प्रविष्टि तिथि: 17 August 2020 at 4:25 PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय प्रवासी और राष्ट्रीय जनजातीय फैलोशिप पोर्टल भी साथ होगा
नई दिल्ली: 17 अगस्त 2020: (पीआइबी//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी)::
आदिवासी और जनजातीय वर्गों के लिए जो जो कदम सरकार उठाती है उनका सही विवरण आम जनता तक नहीं पहुंच पाता। परिणाम यह होता है कि इन वर्गों और इन क्षेत्रों के अम्बन्ध में एक धुंध सी पसरने लगती है। इस धुंध में सच क्या है और झूठ क्या है इसका कुछ पता ही नहीं लगता। आज इन वर्गों पर विशेष पोर्टल लांच होने से इस धुंध को हटाने में काफी सहायता मिलेगी। इस पोर्टल के लांच होने का पूरा विवरण दिया है पत्र सूचना कार्यालय ने।
इसी पोर्टल से साभार ली गई तस्वीर |
पीआईबी ने बताया कि जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा आज कई पहलों की घोषणा की हैं जिनमें जनजातीय स्वास्थ्य एवं पोषण पोर्टल ‘स्वास्थ्य’ और स्वास्थ्य तथा पोषण पर ई-न्यूजलेटर ‘आलेख’, राष्ट्रीय प्रवासी पोर्टल और राष्ट्रीय जनजातीय फैलोशिप पोर्टल शामिल हैं। इस अवसर पर केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा, जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह सरुता, कैबिनेट सचिवालय में सचिव (समन्वय), श्री वी.पी. जॉय और जनजातीय कार्य मंत्रालय में सचिव श्री दीपक खांडेकर उपस्थित थे। जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री नवलजीत कपूर ने मंत्रालय के डैशबोर्ड के कार्य निष्पादन के बारे में प्रस्तुति दी, जिसमें 11 योजनाओं के परिणाम संकेतक तथा मंत्रालय की पहल का प्रदर्शन किया गया।
इस पोर्टल पर जनजातीय जीवन को दर्शाती जीवंत तस्वीरें इसे बहुत ही आकर्षक बनाती हैं। जनजातीय वर्गों के स्वास्थ्य और लाईफस्टाईल की एक झलक मिलती है इस सामग्री में।
श्री अर्जुन मुंडा ने आदिवासी स्वास्थ्य और पोषण पर ‘स्वास्थ्य’ नामक ई-पोर्टल का उद्घाटन किया, जो अपने किस्म का पहला ऐसा ई-पोर्टल है जो एक ही मंच पर भारत की जनजातीय आबादी के स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जानकारी उपलब्ध कराता है। ‘स्वास्थ्य’ साक्षों, विशेषज्ञता और अनुभवों के आदान-प्रदान की सुविधा के लिए भारत के विभिन्न हिस्सों से एकत्र की गई नवाचारी प्रक्रियाओं, शोध रिपोर्टों, मामला अध्ययनों, श्रेष्ठ प्रक्रियाओं को साझा करेगा। जनजातीय कार्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य और पोषण के लिए ज्ञान प्रबंधन हेतु उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में पीरामल स्वास्थ्य को मान्यता दी है। यह केन्द्र लगातार मंत्रालय से जुड़ा रहेगा और भारत की जनजातीय आबादी के स्वास्थ्य और पोषण से संबंधित साक्ष्य आधारित नीति और निर्णय लेने के लिए इनपुट उपलब्ध कराएगा। यह पोर्टल http://swasthya.tribal.gov.in एनआईसी क्लाउड पर होस्ट किया गया है। कुल मिला कर यह बहुत सहजता से चलने वाला आसान सा पोर्टल है जिसका संचालन बहुत ही सुगम और सहज है।
इसी पोर्टल से साभार ली गई एक अन्य तस्वीर |
श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता हमारे प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। हालांकि समय के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य मानकों में काफी सुधार हुआ है लेकिन जनजातीय और गैर-जनजातीय आबादी के बीच अंतर बना हुआ है। हम इस अंतर को पाटने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुझे खुशी है कि स्वास्थ्य पोर्टल बहुत अच्छा काम करेगा। इस पोर्टल की शुरुआत देश की जनजातीय आबादी की सेवा करने के बड़े लक्ष्य की दिशा में पहला कदम है। सभी हितधारकों के सहयोग से मुझे मज़बूत होने और हमारे प्रधानमंत्री के विजन को पूरा करने की दिशा में बेहतर सेवा करने की उम्मीद है।
उन्होंने गोइंग ऑनलाइन एज लीडर्स (जीओएएल) के माध्यम से फेसबुक के साथ भागीदारी में मंत्रालय की पहल के बारे में भी जानकारी दी। इस जीओएएल के माध्यम से मंत्रालय का उद्देश्य देश के 5000 जनजातीय युवाओं को सलाह देना और उन्हें अपने समुदाय के लिए ग्राम स्तर के डिजिटल युवा नेता बनाने में सक्षम करना है। उन्होंने कहा कि हम इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि यह पहल अपने उद्देश्यों को प्राप्त करेगी और जनजातीय युवाओं को अपने प्रभाव क्षेत्र में अग्रणी संसाधन बनाने के लिए सशक्त बनाएगी। इसके अलावा, उन्हें नेतृत्व कौशल प्राप्त करने अपने समाज में समस्याओं की पहचान करने, उनका समाधान करने और समाज की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के लिए अपने ज्ञान का उपयोग करने में भी समर्थ बनाएगी। जीओएएल कार्यक्रम को सभी हितधारकों का भारी समर्थन मिला है। इस कार्यक्रम के तहत 5 सितम्बर, 2020 को शिक्षक दिवस के अवसर पर मोबाइल वितरण और कार्यक्रम लॉन्च करने की भी घोषणा की गई।
दिलचस्प बात है की जनजातीय जीवन की रिपोर्टिंग करते इस पोर्टल में जनजातीय महिलायों पर विशेष ध्यान दिया गया है। इन लडकियों और औरतों की तस्वीरें एक ऐसी झक दिखाती हैं कि इस जनजीवन को देखने की उत्सुकता सी भी पैदा होती है।
डीबीटी पोर्टल पर टिप्पणी करते हुए, श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि जनजातीय कार्य मंत्रालय ने अभी हाल में डीबीटी मिशन के मार्गदर्शन के अधीन आईटी सक्षम छात्रवृत्ति योजना के माध्यम से जनजातीय लोगों के सशक्तिकरण के लिए 66वें स्कोच स्वर्ण पुरस्कार प्रदान किए हैं। यह भी जानकारी दी गई कि केपीएमजी द्वारा सामाजिक समग्रता पर केन्द्रित केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के राष्ट्रीय आकलन ने जनजातीय कार्य मंत्रालय के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण पोर्टल को मान्यता दी है। इस पोर्टल को ई-गवर्नेंस में श्रेष्ठ प्रक्रिया अनुसूचित जनजाति के छात्रों को सेवा की आपूर्ति में पारदर्शिता, जवाबदेही और मौलिक सुधार के लिए अग्रणी माना गया है। फैलोशिप और प्रवासी छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन के शुरू होने के बारे में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय फैलोशिप और प्रवासी छात्रवृत्ति पोर्टल अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए बेहतर पारदर्शिता और आसान जानकारी उपलब्ध कराएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित डिजिटल इंडिया के सपनों को साकार करने की दिशा में उनके मंत्रालय द्वारा किए जा रहे असाधारण प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी।
जनजातीय कार्य मंत्रालय के डैशबोर्ड के कार्य निष्पादन के बारे में उन्होंने कहा कि यह डैशबोर्ड अनुसूचित जनजातियों को सशक्त बनाने की दिशा में काम करने के लिए डिजिटल इंडिया का एक हिस्सा है जो सिस्टम में दक्षता और पारदर्शिता लाएगा। जनजातीय कार्य मंत्रालय और नीति आयोग द्वारा निर्धारित तंत्र के अनुसार एसटीसी घटक के तहत जनजातियों के कल्याण के लिए अपने बजट की आवंटित राशि को खर्च करने के लिए अपेक्षित 37 अन्य मंत्रालयों के कार्य प्रदर्शन को भी डैशबोर्ड पर विभिन्न पैरामीटर पर देखा जा सकता है। डैशबोर्ड को राष्ट्रीय सूचना केन्द्र के तहत सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑफ डेटा एनेलिटिक्स (सीईडीए) संगठन द्वारा सार्वजनिक नाम http://dashboard.tribal.gov.in से विकसित किया गया है।
श्रीमती रेणुका सिंह सरुता ने एक त्रैमासिक ई-न्यूज लेटर आलेख जारी किया। जनजातीय कार्य मंत्रालय की जनजातीय समुदायों के स्वास्थ्य और भलाई में सुधार के लिए प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि मैं उन व्यक्तियों और संगठन के प्रति बड़ी आभारी हूं जो कोविड के दौरान अनुसूचित जनजाति के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में विशेष रूप से समुदाय की बेहतरी के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि यह न्यूज लेटर हमारे सभी हितधारकों के काम का प्रदर्शन करने और उन्हें एक-दूसरे की सफलता और असफलताओं से सीखने के लिए प्रोत्साहित करेगा। मुझे खुशी है कि जीओएएल कार्यक्रम के माध्यम से जनजातीय कार्य मंत्रालय और फेसबुक संयुक्त रूप से जनजातीय युवाओं विशेष रूप से लड़कियों तक पहुंच रहे हैं और डिजिटल मंच के माध्यम से उनमें उद्यमशीलता कौशल विकसित कर रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि यह उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से चैंपियन बनने हेतु सशक्त करेगा।
कैबिनेट सचिवालय में सचिव (समन्वय) श्री वी.पी. जॉय ने शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय प्रवासी और राष्ट्रीय फैलोशिप पोर्टल का शुभारंभ किया। उन्होंने डीबीटी के माध्यम से सभी छात्रवृत्ति योजनाओं के संबंध में उत्कृष्ट डेटाबेस बनाने और डैशबोर्ड के माध्यम से पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की।
लॉग इन और डैशबोर्ड सिस्टम से इस पोर्टल से जुड़ने वाले लोगों को एक अपनत्व का अहसास भी होगा। उन्हें यह नहीं लगेगे कि यह कोई सरकारी पोर्टल है बल्कि यूं महसूस होगा कि यह हमारा ही पोर्टल है। हमारा अपना पोर्टल।
इस अवसर पर पीरामल फाउंडेशन के सीईओ श्री परेश परासनिस, पब्लिक हेल्थ नवाचार, पीरामल स्वास्थ्य के उपाध्यक्ष श्री शैलेन्द्र हेगड़े और फेसबुक से श्री रजत अरोड़ा उपस्थित थे। डिजिटल तकनीक की दुनिया में यह एक ऐसा कदम जो जन जन को जोड़ने में सहायक साबित होगा।