बच्चों के आइटमों ने बड़ों को भी याद दिलायीं आज की बुनियादी समस्याएं
दिल्ली से आई अवधूतिका आनंद नारायणी ने आनंद मार्ग के मिशन और फलसफे पर संक्षिप्त रहते हुए भी काफी कुछ बताया। जिसे बार मेहमान स्तम्ब रह गए।गौरतलब है कि आनंद मार्ग की स्थापना श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने १९५५ में की थी। बहुत से विरोधों और कठिनाईओं के बावजूद लगातार आगे बढ़ता हुआ आनंद मार्ग आज विश्व भर में चूका है।
स्कूल के बच्चों ने रंगारंग और संगीतमय आइटमों से समय बाँधा। एंकरिंग का काम से गगनदीप सिंह ने बहुत ही कुशलता से किया। जय श्री, अदिति, अमन, देव, आनन्दा, मोहित, सुमीत, विमल, स्नेह, वरमिवा, नेहा और बहुत से बच्चों ने अलग अलग आइटमें करके देश और दुनिया की हालत किया। जातिपाति का विरोध, पर्यावरण और शिक्षा का संदेश देते हुए कार्यक्रम ठीक दो बजे शुरू होकर शाम बजे तक चला। अंत में स्कूल की प्रिंसीपल आचार्य रत्नज्योति ने सभी का धन्यवाद किया।
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