रविवार, 3 जनवरी 2021

हैपी बर्थडे गैरी!

तुम जिओ हज़ारों साल- साल के दिन हों पचास हज़ार

लुधियाना: 3 जनवरी 2020: (कार्तिका सिंह//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग  टीवी)::

आंखों की बिमारियों या आपरेशनों का कैंप कहीं भी हो तो आम तौर पर उसमें डाक्टर रमेश मंसूरां वालों टीम ज़रूर होती है। इसी कैंप में जो लोग आपको अपने परिवारिक सदस्यों की तरह मिलेंगे उनमें एक नाम ऋषि का भी है। वही ऋषि जिसे ज़्यादातर लोग डा. रछपाल ऋषि के तौर पर जानते हैं। शायरी से भी प्रेम है, कैमरे से भी और पत्रकारिता भी।  

मीडिया को मेडिकल कैंप की खबरें भेजने के साथ साथ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं को गांव के प्राकृतिक नज़ारे दिखाती  अच्छी  तस्वीरें भी ऋषि साहिब ही भेजते हैं। काम कितना ही थकावट भरा हो लेकिन ऋषि के चेहरे पर हमेशां  मुस्कान नज़र आती है। साथ ही चेहरे पर एक ताज़गी सी भी होती है। 

मैंने पूछा रहस्य क्या है। जवाब में वही जादूभरी खाली मुस्कान। लेकिन आज पता चल ही गया इस रहस्यमय मुस्कान का वास्तविक रहस्य। इस मुस्कान का रहस्य है एक तो उनकी पत्नी हरविंदर कौर और दूसरा है उनका बेटा गैरी जिसका पूरा नाम है गुरनूर सिंह और चार जनवरी को  उसका जन्मदिन है। लुधियाना ज़िले की रायकोट तहसील के गांव पक्खोवाल से हर रोज़   रणधीर सिंह नगर में स्थित अपने अस्पताल में समय पर पहुंचना और फिर देर शाम तक डयूटी में लगे रहना ऋषि के लिए इबादत जैसा ही है। ऋषि  डा.  रमेश के निकट रह कर यही तो तो सीखा। 

गुरनूर सिंह अर्थात गैरी का जन्म चार जनवरी 2012 को हुआ था। संघर्षों के दिन थे लेकिन उसके आते ही  मुश्किलें दूर होने लगीं।  सोचा ऋषि साहिब किसी न किसी पीर बाबा के पास जा कर सजदा करते होंगें। पूछने पर बोले किसी दिन आप भी आ कर देखना। एक दिन सच में जा कर देखा तो मेडिकल कैंपों और अस्पताल में पहुँचने वाले वृद्ध मरीज़ों के दवा-दारू में जुटे डा.रछपाल ऋषि उन मरीज़ों के दिल और अंतरात्मा से निकल रही अनगिनत दुआयों रूहानी बरसात में अलौकिक सा स्नान करते महसूस हुए। आप भी दे दीजिये उन्हें गुरनूर अर्थात गैरी  जन्मदिन  हार्दिक बधाई  वाटसअप नंबर  9988031433 पर। 

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