मंगलवार, 9 दिसंबर 2014

पप्पा जल्दी आ जाना- हिंदी फिल्म TAQDEER (1967) का यादगारी गीत

कोंकणी फिल्म निर्मोह का रीमेक थी तक़दीर 
 Courtesy:TheDreammarchant//YouTube
कोकणी फिल्म निर्मोह 1966 में आई थी। निर्मोन का शाब्दिक अर्थ भी किस्मत ही होता है। उसकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि एक ही वर्ष बाद 1967 में इसका हिंदी रीमेक तैयार हो गया तक़दीर के नाम से। यूं तो तक़दीर के सभी गीत हिट हुए थे लेकिन इस  गीत ने अपना अलग स्थान बनाया। घर की मजबूरियां और रोज़ी रोटी का चक्र कैसे घर के अपनों को अपनों से ही दूर विदेश में भेज देता है इसकी एक झलक इस गीत में खूबसूरती से दर्शायी गयी है। गीत को लिखा था आनंद बख्शी साहिब ने और संगीत था लक्ष्मी कांत प्यारेलाल ने। इस गीत को आवाज़ दी थी लतामंगेश्कर और सुलक्षणा पंडित ने। निर्माता तारा चंद बरजात्या की इस यादगारी फिल्म में भारतभूषण, फ़रीदा जलाल, शालिनी, काजल, कमल कपूर, जानी वाकर, सुभाष घई, सुशील और जलाल आगा भी थे। यह फिल्म 1967 में आई थी और अब 2015 आने को है लेकिन तक़दीर के खेल आज भी जारी हैं। आज भी बहुत से लोग घर परिवार छोड़ कर विदेश में जाते हैं और कभी कभी वे वापिस भी नहीं आते केवल उनकी खबर आती है। इन मजबूरियों से ही निकला था गीत--चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है---इसकी चर्चा हम किसी अगली पोस्ट में करेंगे। 

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