शनिवार, 27 जून 2020

दुनिया में जुर्मों का आतंक-भारत फिर भी दिव्य-ठाकुर दलीप सिंह

ब्रिटेन में प्रेमिका की हत्या करके 15 महीने तक बेडरूम में रखा शव 
 शव की बदबू छुपाने के लिए छिड़कता रहा सेंट और परफ्यूम 
नामधारी विश्व: 26 जून 2020: (पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी ब्यूरो)::
विकास के दावे करने और सुनने तो बहुत अच्छे लगते हैं लेकिन उनकी वास्तविकता देखें तो रौंगटे खड़े हो जाते हैं। मामला  है ब्रिटेन जैसे अत्याधुनिक और विकसित  देश का। ब्रिटेन में प्रेमिका की हत्या करके उसके शव को 15  महीने तक बैडरूम में छुपाए रखने का घृणित और सनसनीखेज़ खुलासा हुआ है। इस तरह की जघन्य हत्यायों के मुकबिलों में भारत आज भी मानवीय और दिव्य सिद्धांतों पर खड़ा है। अंधेरी रात में भारत ही रौशनी दिखा रहा है। 
हाल ही में चर्चित हुए विवरण के मुताबिक ब्रिटेन के मेनचेस्टर में एक बहुत ही अजीब व हैरान करने वाला मामला सामने आया है जहां एक शख्स ने अपनी ही प्रेमिका का बेरहमी से कत्ल कर दिया। नामधारी सम्प्रदाय के सूत्रों ने बताया कि हिंदुस्तान डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक 45 वर्षीय कॉलिन रीडे नामक एक सनकी प्रेमी ने अपने से एक वर्ष छोटी अर्थात 44 वर्षीय प्रेमिका की हत्या करके उसके शव को बैडरूम की अलमारी में छुपा दिया। बात एक दो दिन की नहीं थी। यह शव उसने 15 महीने तक उसी अलमारी में छुपाए रखा। जब उस शव से बदबू उठने लगी तो उसे कुछ चिंता हुई। तब उसने शव की बदबू को रोकने के लिए रूम फ्रेशनर और इत्र का इस्तेमाल करता रहा। 
बदबू इसके बावजूद भी न रुकी। हवा के ज़रिये किसी न किसी मात्रा में यह बदबू बाहर निकलने लगी। धीरे धीरे इसकी मात्रा भी बढ़ने लगी। इस पर आस पड़ोस में भी चर्चा होने लगी।   जब भी कभी आस पड़ोस वाले पूछते तो वह जवाब में उसी फ्लैट में रहने वाले किरायेदारों को कोसता। वह किसी न किसी तरह इन किराएदारों को ही इस बदबू के लिए ज़िम्मेदार ठहराता।
यहाँ इस सारी घटना का संक्षिप्त सा ज़िक्र केवल इस लिए किआ गया है तांकि उन लोगों की आँखें खुल सकें जो हर बात-बे-बात पर अपने ही देश भारत को कोसने का कोई मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहते। 
ब्रिटेन की यह घटना बताती है कि जिन लोगों को हम न जाने कितना आधुनिक और विकसित समझते हैं वे वास्तव किस स्थिति में हैं? वहां किस तरह के पतन की घटनाएं घटित हो रही हैं। इस तरह के तथाकथित विकास के आधार पर खुद को विकसित कहलाने वाले देशों के लोगो तो धर्म कर्म के साथ साथ इंसानियत को भी भूलते जा रहे हैं। ज़रा सा वैचारिक मतभेद और वे लोग सामने वाली की जान लेते हैं।  
इसके विपरीत आज भी भारत में मानवता और संवेदना ज़िंदा है। लोग एक दुसरे का ध्यान रखते हैं। खुद का खाना उठा कर दूसरों को दे देते हैं। यह सब इसी लिए हो पता है क्यूंकि भारत के लोग धर्म पर आधारित शैली में जीवन जीते हैं। इसी लिए इनके जीवन जीने के अंदाज़ में मानवीय जीवन का अभी भी बहुत मूल्य है। जो लोग जीवन के महत्व को संहते होते हैं वे लोग कभी भी किसी दुसरे को नुक्सान नहीं पहुंचाते। 
नामधारी सदगुरु ठाकुर दलीप सिंह कहते हैं इन सब बातों के कारण ही मेरे लिए भारत अभी भी एक महान देश है। सारी दुनिया से अलग और महान जिस पर मुझे गर्व है। ठाकुर जी के शब्दों को सुन कर एक पुराना गीत अनायास ही याद आ गया--
है प्रीत जहाँ की रीत सदा

मैं गीत वहाँ के गाता हूँ
भारत का रहनेवाला हूँ
भारत की बात सुनाता हूँ

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