बुधवार, 23 जून 2021

मामला भारत श्रम शक्ति भागीदारी में लैंगिक अंतर का

प्रविष्टि तिथि: 23 JUN 2021 5:05 PM by PIB Delhi

लैंगिक अंतर को कम करने का सामूहिक प्रयास जारी--श्रम मंत्री

संतोष गंगवार की जी-20 श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक में घोषणा 

ईडब्ल्यूजी प्राथमिकताओं पर मंत्रिस्तरीय पर किया विशेष संबोधन  


लुधियाना
: 23 जून 2021: (पीआईबी//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी)::

केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री श्री संतोष गंगवार ने कहा है कि भारत श्रम शक्ति भागीदारी में लैंगिक अंतर कम करने के लिए सामूहिक प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश शिक्षा, प्रशिक्षण, कुशलता, उद्यमिता विकास और समान कार्य के लिए समान वेतन सुनिश्चित कर रहा है। श्री गंगवार आज यहां जी-20 श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक में घोषणा और कार्य समूह प्राथमिकताओं पर मंत्रिस्तरीय संबोधन कर रहे थे। श्री गंगवार ने कहा कि मजदूरी पर नई संहिता, 2019 से मजदूरी, भर्ती और रोजगार की शर्तों में लिंग आधारित भेदभाव कम होगा। सभी प्रतिष्ठानों में सभी प्रकार के कार्य के लिए महिलाएं हकदार हैं। नियोक्ताओं को उनकी सुरक्षा और काम के घंटों के प्रावधान सुनिश्चित करने होंगे। महिलाएं अब रात के समय भी काम कर सकती हैं। 

श्री गंगवार ने बताया कि सवैतनिक मातृत्व अवकाश की अवधि 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दी गई है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में महिला उद्यमियों को छोटे उद्यम शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता दी गई है। इस योजना के तहत 9 हजार बिलियन रुपये के जमानत मुक्त ऋण वितरित किए गए हैं। इस योजना में लगभग 70 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं। 

श्रम और रोजगार मंत्री ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा संबंधी नई संहिता में अब स्वरोजगार और कार्य बल के अन्य सभी वर्गों को भी सामाजिक सुरक्षा कवरेज के दायरे में शामिल किया जा सकता है। असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए 2019 में शुरू की गई स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना में 60 वर्ष की आयु के बाद न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन का प्रावधान है।

श्रम मंत्री ने संयुक्त मंत्रिस्तरीय घोषणा को अपनाने का समर्थन करते हुए इस बात पर जोर दिया कि सदस्य देशों द्वारा इस तरह की पहल पूरी युवा पीढ़ी के समग्र विकास और क्षमता निर्माण के लिए काफी मददगार साबित होगी, जो तेजी से विकसित हो रही है और अब महामारी के कारण अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई है।

रोजगार कार्य समूह ने महिलाओं के रोजगार, सामाजिक सुरक्षा और दूरदराज के कामकाज सहित प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। बैठक का विषय श्रम बाजारों और समाजों की समावेशी, टिकाऊ और लचीली वसूली को प्रोत्साहन रहा।

वर्ष 2014 में जी-20 के नेताओं ने ब्रिसबेन में श्रम शक्ति भागीदारी दरों में पुरुषों और महिलाओं के बीच के अंतर को 2025 तक 25 प्रतिशत कम करने का संकल्प किया था। यह संकल्प श्रम बाजार में 100 मिलियन महिलाओं को लाने, वैश्विक और समावेशी विकास को बढ़ाने तथा गरीबी और असमानता को कम करने के उद्देश्य के साथ व्यक्त किया गया था। हाल के वर्षों में लगभग सभी जी-20 देशों ने समान अवसरों, श्रम बाजार में महिलाओं की भागीदारी और लैंगिक वेतन अंतर को कम करने के मामले में प्रगति की है। वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव के कारण लैंगिक असमानताओं को कम करने की प्रक्रिया धीमी हो गई है। जी-20 देशों द्वारा लागू किए गए उपायों से रोजगार और कोविड-19 के सामाजिक प्रभाव को कम करने में मदद मिली। फिर भी कई देशों के साक्ष्य महिलाओं पर असंगत प्रभाव दिखाते हैं। श्रम बाजारों और समाजों में लैंगिक असमानता बढ़ने के जोखिम को स्वीकार करते हुए रियाद शिखर सम्मेलन में जी-20 नेताओं ने महिलाओं के रोजगार की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ ब्रिस्बेन लक्ष्य को हासिल करने के लिए रोडमैप तैयार करने का आह्वान किया था।

इस आह्वान के उत्तर में ब्रिस्बेन लक्ष्य की ओर और उससे आगे के जी-20 रोडमैप को हमारे श्रम बाजारों के साथ-साथ सामान्य रूप से समाजों में महिलाओं और पुरुषों के लिए समान अवसर और परिणाम प्राप्त करने के लिए विकसित किया गया है। यह रोडमैप महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, रोजगार और लैंगिक समानता की गुणवत्ता (ऑस्ट्रेलिया, 2014) और श्रम शक्ति भागीदारी में लैंगिक अंतर कम करने की जी-20 नीति सिफारिशों तथा महिलाओं की रोजगार गुणवत्ता में सुधार करके वेतन (जर्मनी 2017) के लिए जी-20 नीति प्राथमिकताओं पर आधारित है।

श्रम बाजार में महिलाओं की भागीदारी और उनके रोजगार की गुणवत्ता में सुधार में अनेक कारक बाधक बने हुए हैं। इन बाधाओं पर काबू पाना न केवल ब्रिस्बेन लक्ष्य और सदस्य देशों की पिछली प्रतिबद्धताओं को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि श्रम बाजार और समाजों में पूर्ण लैंगिक समानता पर भी लक्ष्य साधना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि नीतिगत उपायों को व्यवहारवादी अंतर्दृष्टि द्वारा, आंकड़ों और साक्ष्यों के आधार पर सूचित किया जाए और राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुसार अनुकूल बनाया जाए। इस पृष्ठभूमि में ब्रिस्बेन लक्ष्य की ओर और उससे आगे का रोडमैप महिलाओं के रोजगार की मात्रा और गुणवत्ता बढ़ाने, समान अवसर सुनिश्चित करने तथा श्रम बाजार में बेहतर परिणाम प्राप्त करने, सभी क्षेत्रों और व्यवसायों में महिलाओं और पुरुषों के समान वितरण को प्रोत्साहित करने, लैंगिक वेतन अंतर से निपटने, महिलाओं तथा पुरुषों के बीच भुगतान और अवैतनिक काम के अधिक संतुलित वितरण को प्रोत्साहित करने और श्रम बाजार में भेदभाव और लैंगिक रुढ़िबद्धता के समाधान के रूप में तय किया गया है।

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सोमवार, 21 जून 2021

पूरे भारत में 75 विरासत स्थलों पर आयोजित हुए योग कार्यक्रम

 21-जून-2021 13:04 IST

'योग, एक भारतीय विरासत' के अंतर्गत चला विशेष अभियान 

श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने युवाओं से स्वस्थ और खुशहाल भविष्य के लिए योग को अपनाने का आग्रह किया


नई दिल्ली
: 21 जून 2021: (पीआईबी//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी)::

संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने आज सातवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले में संस्कृति और पर्यटन मंत्रालयों के अधिकारियों,योग विशेषज्ञों और योग प्रशंसकों के साथ योग किया। केंद्रीय मंत्री "योग, एक भारतीय विरासत" अभियान का नेतृत्व कर रहे थे। यह कार्यक्रम 75 सांस्कृतिक विरासत स्थलों पर आयोजित किया गया था, जिसमें स्वतंत्रता के 75 वर्ष मनाने के उपलक्ष्य में मंत्रालय के सभी संस्थानों/निकायों की सक्रिय भागीदारी थी। वर्तमान महामारी की स्थिति को देखते हुएयोग के लिए भाग लेने वालों की संख्या प्रत्येक स्थल पर 20 तक सीमित थी। योग प्रदर्शन से पहले केंद्रीय मंत्री और कार्यक्रम में शामिल लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन का सीधा प्रसारण देखा।

लाल किले पर योग समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत में श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि योग हमारी सबसे बड़ी धरोहर है। इसका श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को जाता है कि उन्होंने इस आरोग्य मंत्र को पूरी दुनिया में लोकप्रिय बनायाहै। परिणामस्वरूप आज पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाता है और लोगों ने इसे अपने जीवन का अभिन्न अंग बना लिया है।उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव के तहत अंतर्राष्ट्रीययोग दिवस 2021 मनाया जा रहा है। इसी के अनुसार संस्कृति मंत्रालय ने देश भर में 75 विरासत स्थलों पर योग कार्यक्रम आयोजित किए हैं। उन्होंने युवाओं से स्वस्थ और खुशहाल भविष्य का आनंद लेने के लिए अपने जीवन में योग को अपनाने का आग्रह किया।

श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि आज दुनिया को एमयोग ऐप मिल रहा है, जिसमें कई भाषाओं में सामान्य योग प्रोटोकॉल पर आधारित योग प्रशिक्षण के अनेक वीडियो उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि एमयोग ऐप निश्चित रूप से विश्व के सभी लोगों को स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने में सहायक होगा।

आचार्य प्रतिष्ठा के मार्गदर्शन में लाल किले पर योग प्रोटोकॉल प्रदर्शन किया गया। भारत सरकार के सचिव (संस्कृति) श्री राघवेन्द्र सिंह, भारत सरकार के सचिव (पर्यटन) श्री अरविंद सिंह और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस योग अभियान में शामिल हुए।

संस्कृति मंत्रालय ने एलोरा गुफा (औरंगाबाद), नालंदा (बिहार), साबरमती आश्रम (गुजरात), हम्पी (कर्नाटक), लद्दाख शांति स्तूप (लेह), सांची स्तूप (विदिशा), शीश महल (पटियाला), राजीव लोचन मंदिर (छत्तीसगढ़), बोमडिला (अरुणाचल प्रदेश) जैसे विरासत स्थलों पर योग और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए।

शीश महल, पटियाला के योग कैंप का दृश्य देखने वाला था। शाही शहर में योग का जलवा भी अलग सी छटा बिखेर रहा था। कभी किसी ज़माने में क्रिकेट को भारतीय आसमान पर ले जाने वाला पटियाला अब भारतीय योग को बुलंदियों पर लेजाने में योगदान दे रहा था। 

वारंगल के वारंगल किला में लगा योग शिविर भी कमाल का रहा। कभी नक्सलवाद का गढ़ रहे वारंगल में योग की शांति एक नया इतिहास रच रही थी। अंतर्मन की कलह और बेचैनी के आतंक को नियंत्रित करने के भी अशोक उपाय बता रहा था आज का योग शिविर।  

एलोरा गुफा,एलोरा,औरंगाबाद में पहले पहल केवल गुफाओं का नाम था। ये गुफाएं भी गहरे योग के बिना कुछ समझा पाने में सफल नहीं रहती। इन गुफाओं में बनी ,मूर्तियां क्या संदेश देती हैं इसे गहरे योग के ध्यान से ही समझा जा सकता है। ाजका का योग शिविर इस मकसद से भी सफलता पूर्वक ज्ञान दे रहा था। 

गंगईकोंडा चोलापुरम, बोमडिला(अरुणाचल प्रदेश), राजीव लोचन मंदिर,छत्तीसगढ़ और हम्पी सर्किल में लगे योग शिविर भी पूरी तरह सफल रहे।