रविवार, 29 सितंबर 2024

सीआईए स्टाफ मोहाली टीम द्वारा डेराबस्सी में एक्शन

Posted on Sunday 29th September 2024 at 5:35 PM From  कार्यालय, जिला जनसंपर्क अधिकारी, साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर

एक व्यक्तिअवैध पिस्तौल और 02 राउंड कारतूस सहित काबू 

डेराबस्सी (एस ए एस नगर):29 सितंबर 2024: (मीडिया लिंक//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी डेस्क)::

पुलिस की सख्तियों के बावजूद लोग न क्राईम छोड़ रहे हैं और न ही हथियारों के साथ अपना मोह। इसे देखते  हुए  पुलिस ने भी एक बार फिर से सख्ती अपना ली है। इसी सख्ती के चलते एक व्यक्ति को अवैध पिस्तौल के साथ ग्रिफ्तार किया है। 

एसएसपी एस.ए.एस. नगर दीपक पारीक आईपीएस और डॉ. ज्योति यादव की तरफ से मिले दिशा-निर्देशों के अनुसार मोहाली पुलिस ने बुरे तत्वों के खिलाफ अभियान चलाया। ज्योति यादव आईपीएस कप्तान पुलिस (जांच) एसएएस नागर और तलविंदर सिंह पीपीएस उप पुलिस कप्तान (जांच) एसएएस। इंस्पेक्टर हरमिंदर सिंह नागर की देखरेख में प्रभारी सी.आई.ए. स्टाफ मोहाली की टीम ने 01 आरोपी को गिरफ्तार कर उसके पास से .32 बोर की 01 अवैध पिस्तौल और 02 जिंदा कारतूस बरामद करने में सफलता हासिल की। 

डॉ. ज्योति यादव आईपीएस कप्तान पुलिस (जांच) एसएएस नागर ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि 24-09-2024 को सी.आई.ए स्टाफ की एक पुलिस पार्टी बस स्टैंड डेराबसी के पास मौजूद थी, जहां सी.आई.ए. स्टाफ सहायक अधीक्षक गुरदीप सिंह को सूचना मिली कि जगतार सिंह उर्फ ​​तारा गुज्जर पुत्र अजायब सिंह निवासी दादपुर मोहल्ला, मस्जिद डेराबसी के पास, जिसके पास अवैध हथियार है, वह इस समय साहब पंजाबी ढाबा, डेराबसी-अंबाला रोड पर अपने साथी का इंतजार कर रहा है। 

गुप्त सुचना  था कि अगर छापेमारी कर उक्त जगतार सिंह को गिरफ्तार किया जाए तो उसके कब्जे से अवैध हथियार व गोला बारूद बरामद हो सकता है। सूचना के आधार पर थाना डेराबसी में निम्नलिखित आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा संख्या: 296 दिनांक 24-09-2024 ए/डी 25-54-59 आर्म्स एक्ट दर्ज किया गया। 

सूचना बिलकुल सही निकली और उसे साहब पंजाबी ढाबा डेराबसी-अंबाला रोड के पास से गिरफ्तार किया गया, आरोपी के पास से .32 बोर की पिस्तौल के साथ 02 जिंदा राउंड फायर किए गए। अब आरोपी पुलिस रिमांड पर है। पता किया है कि वह यह हथियार किससे और किस मकसद से लाया था। 

आरोपी का नाम पता इस प्रकार है। आरोपी जगतार सिंह उर्फ ​​तारा गुज्जर पुत्र अजैब सिंह निवासी गांव मियांपुर, थाना लालड़ू हाल निवासी दादपुरा मोहल्ला, मस्जिद के पास, बरवाला रोड डेराबसी, थाना डेराबसी, जिला एसएएस। नागर जिसकी उम्र 19 वर्ष है, 08 कक्षा उत्तीर्ण है और अविवाहित है। सुपुर्दगी विवरण:- 01 पिस्तौल .32 बोर सहित 02 कारतूस। 

अब देखना है कि इस तरह के अपराधों की पूरी तरह से रोक थाम में पुलिस कामयाब कब होती है। इन पर नकली  ही समाज सुख का सांस ले पाएगा। 

मुख्यमंत्री योगशाला के तहत योग कक्षाएं लोकप्रिय

Saturday: 28th September 2024 at 8:53 PM DPRO कार्यालय, जिला जनसंपर्क अधिकारी, साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर

लोगों को मोटापे, अवसाद और पीठ दर्द से मिल रही है राहत 


*योग आसन सिखाने के लिए सरकार द्वारा नियुक्त स्नातकोत्तर प्रशिक्षक अभिषेक राणा
*एक दिन में करते हैं छह योग कक्षाओं संचालन 

ज़ीरकपुर (एसएएस नगर): 27 सितंबर 2024: (कार्तिका कल्याणी सिंह//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी डेस्क)::

आखिरकार लोगों को राहत मिल रही है भारतीय संस्कृति के खज़ाने से ही जिसे बहुत से लोगों ने नए दौर की हवा के कारण खुद ही नज़रअंदाज़ कर रखा था। इन योग कक्षाओं से पता चला है कि लोग मोटापे, अधिक वज़न, पीठ दर्द और अवसाद से बुरी तरह प्रभावित हुए हुए हैं।  समस्या गंभीर रूप धारण कर चुकी है।

कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय से योग में स्नातकोत्तर डिग्री वाले प्रशिक्षक अभिषेक राणा के अनुसार, जीरकपुर क्षेत्र में सीएम योगशाला के तहत संचालित योग कक्षाओं से बहुत से लोगों को राहत मिलने लगी है। अधिक वजन, अवसाद और पीठ दर्द की समस्याएं  बढ़ रहीं थी अब कम हो गई हैं।  बिमारियों से पीड़ित लोगों के लिए  कक्षाएं वरदान साबित हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा शुरू किये गये इस योग कार्यक्रम से राज्य के लोगों को अपनी जीवनशैली बदलने और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने में मदद मिली है। लोग इससे खुश भी बहुत हैं। स्वास्थ्य से बढ़ कर और होता भी क्या है भला। 

अभिषेक राणा, जो माया गार्डन वीआईपी रोड, मैसी के अलंज़ा, स्वास्तिक विहार, नाभा, छतबीर और शताबगढ़ क्षेत्रों में दैनिक योग कक्षाएं संचालित करते हैं, ने कहा कि प्रतिभागियों द्वारा दूसरों को दिया गया फीडबैक समूह में नए प्रवेशकों को लाता है। जिससे कक्षा की क्षमता दोगुनी हो जाती है। 

छतबीड़ की योगाभ्यासी पूनम शर्मा, जिन्होंने नियमित रूप से योग कक्षाओं में भाग लेकर 10 किलो वज़न कम किया, और रवनीत, जो अपनी जीवनशैली में एक बड़े बदलाव के लिए योग कक्षाओं को श्रेय देती हैं, ने कहा कि एक बार जब आप कक्षा में शामिल हो जाते हैं, तो प्राणायाम मॉड्यूल आपको स्थायी रूप से जोड़ता है। 

योग संचालक अभिषेक ने कहा कि यह योग कक्षाएं निःशुल्क हैं और हमें अपने जीवन को स्वस्थ और खुशहाल बनाने के लिए अपनी दैनिक दिनचर्या से समय निकालकर योग का हिस्सा बनना चाहिए।

गुरुवार, 29 अगस्त 2024

ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश, लुधियाना ने किया जेल का दौरा

 29th August 2024 at 5:04 PM From DPRO  कार्यालय जिला जनसंपर्क अधिकारी लुधियाना

सेंट्रल जेल, बोर्स्टल जेल और ज़नाना जेल का लिया जायज़ा    

लुधियाना: 29 अगस्त  2024:(DPRO//मीडिया लिंक//कोमल शर्मा//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी डेस्क):: 
जेल में जाने के बाद बड़ों बड़ों की ज़िन्दगी में तब्दीली आने लगती है। इसके साथ ही सोच में बदलाहट आ जाती है। खुद की समीक्षा भी खुद ही होने लगती है और एटीएम अवलोकन की संभावनाएं भी बनने लगती हैं। लेकिन हर मामले में हर कैदी की कथा व्यथा अलग ही होती है। इनकी मुश्किलें और उम्मीदें भी अलग होती हैं। इन कठिनाईयों  जायज़ा लेने के लिए उच्च अधिकारीयों की एक टीम ने सेंट्रल जेल, बोर्स्टल जेल और ज़नाना जेल का दौरा किया। 

ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, ज़िला कानूनी सेवा प्राधिकरण, लुधियाना हरप्रीत कौर रंधावा ने सेंट्रल जेल, बोर्स्टल जेल और जनाना जेल, लुधियाना का विशेष दौरा किया।

इस अवसर पर उनके साथ सचिव, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, लुधियाना हरविंदर सिंह और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लुधियाना राधिका पुरी भी उपस्थित थे।

हरप्रीत कौर रंधावा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, लुधियाना ने जेल के कैदियों के सामने आने वाली कठिनाइयों की समीक्षा की और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

उन्होंने जेल की बैरकों और रसोई की भी जांच की और साफ-सफाई का भी आकलन किया गया। इसके अलावा, उन्होंने जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, लुधियाना द्वारा कैदियों/बंदियों को प्रदान की जाने वाली मुफ्त कानूनी सहायता योजना के बारे में भी जानकारी दी और माननीय उच्च न्यायालय और माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अपील की विधि के बारे में जागरूक किया और सीमा अवधि की भी जानकारी दी। 

उन्होंने जेल अधीक्षक को निर्देश दिए कि जो भी व्यक्ति सरकारी खर्चे पर अपना केस चलाना चाहते हैं, उनके फार्म भरकर दो दिन के अंदर जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी, लुधियाना के कार्यालय में भेजना सुनिश्चित करें ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।

उन्होंने स्पष्ट किया कि जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, लुधियाना द्वारा उकट जेल में कानूनी सहायता क्लिनिक चलाए जा रहे हैं, जहां पैरा लीगल स्वयं सेवकों को नियुक्त किया गया है। इन क्लीनिकों से कैदी अपने मामले के बारे में कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

अब देखना है कि जेल की मुश्किलें कितने अपराधियों के ह्रदय में परिवर्तन करके उन्हें बदल पाती हैं। कितनों की सोच को किसी और तरफ लगा कर समज के लिए कुछ अच्छा करवा सकती हैं। 

सोमवार, 12 अगस्त 2024

समर्पित आत्‍मा: सिस्‍टर निवेदिता,आज भी आज के भारत के लिए एक प्रेरणा

 25th October  2017 at 09:33 IST By Archana Dutta Mukhopadhyae From PIB Delhi

भारत का एकीकरण उनके दिमाग में सबसे ऊपर था


 
*अर्चना दत्‍ता मुखोपाध्‍याय द्वारा सिस्‍टर निवेदिता की 150वी जयंती (28 अक्टूबर) पर विशेष लेखः  

*अर्चना दत्‍ता मुखोपाध्‍याय

महान स्‍वतंत्रता सेनानी बिपिन चन्‍द्र पाल ने कहा था, ‘मुझे संदेह है कि किसी और भारतीय ने उस प्रकार भारत से प्रेम किया होगा, जैसे निवेदिता ने किया था।’ टैगोर ने भारत को उनकी स्‍व-आहूतिपूर्ण सेवाओं के लिए उन्‍हें ‘लोक माता’ की उपाधि दी थी। सुश्री मार्ग्रेट एलिजाबेथ नोबल को स्‍वामी विवेकानंद द्वारा ‘समर्पित’ निवेदिता का नया नाम दिया गया था।

 भारतीय महिलाओं के उत्‍थान के लिए स्‍वामीजी के उत्‍कट आह्वान से प्रेरित होकर निवेदिता 28 जनवरी, 1898 को अपनी ‘कर्म भूमि’ भारत के तटों पर पहुंची और वास्‍तविक भारत को जानने का कार्य आरंभ कर दिया।  

निवेदिता ने एक राष्‍ट्र के रूप में भारत के आंतरिक मूल्‍यों एवं भारतीयता के महान गुणों की खोज की। उनकी पुस्‍तक ‘द वेब ऑफ इंडियन लाइफ’ अनगिनत निबंधों, लेखों, पत्रों एवं 1899-1901 के बीच एवं 1908 में विदेशों में दिए गए उनके व्‍याख्‍यानों का एक संकलन है। ये सभी भारत के बारे में उनके ज्ञान की गहराई के प्रमाण हैं।

भारतीय मूल्‍यों एवं परम्‍पराओं की महान समर्थक निवेदिता ने ‘वास्‍तविक शिक्षा--- राष्‍ट्रीय शिक्षा’ के ध्‍येय को आगे बढ़ाया और उनकी आकांक्षा थी कि भारतीयों को ‘भारत वर्ष के पुत्रों एवं पुत्रियों’ के रूप में न कि ‘यूरोप के भद्दे रूपों’ में रूपांतरित किया जाए। वे चाहती थीं कि भारतीय महिलाएं कभी भी पश्चिमी ज्ञान और सामाजिक आक्रामकता के मोह में न फंसे और ‘अपने वर्षों पुराने लालित्‍य एवं मधुरता, विनम्रता और धर्म निष्‍ठा’ का परित्‍याग न करें। उनका विश्‍वास था कि भारत के लोगों को ‘भारतीय समस्‍या के समाधान के लिए’ एक ‘भारतीय मस्तिष्‍क’ के रूप में शिक्षा प्रदान की जाए।

निवेदिता ने 1898 में कोलकाता के उत्‍तरी हिस्‍से में एक पारम्‍परिक स्‍थान पर अपना प्रायोगिक विद्यालय खोला न कि नगर के मध्‍य हिस्‍से में जहां अधिकतर यूरोप वासी रहते थे। उन्‍हें वास्‍तव में अपने पड़ोस के हर दरवाजे पर जाकर छात्रों के लिए भीख मांगनी पड़ती थी। उनकी इच्‍छा थी कि उनका विद्यालय आधुनिक युग की ‘मैत्रेयी’ और ‘गार्गी’ का निर्माण करें और इसे एक ‘महान शैक्षणिक आंदोलन’ का केन्‍द्र बिन्‍दु बनाए।

विद्यालय की गतिविधि‍यां सच्‍चे राष्‍ट्रवादी उत्‍साह में डूबी हुई थीं। जब देश में ‘वन्‍दे मातरम’ पर प्रतिबद्ध लगा हुआ था, उस वक्‍त यह प्रार्थना उनके विद्यालय में गाई जाती थी। जेलों से स्‍वतंत्रता सैनानियों की रिहाई उनके लिए जश्‍न का एक अवसर हुआ करता था। निवेदिता अपने वरिष्‍ठ छात्रों को स्‍वतंत्रता आंदोलन के महान भाषणों को सुनने के लिए ले जाया करती थीं जिससे उनमें स्‍वतंत्रता संग्राम के मूल्‍यों को पिरोया जा सके।

1904 में निवेदिता ने महान संत ‘दधीचि’ स्‍व आहुति के आदर्शों पर केन्‍द्र में ‘व्रज’ के साथ पहले भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज की एक प्रतिकृति की डिजाइन बनाई थी। उनके छात्रों ने बंगला भाषा में ‘वंदे मातरम’ शब्‍दों की कशीदाकारी की थी। इस ध्‍वज को 1906 में भारतीय कांग्रेस द्वारा आयोजित एक प्रदर्शनी में भी किया गया था।

उनके लिए शिक्षा सशक्तिकरण का एक माध्‍यम थी। निवेदिता ने अपने छात्रों को उनके घरों से आजीविका अर्जित करने में सक्षम बनाने के लिए उन्‍हें पारंपरिक ज्ञान के साथ-साथ हस्‍तकलाओं एवं स्‍व-रोजगार प्रशिक्षण भी दिया। वह वयस्‍क एवं युवा विधवाओं को शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में लेकर आईं। निवेदिता ने अपने दिमाग में पुराने भारतीय उद्योगों के पुरुत्‍थान एवं उद्योग तथा शिक्षा के बीच संपर्क स्‍थापित करने की एक छवि बना रखी थी।

निवेदिता ने भारतीय मस्तिष्‍कों में राष्‍ट्रवाद प्रज्‍ज्वलित करने में महान भूमिका निभाई। उन्‍होंने भारत के पुरुषों एवं महिलाओं से अपील की कि वे अपनी मातृभूमि से प्रेम करने को अपना नैतिक कर्तव्‍य बनाए, देश के हितों की रक्षा करना अपनी ‘जिम्‍मेदारी’ समझें और मातृभूमि की पुकार पर किसी भी आहूति के लिए तैयार रहें।

भारत का एकीकरण उनके दिमाग में सबसे ऊपर था और उन्‍होंने भारत के लोगों से अपने दिल एवं दिमाग में इस ‘मंत्र’ का उच्‍चारण करने का आग्रह किया कि ‘भारत एक है, देश एक है और हमेशा एक बना रहेगा।’

 निवेदिता ने 1905 में पूरे मनोयोग से स्‍वदेशी आंदोलन का स्‍वागत किया और कहा कि विदेशी वस्‍तुओं का बहिष्‍कार करना केवल राजनीति या अर्थव्‍यवस्‍था का मसला ही नहीं है बल्कि यह भारतीयों के लिए एक ‘तपस्‍या’ भी है।

निवेदिता विभिन्‍न विषयों पर एक सफल लेखिका थीं। ज्‍वलंत मुद्दों पर भारत के दैनिक समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में छपे उनके लेख लोगों में देशभक्ति की भावना जगाते थे और उन्‍हें कदम उठाने के लिए प्रेरित करते थे, चाहे यह स्‍वतंत्रता आंदोलन हो, कला एवं संस्‍कृति का उत्‍थान हो या आधुनिक विज्ञान या शिक्षा के क्षेत्र में उन्‍हें आगे बढ़ाना हो। 

निर्धनों एवं जरूरतमदों के प्रति निवेदिता की सेवाएं, चाहे कोलकाता में प्‍लेग महामारी के दौरान हो या बंगाल में बाढ़ के दौरान, उनके बारे में बहुत कुछ कहती हैं। निवेदिता भारत में किसी भी प्रगतिशील आंदोलन में एक उल्‍लेखनीय ताकत बन गई।

वास्‍तव में उनकी 150वीं जयंती मनाने के इस अवसर पर राष्‍ट्र को उनके बहुआयामी व्‍यक्तित्‍व के योगदान का पुनर्मूल्‍यांकन करने की जरूरत है। निवेदिता ने भारत में महिलाओं के लिए ‘प्रभावी शिक्षा’ एवं ‘वास्‍तविक मुक्ति’ को ‘कार्य करना, तकलीफें झेलना और उच्‍चतर  स्थितियों में प्रेम करना, सीमाओं से आगे निकल जाना; महान प्रयोजनों के प्रति संवेदनशील रहना; राष्‍ट्रीय न्‍यायपरायणता द्वारा रूपांतरित होना, के रूप में परिभाषित किया है। यह आज के भारत में महिलाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा है जो जीवन के कठिन कार्यक्षेत्र में सामाजिक पूर्वाग्रहों, वर्जनाओं एवं सांस्कृतिक रूढि़यों के खिलाफ लड़ते हुए अपने कौशलों को प्रखर बना रही हैं। 

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* अर्चना दत्‍ता प्रशासनिक सेवा की एक पूर्व अधिकारी हैं। वह महानिदेशक (समाचार), आकाशवाणी एवं दूरदर्शन थीं।

आलेख में व्‍यक्‍त विचार लेखिका के निजी विचार हैं।

वीके/एसकेजे/वाईबी/वीके/पी- 199// (Release ID :67823)


सोमवार, 29 जुलाई 2024

बीड़ी श्रमिकों के लिए रोजगार एवं कौशल प्रशिक्षण के अवसर

Posted on: 29 JUL 2024 7:02PM by PIB Delhi 

प्रशिक्षण के साथ साथ वैकल्पिक रोजगार के अवसर भी 


नई दिल्ली
: 29 जुलाई 2024: (पीआईबी//इनपुट-मीडिया लिंक-पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी डेस्क)::

कितनी कठिन होती है दो वक्त की रोटी कमानी! बस सारी उम्र इसी तरह निकल जाती है। बचपने से काम शुरू हो  औरफिर अंतिम  रहता है। काम बड़ा हो या छोटा:अच्छा हो या बुरा उसे ज़िन्दगी भर करना ही बहुत से लोगों की तक़दीर बन जाती है। बीड़ी सिगरेट बनाने का काम भी इसी  है। अब सिगरेट तो ऊंचे दर्जे में आ चुकी है लेकिन बीड़ी अभी भी गरीब लोगों का साथ दे रही है। गरीबी रेखा से  वाले भी इसकी दोस्ती नहीं भूलते। इसके बावजूद बीड़ी का कारोबार बहुत ऊँचे स्केल का है। इसमें काम करने वाले लोगों की संख्या भी बहुत बड़ी है। इन लोगों के ज़िन्दगी बस यहीं की हो कर जाती है। स्वास्थ्य को नुक़साम की संभावनाएं भी यहाँ  होतीं। सरकार इन्हें इस काम धंधे से हटाना भी चाहती है। इस मकसद के लिए सर्कार जहांईन्हें इस काम का कौशल प्रदान करती है वहीँ इनके लिए वैकल्पिक काम की चिंता  है। दोनों रास्ते सरकार ने इनके सामने खोल रखे हैं। 

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सहयोग से प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के अंतर्गत बीड़ी श्रमिकों तथा उनके आश्रितों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया है।

जानकारी के अनुसार अप्रैल, 2017 से लेकर मार्च,2020 की अवधि के दौरान कुल 7262 और 2746 बीड़ी श्रमिकों को प्रशिक्षित किया गया तथा वैकल्पिक रोजगार के अवसर प्रदान किये गए हैं।

बीड़ी श्रमिकों के बच्चों को प्रथम श्रेणी से लेकर कॉलेज/विश्वविद्यालय तक की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता, वर्ग के आधार पर प्रति वर्ष प्रति छात्र 1000/- रुपये से लेकर 25,000/- रुपये तक दी जाती है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में बीड़ी/सिने/गैर-कोयला खदान श्रमिकों के कुल 96051 बच्चों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण-आधार भुगतान ब्रिज सिस्टम (डीबीटी-एपीबी) भुगतान पद्धति के माध्यम से 30.68 करोड़ रुपये प्रदान किये गए हैं।

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से बीड़ी श्रमिकों सहित असंगठित कामगारों के लाभ के लिए विभिन्न मंत्रालयों/विभागों द्वारा कार्यान्वित की जा रही अलग-अलग सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच को सुविधाजनक बना रहा है।

यह जानकारी केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री श्रीमती शोभा करंदलाजे ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

अब देखना है कि सरकार की पेशकश का फायदा कितने लोग हैं। सरकार के साथ साथ इनका परिवार, इनका शरीर और इनका स्वास्थ्य भी पूछता है:

बोल मेरी तकदीर में क्या है! मेरे हमसफ़र अब तो बता!

जीवन के दो पहलू हैं! धूआं धूआं और रास्ता!

*******//एमजी/एआर/एनके/डीवी//(रिलिज आईडी: 2038759) 

सोमवार, 10 जून 2024

सप्लीमेंटस लिए बिना बॉडी बिल्डिंग कैसे संभव है?

Monday 10th June 2024 at 12:15 AM 

कैसे बच हैं सकते सप्लीमेंटस के साइड इफेक्टस से? 


लुधियाना
: 10 जून 2024: (कोमल शर्मा//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी डेस्क)::

आजकल के व्यस्त युग के रंग ढंग बिक्लुल ही अलग हैं। विरोधी चलन भी एक साथ सामने आने लगे हैं। लोग जिम में भी जाने लगे है लेकिन उनका मोटापा भी बढ़ने लगा है। अधखड़ और वृद्ध लोग तो हुए ही युवा वर्ग भी बुरी तरह से मोटापे के शिकार बन रहा है। दिलचस्प बात है कि ये लोग जिम जाने और लंबी सैर के तजुर्बे भी अच्छी तरह से कर चुके हैं।  इसी बीच जो सवाल उठते रहे हैं उनमें एक सवाल जिम जाने वालों में बढ़ते हुए सप्लीमेंटस के चलन से भी है।  सप्लीमेंटस के साईड इफेक्टस में मोटापा जैसी बुराई भी संभव है? क्या सप्लीमेंटस लिए बिना बॉडी बिल्डिंग संभव भी है क्या? कही सप्लीमेंटस का प्रयोग जिम कल्चर का स्थाई हिस्सा तो नहीं बन गया? या जिम संचालक इसे अपने मुनाफे के लिए बिना सही ज़रूरत के तो नहीं बेच रहे?

ऐसे बहुत से सवाल हैं जिनके जवाब हम समय समय पर इस क्षेत्र के एक्सपर्ट लोगों से बात कर के तलाशते रहेंगे।  इस पोस्ट में हम इसी सवाल की चर्चा करते हैं कि क्या सप्लीमेंट्स के बिना बॉडी बिल्डिंग संभव है ?

तो इस सवाल का जवाब है कि जी हाँ, सप्लीमेंट्स लिए बिना भी बॉडी बिल्डिंग पूरी तरह से संभव है। सप्लीमेंटस विशेषज्ञों की सलह के बिना कभी नहीं लेने चाहिएं। बहुत से लोग बिना किसी सप्लीमेंट के अच्छी बॉडी बना सकते हैं। गांवों में तो अब भी अच्छा खानपान पूरी शुद्धता के साथ उपलब्ध है। शहरों में भी जिम जाने वालों के लिए इसके लिए सही डाइट, नियमित एक्सरसाइज, और पर्याप्त आराम की आवश्यकता होती है। यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं जो बिना सप्लीमेंट्स के बॉडी बिल्डिंग में मदद कर सकते हैं:

इनमें सबसे पहले हम बात करते हैं-सही पोषण की कि यह कितना  महत्वपूर्ण है। इसके लिए नियमित खानपान और खुराक में क्या क्या होना चाहिए?

प्रोटीन: प्रोटीन इस मामले में सबसे पहले आता है। मांसपेशियों के निर्माण के लिए प्रोटीन बहुत ही आवश्यक है। आप प्रोटीन प्राप्त करने के लिए अंडे, चिकन, मछली, दालें, बीन्स, और डेयरी उत्पादों का सेवन कर सकते हैं। इस मकसद के लिए कुछ अन्य स्रोत भी संभव है। 

कार्बोहाइड्रेट्स: इनका भी शरीर के लिए अलग से गहरा महत्व है। ये ऊर्जा प्रदान करते हैं जो वर्कआउट के लिए आवश्यक होती है। आप साबुत अनाज, चावल, आलू, और फल से अच्छे कार्बोहाइड्रेट्स प्राप्त कर सकते हैं। इनसे मिलने अली ऊर्जा बहुत महत्वपूर्ण है। 

फैटस: के बिना भी इस मामले में पूरी बात नहीं बनती। स्वस्थ फैटस भी बॉडी के लिए बहुत ही जरूरी हैं। आप नटस, बीज, एवोकाडो, और ओलिव ऑयल से स्वस्थ फैट्स प्राप्त कर सकते हैं।

विटामिन और मिनरल्स: प्राप्त करने के लिए ताज़े फल और सब्जियों का सेवन करें ताकि आपके शरीर को सभी आवश्यक विटामिन और मिनरल्स मिल सकें। इनका महत्व इतना कि इन पर अलग से ही काफी कुछ कहा और लिखा जा सकता है। 

नियमित एक्सरसाइज: नियमित व्यायाम या एक्सरसाइज़ तो हर हाल में लाइफ स्टाईल में होनी ही चाहिए। इनसे बॉडी के साथ दिमाग और मन ोकभी शक्ति मिलती है। साथ में प्राणायाम शामिल हो सके तो और भी अच्छा। इसके फायदों की तो कोई सीमा ही नहीं। 

वजन उठाना या वेट लिफ्टिंग (Strength Training) मांसपेशियों के विकास के लिए बहुत ही आवश्यक है। इसमें कंपाउंड एक्सरसाइज जैसे स्क्वाट्स, डेडलिफ्ट्स, बेंच प्रेस, और रोविंग शामिल हैं।

इस सब के साथ साथ कार्डियोवस्कुलर एक्सरसाइज भी करें ताकि आपका हृदय स्वस्थ रहे और आपकी सहन शक्ति लगातार बढ़ती रहे। 

आराम और रिकवरी भी काम महत्वपूर्ण नहीं हैं। यह बहुत ही ज़रूरी है कि उचित नींद लें। मांसपेशियों की रिकवरी और विकास के लिए नींद बहुत महत्वपूर्ण है। वर्कआउट के बाद उचित आराम दें ताकि आपकी मांसपेशियाँ ठीक से ठीक हो सकें और बढ़ सकें। कुछ लोग जो निरंतर सख्त मेहनत करते हैं उनमें वे लोग  रहते  हर डेड  के बा कुछ पलों का  हैं या अपनी सीट  छोटी सी झपकी ले लेते हैं। 

हाइड्रेशन की तरफ ध्यान देना बहुत आवश्यक है। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। पानी आपके शरीर की सभी प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक है, खासकर जब आप भारी वर्कआउट करते हैं। इस तरह विशेष ध्यान लगातार ज़रूरी। है 

समयबद्धता और अनुशासन  तन और मन दोनों को ही संगीत माय बनाए रकने में सहायक रहते हैं।नियमितता और अनुशासन बिना भूले लगातार बनाए रखें। प्रगति धीरे-धीरे होती है, इसलिए धैर्य और मेहनत से काम करें। अनुशासन के फायदे भी अनगिनत हैं। 

आखिर में एक बार फिर स्पष्ट कर दें कि बॉडी बिल्डिंग में सप्लीमेंट्स की आवश्यकता इतनी भी नहीं होती जितनी अब समझी जाने लगी है। लेकिन वे कुछ लोगों के लिए सुविधाजनक हो सकते हैं। अगर आप सही तरीके से पोषण लेते हैं और नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, तो बिना सप्लीमेंटस के भी आप अच्छी बॉडी बना सकते हैं।

बुधवार, 22 मई 2024

भाजपा की चुनावी स्टार प्रचारक प्रीति सप्रू को याद है लहूलुहान दिनों का दर्द

Wednesday 22nd May 2024 at 17:07

वरिंदर की हत्या को कभी नहीं भूल पाई प्रीति सप्रू


लुधियाना
: 22 मई 2024: (मीडिया लिंक टीम//पंजाब स्क्रीन ब्लॉग टीवी डेस्क)::

इस बार के लोकसभा चुनावों में कुछ बातें उभर का सामने आई हैं। केवल कुर्सी की ललक रखने वाले एक भीड़ की तरह सामने आए हैं। इसके साथ ही आई ए एस और आई पी एस अधिकारी भी खुल कर सामने आए हैं। इन के साथ ही प्रीति सप्रू जैसी संवेदनशील और बेहद अनुभवी फ़िल्मी शख्सियतें भी सामने आई हैं।  इसके साथ ही आम लोगों के लिए किए गए काम भी चर्चा का विषय बने हैं। आज भाजपा समर्थक बैठकों में इस बात की चर्चा रही कि पिछले दस वर्षों के दौरान केन्द्र सरकार की योजनाओं को शत-प्रतिशत संतृप्ति के करीब लाने में सफल रही है केंद्र सरकार। इसके सच की चर्चा भी हम करते रहेंगे लेकिन फ़िलहाल सबसे पहले बात करते हैं प्रीति सप्रू के पंजाब आने की। 

प्रीति सप्रू वह शख्सियत है जिसने फिल्म निर्माण, फिल्म निर्देशन और अदाकरी को बेहद नज़दीक से देख और समझा है।   वह बहुत से अवार्डों और सम्मानों से भी सम्मानित हो चुकी हैं। पंजाब के लिए कुछ करने की तमन्ना भी उनके मन में शिद्द्त है तांकि पंजाब के दर्द की दवा हो सके। इसकी वजह है कि उन्होंने पंजाब के इस दर्द को बहुत शिद्दत से महसूस किया है। अपने वरिष्ठ नायक, निर्देशक और निर्माता की जघन्य हत्या उनके लिए बहुत बड़ा सदमा रही। पंजाब के लहूलुहान इतिहास में छह दिसंबर 1988 का दिन आज भी बहुत से लोगों को याद होगा जब पंजाब की फिल्म इंडस्ट्री में जान फूंकने वाले जानेमाने फिल्म मेकर विरेंद्र की फिल्म शूटिंग के दौरान ही गांव  तलवंडी सलेम में हत्या कर दी गई थी। स्वर्गीय विरेंद्र की फिल्म मेकिंग टीम में बहुत सी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाने वाली प्रीति सप्रू के मन में अब भी वह दर्द ताज़ा है। वह पंजाब के दर्द की दवा भी करना चाहती हैं। 

आज उन्होंने कहा कि प्रत्येक कल्याणकारी योजना आम आदमी को ध्यान में रखकर बनाई गई है और इस मकसद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं रूचि लेते रहे। भारतीय जनता पार्टी लुधियाना द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन वेलकम पैलेस में किया गया।जिसमे भाजपा नेत्री प्रीति सप्रू,भाजपा जिला प्रधान रजनीश धीमान,प्रदेश सचिव रेनू थापर व महिला मोर्चा की प्रधान शीनू चुग उपस्थित थे । भाजपा नेत्री प्रीति सप्रू ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नागरिकों को सरकारी कल्याणकारी लाभों की पहुँच हर घर तक सुनिश्चित की है।

एक समय था जब गरीब नागरिक को छोटे-छोटे लाभों के लिए भी उनके दफ्तरों के  बार-बार चक्कर लगाने पड़ते थे और उनको हताशा में अपना अधिकार छोड़ना पड़ता था। परंतु अब,प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने सब कुछ बदल दिया है। देश के नागरिकों को सरकारी योजना का केंद्र बिंदु बना दिया है और प्रत्येक कल्याणकारी योजना आम आदमी को ध्यान में रखकर बनाई गई है, यह प्रधानमंत्री के दूरदर्शी और कल्पनाशील नेतृत्व के कारण संभव हुआ है।भारत में एक नई कार्य संस्कृति शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को हमेशा श्रेय दिया जाएगा, जिसमें प्रत्येक गरीब समर्थक और लोक कल्याण योजनाओं को इस तरह से डिजाइन किया गया, ताकि वह जाति, पंथ, धर्म या वोट की परवाह किए बिना अंतिम पंक्ति में सबसे जरूरतमंद या अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके।प्रीति स्प्रू  ने कहा को पिछले दस वर्षों की छोटी सी अवधि के दौरान केन्द्र कई योजनाओं को शत-प्रतिशत संतृप्ति के करीब लाने में सफल रहा है और 'सबका साथ,सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' के सिद्धांत का पालन करते हुए पात्र लोगों को लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा एक नई अवधारणा थी, जिसका उद्देश्य उज्ज्वला योजना, स्वनिधि, पीएम आवास योजना आदि जैसी सभी सरकारी योजनाओं को संतृप्त करना था।

उन्होंने बताया कि लुधियाना के 45116 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत हर साल 6000 रुपये मिल रहे हैं। इतना ही नहीं लुधियाना में 4981 सॉयल हेल्थ कार्ड बने हैं । इतना ही नहीं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के लुधियाना हल्के में 734338 कार्ड धारकों को मुफ्त राशन और आयुष्मान भारत योजना के तहत 402024 लोगों को मुफ्त ईलाज मिल रहा है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत लुधियाना के 26,803 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया,प्रीति सप्रू ने सभी मतदाताओं से अपील की कि वह आप,कांग्रेस और अकाली दल के झांसे में न आएं और विकसित देश और विकसित पंजाब को ध्यान में रखते हुए भाजपा के पक्ष में वोट दें। 

आज की इस प्रेस वार्ता में भाजपा जिला उपाध्यक्ष यशपाल जनोत्रा,पंकज जैन,प्रेस सचिव डा.सतीश कुमार, कारण गोसाई,अरुण कुमार आदि मौजूद थे।