अपने ज़माने का भजन जो बच्चे बच्चे की ज़ुबान पर था
ग्वाल बाल इक इक से पूछें-कहा है मुरली वाला रे.
बड़ी देर भई नंदलाला,
कोई ना जाए कुंजा गली मे, तुझ बिन कलिया चुनने को,
तरस रहे है जमुना के तट, धुन मुरली की सुनने को,
अब तो दरस दिखादे मोहन, क्यों दुविधा मे डाला रे.
बड़ी देर भई नंदलाला,
संकट मे है आज वो धरती, जिस पर तूने जन्म लिया,
पूरा कर दे आज वचन वह, जो गीता मे तूने दिया,
तुम बिन कोई नही है मोहन, भारत का रखवाला रे.
बड़ी देर भई नंदलाला.
बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके ब्रिजबाला -2
ग्वाल बाल इक इक से पूछें कहा है मुरली वाला रे.
बड़ी देर भई नंदलाला,
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