गुरुवार, 29 अगस्त 2024

ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश, लुधियाना ने किया जेल का दौरा

 29th August 2024 at 5:04 PM From DPRO  कार्यालय जिला जनसंपर्क अधिकारी लुधियाना

सेंट्रल जेल, बोर्स्टल जेल और ज़नाना जेल का लिया जायज़ा    

लुधियाना: 29 अगस्त  2024:(DPRO//मीडिया लिंक//कोमल शर्मा//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी डेस्क):: 
जेल में जाने के बाद बड़ों बड़ों की ज़िन्दगी में तब्दीली आने लगती है। इसके साथ ही सोच में बदलाहट आ जाती है। खुद की समीक्षा भी खुद ही होने लगती है और एटीएम अवलोकन की संभावनाएं भी बनने लगती हैं। लेकिन हर मामले में हर कैदी की कथा व्यथा अलग ही होती है। इनकी मुश्किलें और उम्मीदें भी अलग होती हैं। इन कठिनाईयों  जायज़ा लेने के लिए उच्च अधिकारीयों की एक टीम ने सेंट्रल जेल, बोर्स्टल जेल और ज़नाना जेल का दौरा किया। 

ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, ज़िला कानूनी सेवा प्राधिकरण, लुधियाना हरप्रीत कौर रंधावा ने सेंट्रल जेल, बोर्स्टल जेल और जनाना जेल, लुधियाना का विशेष दौरा किया।

इस अवसर पर उनके साथ सचिव, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, लुधियाना हरविंदर सिंह और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लुधियाना राधिका पुरी भी उपस्थित थे।

हरप्रीत कौर रंधावा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, लुधियाना ने जेल के कैदियों के सामने आने वाली कठिनाइयों की समीक्षा की और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

उन्होंने जेल की बैरकों और रसोई की भी जांच की और साफ-सफाई का भी आकलन किया गया। इसके अलावा, उन्होंने जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, लुधियाना द्वारा कैदियों/बंदियों को प्रदान की जाने वाली मुफ्त कानूनी सहायता योजना के बारे में भी जानकारी दी और माननीय उच्च न्यायालय और माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अपील की विधि के बारे में जागरूक किया और सीमा अवधि की भी जानकारी दी। 

उन्होंने जेल अधीक्षक को निर्देश दिए कि जो भी व्यक्ति सरकारी खर्चे पर अपना केस चलाना चाहते हैं, उनके फार्म भरकर दो दिन के अंदर जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी, लुधियाना के कार्यालय में भेजना सुनिश्चित करें ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।

उन्होंने स्पष्ट किया कि जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, लुधियाना द्वारा उकट जेल में कानूनी सहायता क्लिनिक चलाए जा रहे हैं, जहां पैरा लीगल स्वयं सेवकों को नियुक्त किया गया है। इन क्लीनिकों से कैदी अपने मामले के बारे में कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

अब देखना है कि जेल की मुश्किलें कितने अपराधियों के ह्रदय में परिवर्तन करके उन्हें बदल पाती हैं। कितनों की सोच को किसी और तरफ लगा कर समज के लिए कुछ अच्छा करवा सकती हैं। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें