स 
*कैबिनेट की तरफ से कोविड काल के बाद अर्थव्यवस्था के पुर्नोद्धार के लिए नक्शा बनाने के लिए उच्च ताकती कमेटी बनाने का फैसला
*अस्पतालों के बुनियादी ढांचे के तत्काल नवीनीकरन पर काम करने के लिए एक और टास्क फोर्स बनाई
चंडीगढ़: 10 अप्रैल 2020: (पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी)::
कोविड -19 के कम्युनिटी में फैलाव के खतर्र्रोंं के चलते पंजाब सरकार ने शुक्रवार को राज्य में पहली मई, 2020 तक कफ्र्यू बढ़ाने का फ़ैसला लिया।

यह फ़ैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता अधीन हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग में लिया गया जिससे इस महामारी के कम्युनिटी फैलाव को रोका जा सके और गेहूँ की कटाई /खरीद के सीजन के चलते मंडियों में भीड़ होने से बचाव किया जा सके।

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार कैप्टन अमरिन्दर सिंह इस फ़ैसले से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शनिवार होने वाली मुख्यमंत्रियों की वीडियो काँफ्रंसिंग में भी अवगत करवाएंगे।

अगामी सप्ताहों में महामारी के फैलने के गंभीर अंदेशों का हवाला देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि कफ्र्यू बंदिशें बहुत ज़रूरी थी जिससे मैडीकल ढांचे पर उसकी क्षमता से अधिक बोझ न पड़ सके। उन्होंने कहा कि मैडीकल भाईचारे में यह एक आम विचार है कि लॉकडाऊन ही इस बीमारी के फैलाव को रोकने से बचाव कर सकता है। उन्होंने आशा अभिव्यक्त की कि इस बीमारी को रोकने वाली कोई दवा /इलाज मिल सके।

मुख्यमंत्री के प्रस्ताव पर मंत्रीमंडल ने फ़ैसला किया कि कफ्र्यू /लॉकडाऊन से धीरे धीरे बाहर लाने के लिए नीति बनाने के लिए बहु-मंतवी टास्क फोर्स बनाई जाये। टास्क फोर्स 10 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। टास्क फोर्स में 15 मैंबर होंगे जो व्यापार, कारोबार, उद्योग, कृषि, सिवल सोसायटी और स्वास्थ्य क्षेत्रों की नुमायंदगी करेंगे। मुख्यमंत्री को टास्क फोर्स की रचना संबंधी फ़ैसला लेने के लिए अधिकारित किया।

मंत्रीमंडल ने उच्च ताकती कमेटी की स्थापना करने का भी फ़ैसला किया जो राज्य को कोविड काल के बाद खतरे के घटने और आम जन जीवन बहाल होने पर पर राज्य की अर्थव्यवस्था के पुर्नोद्धार का नक्शा बनाने में सुझाव देगी। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वह योजना आयोग के पूर्व डिप्टी चेयरमैन मोंटेक सिंह आहलूवालीया को इस कमेटी का प्रमुख बनने की विनती करेंगे।

मंत्रीमंडल ने यह भी प्रस्ताव पास किया कि केंद्र सरकार से अपील की जाये कि पंजाब में 500 करोड़ रुपए के अनुमानित निवेश के साथ वायरोलॉजी का एडवांस सैंटर स्थापित किया जाये और राज्य सरकार की तरफ से इस प्रोजैक्ट के लिए मुफ़्त में ज़मीन मुहैया करवाई जायेगी।

मौजूदा संकट से निपटने के लिए राज्य में स्वास्थ्य ढांचे के तत्काल नवीनीकरन के लिए मंत्रीमंडल ने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव के नेतृत्व में एक और टास्क फोर्स स्थापित करने का फ़ैसला लिया। पर्यटन एवं सांस्कृतिक विभाग के प्रमुख सचिव और पंजाब हेल्थ सिस्टम कोर्पोरेशन के एम.डी. इस टास्क फोर्स के मैंबर होंगे। यह फोर्स स्वास्थ्य ढांचे के जल्द नवीनीकरन का काम समयबद्ध तरीके से करेगी। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को इस सम्बन्धी विस्तृत प्रस्ताव पेश करने के लिए कहा।

गुरुवार, 14 नवंबर 2013

गुरुवार, 7 नवंबर 2013

Mars Orbiter Mission

India's first interplanetary mission to planet Mars
Published on Nov 5, 2013
Mars Orbiter Mission spacecraft separates from PSLV rocket successfully, and has been put into Earth's orbit at 2:38 pm today from Sriharikota.

Mars Orbiter Mission is India's first interplanetary mission to planet Mars with an orbiter craft designed to orbit Mars in an elliptical orbit. The Mission is primarily technological mission considering the critical mission operations and stringent requirements on propulsion and other bus systems of spacecraft. (Courtesy Post)