शनिवार, 24 अक्तूबर 2020

किसी मनुष्य को कुत्ता कह कर कुत्ते का अपमान न करें

 गौर कीजिये-बहुत सी विशेषताएं हैं कुत्तों में जनाब!
*इस यादगारी और भवनात्मक तस्वीर को क्लिक किया जानेमाने कैमरामैन Atharva Tulsi (Unsplash) ने 

लुधियाना: 24 अक्टूबर 2020: (रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी)::

ये बोला दिल्ली के कुत्ते से गाँव का कुत्ता!
कहाँ से सीखी अदा तू ने दुम दबाने की!
वो बोला दुम के दबाने को बुज़-दिली न समझ!
जगह कहाँ है यहाँ दुम तलक हिलाने की!
                                       ---साग़र ख़य्यामी

यह तस्वीर दिल्ली में बने हुए किसी पुराने बादशाह के मकबरे की है लगता है तस्वीर में नज़र आ रहे कुत्ते ने कई दिनों से नहाने की ज़रूरत भी नहीं समझी या फिर नहाने जितना पानी ही उसे उपलब्ध नहीं हुआ क्यूंकि पानी के बंटवारे को लेकर तो लड़ाई झगड़ों का माहौल गरमाया हुआ है। इस हालत के बावजूद यह कुत्ता खुश लग रहा है। शायद इसी लिए कहा जाता है कि कुत्ते दरवेश होते हैं। इस संबंध में कई कहानियां भी प्रचलित हैं।  कुत्तों को भूत-प्रेत भी नज़र आ जाते हैं। जहाँ भी रहते हैं वहां के परिवार में मृत्यु की दस्तक आने पर कुत्ते उसे झट से पहचान लेते हैं और भौंकना शुरू कर देते हैं या रोना शुरू कर देते हैं।  बहुत से लोगों ने देखा होगा की जब कोई कुत्ता रोने लगता है तो कुछ ही घंटों में उस गली के किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है। समझना आ जाए तो ये अपनी भाषा में बहुत सी काम की बातें भी कहते हैं। 

बहुत से अघोरी और अन्य साधु भी कुत्तों को अपने साथ रखना ज़रूरी समझते हैं। इस बात को न भी माना जाये तो भी इसकी वफादारी तो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इसकी सूंघने की शक्ति और इसकी मेघा भी बहुत विशेष होती है। पुलिस और सेना में कुत्ते बहुत ही काम के होते हैं। पहले तो कुत्तों के वृद्ध होने पर सेना में उन्हें गोली मार कर मार दिए जाने का चलन भी था लेकिन अब इसे सुधारा जा रहा है। वृद्धा अवस्था में कुत्तों के पुनर्वास करने की बातें भी सुनी गई हैं। बहुत से अमीर लोगों के परिवारों में कुत्तों को विशेष सम्मान मिलता है। जो परिवार कुत्तों को पालने के शौक़ीन हैं वे इसे पारिवारिक सदस्य की तरह ही स्नेह करते हैं। अब सरकारें भी लोगों की इस भावुक कमज़ोरी को समझ गई हैं और उनके पालने पर नई नई किस्म के टेक्स और खर्चे घोषित हो रहे हैं। कुत्ते पालना अब महंगा सौदा हो गया है। 

इसी बीच कई बरसों से कुत्तों का कारोबार बहुत मुनाफा भी देने लगा है। छोटे छोटे पिल्लै बहुत महंगे भाव पर बिकते हैं। कुत्तों के अच्छे कारोबारी कुत्तों को  समय उन्हें सबंधित टीके इत्यादि लगवा कर ही बेचते हैं। 
इससे उन्हें हलकाने या कोई अन्य रोग नहीं होता। जब भी इतिहास लिखा गया तो यह बात दर्ज रहेगी कि जब लोग अपने परिवारों और देशों के साथ वफादारी भूल गए थे तो उस स्वार्थ भरे दौर में भी कुत्ते वफ़ादारी की मिसाल बने रहे। 

इस लिए एक निवेदन है आप सभी से। जब भी किसी आज के किसी तथाकथित इंसान, बेवफा व्यक्ति, धोखेबाज़ मित्र या ऐसे किसी भी अन्य मनुष्य को गाली देने का मन करे तो कृपया उसे कुत्ता कह कर कुत्ते का अपमान न करें। 

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